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गर्भगृह में विराजे ‘रघुनंदन’, देखें राम मंदिर में रामलला की पहली झलक | Ramlala idol installed in temple in Ayodhya Gandhadhivas worship anusthan of Lord Ram begins stwar

गर्भगृह में विराजे 'रघुनंदन', देखें राम मंदिर में रामलला की पहली झलक

गर्भगृह में रखी गई रामलला की मूर्ति.

अयोध्या में गुरुवार 18 जनवरी को नए बने भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति को स्थापित किया गया. पूजा- संकल्प के बाद रामलला के नवनिर्मित विग्रह को गर्भगृह में स्थापित किया गया. गुरुवार को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह लाया गया. इसके बाद कारीगरों ने मूर्ति को आसन पर खड़ा किया. इस प्रक्रिया में करीब चार घंटे का वक्त लगा. इसके बाद मूर्ति को अनाज, फल, घी और सुगंधित जल में रखा गया. इसके साथ ही मूर्ति का गंधादिवास प्रारंभ हो गया है. 22 जनवरी को मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष गोविन्द गिरी जी महाराज ने बताया कि आज पूजा-संकल्प के साथ ही भगवान को गर्भगृह में विराजमान कर दिया गया. उन्होंने कहा कि भगवान रामलला का गंधादिवास प्रारंभ हो गया है. गोविंद गिरी जी महाराज ने बताया कि शुभ मुहूर्त के हिसाब से आज सबसे पहले दोपहर 1:20 पर संकल्प लिया गया. उसके बाद तमाम तरह के वैदिक ऋचाओं के बाद एक तरफ से पूजा-अर्चना तो दूसरी तरफ भगवान के विग्रह को गर्भगृह में विराजित किया गया, क्योंकि यह मामला थोड़ा तकनीकी था, इसलिए इसमें थोड़ा वक्त लगा.

रामलला की पुरानी मूर्ति का क्या होगा?

गोविंद गिरी जी ने बताया कि जिस प्रतिमा की अभी हम और आप पूजा-अर्चना करते हैं या फिर उन्हें देखने के लिए लोग अस्थाई मंदिर में आते हैं. उस प्रतिमा को भी 20 जनवरी को गर्भगृह में लाया जाएगा. उसी दिन उस प्रतिमा को वहां पर स्थापित किया जाएगा. वह भगवान की चल प्रतिमा है, जो अचल प्रतिमा के सामने रहेगी.

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कब शुरू हुई पूजा-अर्चना?

आज गर्भगृह और मंदिर परिसर में वैसे तो सुबह से ही पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी, लेकिन विद्वत मुहूर्त के हिसाब से दोपहर 1:20 पर पूजा शुरू हुई. इसमें मुहूर्तानुसार प्रधान संकल्प, गणेशाम्बिकापूजन, वरुणपूजन, चतुर्वेदोक्त पुण्याहवाचन, मातृकापूजन, बसोर्धारापूजन (सप्तघृतमातृकापूजन), आयुष्यमन्त्रजप, नान्दीश्राद्ध, आचार्यादिऋत्विग्वरण, मधुपर्कपूजन, मण्डपप्रवेश (पृथ्वी-कूर्म- अनन्त-वराह-यज्ञभूमि-पूजन), दिग्रक्षण, पञ्चगव्यप्रोक्षण, मण्डपाङ्गवास्तुपूजन, वास्तुबलिदान, मण्डपसूत्रवेष्टन, दुग्धधारा, जलधाराकरण, षोडशस्तम्भपूजनादि मण्डपपूजा (तोरण-द्वार-ध्वज-आयुध-पताका-दिक्पाल-द्वारपालादि) जलाधिवास, गन्धादिवास, सायङ्कालिकपूजन, आरार्तिक्यम् पूजा की गई.

राम मंदिर परिसर में कराया गया था भ्रमण

इससे पहले बुधवार को गर्भगृह में स्थापित होने वाली रामलला की 200 किलो वजन वाली नई मूर्ति को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर परिसर लाया गया था. मूर्ति को परिसर भ्रमण कराना था, लेकिन भारी होने की वजह से रामलला की 10 किलो की चांदी की मूर्ति को परिसर में भ्रमण कराया गया था.

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