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Agra Digital Arrest: ‘बहन को बचा लो’… बेटे से बार-बार यही कहती रही डिजिटल अरेस्ट मां और 4 घंटे में हो गई मौत

एक मां जिसे अपनी बेटियों की इतनी फ्रिक है कि अपनी आंखों के सामने होने के बावजूद भी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी बेटियां सुरक्षित हैं. सुरक्षित इसलिए नहीं कि बेटियों को किसी ने छेड़ा, धमकाया, मारा-पीटा या जान से मारने की धमकी दी. बल्कि इसलिए कि एक फोन कॉल पर किसी ने कुछ ऐसा कह दिया कि मां को यकीन ही नहीं हो रहा था. यकीन होने से ज्यादा उसे बेटियों की चिंता सताए जा रही थी. वो शब्द सुनने के बाद मां की चिंता वाजिब भी थी, क्योंकि समाज, बदनामी का डर और बेटियों का भविष्य़ सबकुछ उस मां के दिलो दिमाग में दौड़ रहा था. दौड़ने की रफ्तार भी इतनी तेज थी की 4 घंटे में ही मां ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया.

ये कहानी है आगरा के एक परिवार की. परिवार में कुल पांच सदस्य हैं. पति-पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां. परिवार सुभाष नगर अलबतिया में रहता है. मालती वर्मा राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल अछनेरा में शिक्षिका थीं. मातली की दो बेटियां पढ़ाई कर रही हैं. पति शिवचरण वर्मा एक प्राइवेट कंपनी में डिप्टी मैनेजर थे. तीन दिन पहले रिटायर हुए थे. वहीं बेटा दीपांशु आगरा में ही कुछ काम धंधा करता है. 30 सितंबर को इस परिवार के साथ कुछ ऐसा हुआ कि जिसे अब भुलाना भी उसके लिए मुश्किल होगा.

प्रतिदिन की तरह मालती वर्मा 30 सितंबर को भी अपने स्कूल गई थीं.उसी दौरान उनके मोबाइल पर एक कॉल आई. जिस नंबर से कॉल आई उस पर पुलिस की वर्दी में फोटो लगी हुई थी. कॉल करने वाले ने मालती वर्मा से कहा कि आपकी बेटी को सेक्स रैकेट में पकड़ लिया गया है. अभी मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है. आपकी बदनामी न हो, बेटी के फोटो वायरल न हों, इसके लिए कॉल किया है. एक लाख रुपए भेज दो तो उसे छोड़ दिया जाएगा.

मालती से ठगों ने मांगे 1 लाख रुपए

फोन करने वाले ने एक नंबर भेजा, जिस पर एक लाख रुपए ट्रांसफर करने के लिए कहा. साथ ही कहा कि 15 दिन में इस नंबर पर एक लाख रुपए भेजने हैं नहीं तो आपकी बेटी के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी. इससे मालती वर्मा घबरा गईं.उन्होंने अपने बेटे दीपांशु को कॉल की. सदमे में आईं मालती ने बेटे दीपांशु से कहा कि बैंक से एक लाख रुपए निकाल लो और एक नंबर पर भेज दो. मालती वर्मा ने दीपांशु को नंबर भी भेज दिया.

जब बेटे दीपांशु ने वो नंबर देखा तो उसे शक हुआ. नंबर पाकिस्तान का लग रहा था तो दीपांशु ने मां को बताया कि ये नंबर पाकिस्तान का है और फ्रॉड करने वालों का है. फिर घबराई हुईं मालती वर्मा ने बेटे को कॉल के बारे में पूरी जानकारी दी. दीपांशु ने फोन पर मां मालती वर्मा को बहुत समझाया, लेकिन बेटी के सेक्स रैकेट में पकड़े जाने की कॉल से वे बहुत डर गई थीं. घबराहट में वे स्कूल से घर आ गईं और कहने लगीं की अपनी बहनों को बचा लो. वो गलत काम में फंस गई हैं.

दोनों बेटियों से कॉल पर बात की

इस पर दीपांशु ने अपनी दोनों बहनों को कॉल किया और पूछा कि कहां हो तुम दोनों. इस पर दोनों बहनों ने बताया कि वे पढ़ाई कर रही हैं और स्कूल में हैं. दीपांशु ने दोनों बहन से कहा कि मां को कॉल कर लो. दीपांशु के कहने पर दोनों बेटियों ने मां मालती वर्मा को कॉल भी की और उन्हें समझाया कि मां ये सब फ्रॉड कॉल है. हमारे साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ. आप बिलकुल भी परेशान न हों. हम दोनों सुरक्षित हैं. हालांकि बेटियों के समझाने के बावजूद भी मालती वर्मा इस सदमे से बाहर नहीं निकल सकीं.

ये कॉल मालती वर्मा के पास सुबह करीब साढ़े 11 बजे आई थी और साढ़े तीन बजे तक बेटियों के सेक्स रैकेट में फंसने के सदमे में मालती वर्मा की तबीयत ज्यादा ही बिगड़ती चली गई. बेटा दीपांशु उन्हें अस्पताल लेकर पहुंचा, लेकन उनकी मौत हो गई. एक अक्टूबर परिवार ने मालती वर्मा का अंतिम संस्कार कर दिया. तीन अक्टूबर को दीपांशु पास के पुलिस थाने पहुंचा और पुलिस से इस घटना की पूरी कहानी बताई. कॉल डिटेल और साक्ष्य पुलिस को सौंपे.

3 दिन पहले रिटायर हुए थे मालती के पति

मालती वर्मा के पति शिवचरण वर्मा एक प्राइवेट कंपनी में डिप्टी मैनेजर थे. तीन दिन पहले ही रिटायर हुए थे. मालती की 1986 में शादी हुई थी. बेटा दीपांशु 1988 में पैदा हुआ था. बेटी आरुषी का 2003 में, जबकि छोटी बेटी 2005 में पैदा हुई थी. बेटे दीपांशु की शादी सात साल पहले हुई थी. बड़ी बेटी एमएससी कर रही है. वहीं छोटी बेटी बी-फार्मा कर रही है.
गुरुवार को साइबर थाने में परिवार की तरफ से तहरीर दी गई. पुलिस ने मालती वर्मा के घर पहुंचकर पूछताछ की.

घटना के 3 दिन बाद परिवार ने दी तहरीर

जगदीशपुरा थाना प्रभारी आनंदवीर सिंह ने बताया कि मालती वर्मा के बेटे ने तहरीर दी है. मामला डिजिटल अरेस्ट से संबंधित है. पुलिस द्वारा गहनता से जांच की जा रही है. थाना प्रभारी आनंदवीर सिंह का कहना है कि परिवार ने तुरंत जानकारी नहीं दी. ये घटना 30 सितंबर की. एक अक्टूबर को मृतका का अंतिम संस्कार कर दिया गया. तीन अक्टूबर को तहरीर दी गई. जब परिवार से इस संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम दर्द में थे.

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