12 साल से बाबा की थी भक्त, हाथरस सत्संग हादसे में गंवा बैठी जान; बिलख पड़ा पति | Hathras After the accident lost faith in Baba will not go to satsang now-stwam


बाबा से उठा भरोसा
हाथरस में हुई एक घटना और सारा भरोसा चकनाचूर हो गया. इस हादसे का शिकार हुआ एक परिवार, जिसने अब बाबा के सत्संग में कभी न जाने की कसम खा ली है. हाथरस में हुए हादसे में ग्रेटर नोएडा के दादरी कस्बे के रहने वाले मान सिंह और उनकी पत्नी का बाबा के प्रति बहुत आस्था और भरोसा था. लेकिन इस हादसे के बाद से उनकी आस्था बाबा से हट चुकी है.
हालांकि, मान सिंह ने खुद पहले दादरी के रहने वाले कई लोगों को जोड़ा था. मान सिंह सत्संग से बाबा का लोकेट लाए थे. उस लोकेट को भी गले से उतार दिया. इस हादसे में पत्नी को खोने के बाद बोले, अब दोबारा सत्संग में नहीं जाएंगे. मान सिंह के घर पर बाबा से जुड़े लोग, मान सिंह और उनके परिवार को बरगलाने के लिए आए, जिसके बाद मोहल्ले के लोगों ने उनको हटा दिया.
12 साल से जुड़े थे सत्संग से
हाथरस में 2 जुलाई को हुए हादसे में 123 लोगों की मौत हुई और बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे घायल हुए थे. गौतम बुध नगर जिले के दादरी कश्मीर में रहने वाले मानसिंह पिछले 12 साल से नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा से जुड़े हुए थे. मानसिंह और उनकी पत्नी सुमित्रा हर साल उनके सत्संग में जाते थे. 2 जुलाई को हुए इस सत्संग में भी वह अपनी पत्नी सुमित्रा के साथ बस से गए थे.
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मान सिंह ने बताया कि उनको दादरी की रहने वाली एक महिला ने बाबा से जुड़ने के लिए बोला था. जब बाबा से जुड़ गए तो इसके बाद उन्होंने भी दादरी में रहने वाले कई लोगों को बाबा से जुड़वाया. लेकिन हादसा होने और अपनी पत्नी को खोने के बाद उनके मन में बाबा के प्रति आस्था खत्म हो गई है. मान सिंह के बताया उस दिन चार-पांच लाख लोगों की भीड़ जुटी हुई थी. मान से सवाल किया की सत्संग का वीडियो या मोबाइल से रिकॉर्डिंग क्यों नहीं करने देते थे? तो उनका कहना है कि जो सेवादार है वह मोबाइल और वीडियो बनाने के लिए माइक से मना करते थे, इसलिए कोई भी वीडियो नहीं बनाता था. महिलाएं बाबा का अपना मन से पति मानने वाले सवाल पर मान सिंह बोले कि बाबा बोलते थे मेरे नाम का सुमिरन करो.