खतरे के निशान से ऊपर घाघरा नदी, 20 गांवों में बाढ़ के हालात… नाव से आने जाने को मजबूर किसान | UP Gonda Ghaghra river water flowing on danger mark heavy rains flood situation stwn

गोंडा जिले में एक बार फिर घाघरा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से 32 सेंटीमीटर ऊपर आ गया है. हर साल की तरह इस बार भी जिले की दो तहसील करनैलगंज और तरबगंज के इलाकों में घाघरा तबाही मचा रही है. घाघरा का जलस्तर बढ़ने से ग्रामीण इलाकों में पानी लगातार बढ़ रहा है. पानी का बहाव इतना तेज है कि नवाबगंज से घेमवाघाट होते हुए अयोध्या को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग टूट गया है.करीब 20 गांवों को घाघरा ने अपने आगोश में ले लिया है जिससे हजारों की आबादी प्रभावित है. इस इलाके के लोगो को ऊंचे स्थानों पर जाने के लिए सिर्फ नाव ही एक साधन है.
20 गांव में बाढ़ का पानी घुसा
जिले के नवाबगंज इलाके के दत्तनगर, शाखीपुर, गोकुला, तुलसीपुर बेयूदा, बहादुरपुर समेत करीब 20 गांव में बाढ़ का पानी भरा हुआ है दत्तनगर के निवासी धन्नजय सिंह ने बताया महंगाई के चलते खेती में भरपूर पैसा लगता है और ऐसे में जब कड़ी मशक्कत के बाद फसल तैयार होती है तो बाढ़ का पानी फसलों को नुकसान पहुंचा देती है. जिला प्रशासन तो यहां कोई राहत नहीं पहुंचा रहा है. बाढ़ के पानी से गांव वाले बहुत परेशान हैं.
बैराजों से छोड़ा जा रहा लाखों क्यूसेक पानी
पहाड़ों पर बारिश और नेपाल से लगातार पानी छोड़े जाने के चलते इस क्षेत्र में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. शारदा, गिरिजा औऱ सरयू बैराजों से लगभग 4 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते गोंडा जिले के तरबगंज और कर्नलगंज तहसील क्षेत्रों के दर्जनों गांव पर बाढ़ का खतरा मंडरा है. नदी के तलहटी इलाके जलमग्न है तो वहीं लोग पलायन को मजबूर है. घाघरा नदी ने जब रौद्र रूप धारण किया तो लोगों ने नदी के तलहटी इलाकों को छोड़कर ऊंचे स्थानों पर जाकर अपना आशियाना बनाना शुरू किया है वहीं कटान के डर से लोग खुद ही अपना आशियाना तोड़ रहे है.
जिला प्रशासन से लगा रहे मदत की गुहार
बाढ़ पीड़ित अब जिला प्रशासन से मदद की गुहार कर रहे हैं. दरअसल इस बार जुलाई के शुरुआत में ही लगातार बारिश होने के चलते घाघरा का जलस्तर बढ़ गया है. लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने के चलते गोंडा जिले में गांव, सड़क, स्कूल और घाघरा नदी का किनारे सब जलमग्न हो गए हैं. कई गांवों और स्कूलों में सम्पर्क मर्ग कटा है तो कई इलाकों में सड़क कट गई है और लोगों को काफी दिक्कतों का सामना उठाना पड़ रहा है. जिला प्रशासन लगातार राहत एवं बचाव कार्य की बात तो कर रहा है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और है. बाढ़ प्रभावित इलाके के लोग परेशान हैं और उनके सामने अपने साथ-साथ मवेशियों के चारे और रहने की दिक्कत है. बाढ़ प्रभावित इलाके की करीब 20 फीसदी आबादी और लगभग 11000 मवेशी प्रभावित हैं.
बाढ़ को लेकर क्या बोलीं जिला अधिकारी
जिला अधिकारी नेहा शर्मा के मुताबिक जिला प्रशासन लगातार सतर्क है 27 बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. हमारे साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग और बाढ़ खंड के अधिकारी लगातार बंधे पर जा रहे बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर राहत सामग्री पहुंचा रहे हैं. समस्या के समाधान के लिए हमने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और जरूरतमंदों तक लोगों की मदद में मुस्तैद है.