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काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर संवारा जाएगा कानपुर का सिद्धनाथ मंदिर, ये रहा प्लान | kanpur sidhnath temple corridor religious meaning nagar nigam stwss

काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर संवारा जाएगा कानपुर का सिद्धनाथ मंदिर, ये रहा प्लान

भगवान भोलेनाथ का सिद्धनाथ मंदिर

काशी विश्वनाथ के भव्य कॉरिडोर के बाद अब कानपुर में भी एक नए कॉरिडोर बनने की तैयारी की जा रही है. कानपुर के जाजमऊ स्थित भगवान भोलेनाथ का सिद्धनाथ मंदिर जिसे दूसरी काशी कहा जाता है, उसका कॉरिडोर बनाया जाएगा. इसके निर्माण के लिए कानपुर नगर निगम ने कमर कस ली है. पहले चरण की प्लानिंग कर ली गई है और इसके लिए लगभग चार करोड़ रुपए का बजट भी पास होने की बात हुई है.

पहले चरण में मंदिर के आसपास के क्षेत्र को विकसित किया जाएगा. घाटों की साफ सफाई साथ-साथ पार्किंग, दुकानों के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है. कॉरिडोर निर्माण के लिए अधिकारियों के साथ मीटिंग हो गई है और निर्माण कार्य को जनवरी तक शुरू करने के आदेश भी दे दिए गए हैं.

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क्या है धार्मिक मान्यता ?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, कानपुर के भगवान भोलेनाथ के सिद्धनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि अगर यहां हो रहे यज्ञ में कौवा हड्डी ना फेंकता तो स्थान भी काशी कहलाती. मोक्ष दायिनी मां गंगा के तट पर स्थित इस मंदिर का इतिहास त्रेता युग का है. यहां पर स्थित शिवलिंग के बारे में कहा जाता है कि राजा ययाति के राज्य में यह शिवलिंग खुदाई में प्राप्त हुई थी, जिसके बाद इसको सिद्ध किया गया.

दूसरे चरण में क्या ?

इस स्थान को पहली काशी होने का सौभाग्य इस लिए नहीं प्राप्त हुआ था क्योंकि राजा ययाति द्वारा कराए गए 100 यज्ञ के आखिरी यज्ञ के दौरान कौवे ने हवन कुंड में हड्डी फेंक दी थी. जिसके चलते यह काशी बनने से चूक गया. लेकिन 99 यज्ञ हो जाने के बाद यह इस मंदिर को द्वितीय काशी का दर्जा प्राप्त है. फिलहाल बनारस के बाबा विश्वनाथ के बाद कानपुर के सिद्धनाथ सरकार का कॉरिडोर अब बनने जा रहा है जिससे भक्तों में काफी खुशी का माहौल है. प्लेन के मुताबिक दूसरे चरण में मंदिर में जाने वाले रास्तों का निर्माण, मंदिर तक पहुंचने वाले रास्तों को फोरलेन करने के साथ-साथ मुख्य द्वार का सुंदरीकरण शामिल है.

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