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कानपुर का खूनी हाईवे! 10 साल में 1000 से ज्यादा लोगों की चली गई जान

कानपुर का खूनी हाईवे! 10 साल में 1000 से ज्यादा लोगों की चली गई जान

कानपुर सागर हाईवे

जिंदगी को रफ्तार देने में हाईवे का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहता है. शायद इस वजह से सरकार की प्राथमिकता में भी हाइवे का निर्माण आता है. हालांकि कई बार प्रशासन की लापरवाही की वजह से यह हाईवे ही लोगों की जिंदगी के लिए काल बन जाते हैं. ऐसा ही एक हाईवे उत्तर प्रदेश के कानपुर में सागर हाईवे है. सागर हाईवे को “खूनी हाईवे” का नाम दिया गया है.

केंद्र सरकार के डाटा के अनुसार रोड एक्सीडेंट से मौत के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे अव्वल नंबर पर है. 2018 से 2022 के बीच सिर्फ उत्तर प्रदेश में एक लाख आठ हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं. कानपुर में सत्यपथ फाउंडेशन ने एक ज्ञापन डीएम कानपुर को दिया है, जिसमें इस खूनी हाईवे का जिक्र किया गया है. स्थानीय लोगों के अनुसार पिछले 10 सालों में इस हाईवे पर 1000 से ज्यादा जान जा चुकी हैं. ऐसे में इस हाईवे पर गाड़ी चलाने में लोगों में दहशत है.

लगातार बढ़ रहे मौत के आंकड़े

लोगों का कहना है कि मानक के विपरीत डिवाइडर, बेलगाम चलते मौरंग के डंपर और पुलिस की अनदेखी की वजह से इस हाइवे पर मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे है. लोगों ने इस संबंध में प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक बात पहुंचाई गई है, लेकिन इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं होती है. ऐसे में जिस तरह से मौत के आंकड़े बढ़ते जा रहे है उसको देखते हुए स्थानीय लोग अब इस हाईवे से गुजरते हुए डरने लगे हैं. लोगों ने विधायकों से मांग की है कि चल रहे विधानसभा सत्र में भी इस मुद्दे को उठाया जाए.

क्या है वजह?

इस हाईवे से हर रोज 5 हजार से ज्यादा छोटे और भारी वाहन निकलते हैं. ऐसे में क्षमता से अधिक भारी वाहनों के फर्राटा भरने की वजह से सड़क हादसे होते हैं. प्रशासन ने हाइवे में सड़क हादसे रोकने के लिए यहां तमाम ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर संकेतक लगाए गए हैं, लेकिन इसके बावजूद लगातार एक्सीडेंट में लोग मर रहे हैं.



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