प्रायश्चित पूजन के साथ शुरू होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, आज से अनुष्ठान शुरू | ramlala life consecration will start with penance worship rituals start from today ayodhya ram mandir


22 जनवरी को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा. (फाइल फोटो)
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर विधिवत पूजा अनुष्ठान मंगलवार से शुरू होने वाला है. सबसे पहले प्रायश्चित पूजा से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की शुरुआत होगी. पंडित दुर्गा प्रसाद ने TV9 भारतवर्ष से बातचीत में कहा कि सुबह 9:30 बजे से पूजन पद्धति शुरू होगी जो लगभग अगले 5 घंटे तक चलेगी. इसमें यजमान प्रायश्चित पूजन से पूजा की शुरुआत करेंगे.
क्या होता है प्रायश्चित पूजा
प्रायश्चित पूजा वह विधि होती है, जिसमें शारीरिक आंतरिक मानसिक और बाह्य इन तीनों तरीके का प्रायश्चित किया जाता है. पंडित दुर्गा प्रसाद ने कहा कि बाह्य प्रायश्चित के लिए हम लोग 10 विधि स्नान करते हैं. इसमें पंच द्रव्य हो गया, कई औषधीय रहती है, वहीं भस्म और कई सामग्री से स्नान करते हैं.
गोदान भी प्रायश्चित का आधार
एक और प्रायश्चित गोदान भी होता है और संकल्प भी होता है. इसमें यजमान गोदान के माध्यम से प्रायश्चित करता है. कुछ द्रव्य दान से भी प्रायश्चित होता है, जिसमें स्वर्ण दान शामिल है.
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कौन करता है प्रायश्चित पूजा
पंडित दुर्गा प्रसाद ने कहा कि हम किसी पुनीत कार्य अथवा यज्ञ को करते हैं तो इसमें इस प्रायश्चित को यजमान को करना होता है. पंडित को सामान्यतः यह नहीं करना पड़ता है लेकिन इस तरह के प्रायश्चित यजमान को करना होता है. इसके पीछे मूल भावना यह है कि जितने भी तरीके का पाप जाने अनजाने में हुआ हो उसका प्रायश्चित किया जाए.
क्योंकि हम लोग कई प्रकार की ऐसी गलतियां कर लेते हैं, जिसका हमें अंदाजा तक नहीं होता तो एक शुद्धिकरण बहुत जरूरी होता है. इसको हम पवित्री कारण भी कह सकते हैं.
क्या है कर्म कुटी पूजा
पंडित दुर्गा प्रसाद ने कहा कि कर्म कुटी का मतलब यज्ञशाला पूजन है. यज्ञशाला शुरू होने से पहले हवन कुंड अथवा बेदी का पूजन हम लोग पहले ही करते हैं. छोटा सा विष्णु जी का पूजन होता है उसके बाद ही उस विधि को हम लोग पूजन के लिए अंदर लेकर जाते हैं. हर क्षेत्र में प्रवेश पाने के लिए एक पूजन होता है. उस पूजन को करने से एक अधिकार मिलने के बाद हम अंदर जाकर पूजा पद्धति करते हैं.
कितना समय लगेगा
पंडित दुर्गा प्रसाद ने कहा कि प्रायश्चित पूजन में कम से कम डेढ़ से 2 घंटे लगेंगे और विष्णु पूजन में भी इतना ही वक्त लगेगा. मतलब आप मान कर चलिए कि मंगलवार की जो पूजा विधि होगी वह सुबह 9:30 बजे शुरू होगी और लगभग 5 घंटे तक यह पूजा अर्चना का काम चलेगा. उन्होंने बताया कि 121 ब्राह्मण इस पूजा अर्चना को करेंगे.