माफिया बृजेश सिंह को इस सीट से चुनाव लड़ाना चाहते हैं राजभर, बोले जुगाड़ में हूं | Uttar Pradesh Om Prakash Rajbhar ghazipur Seat Mafia Brijesh singh stwn


ओमप्रकाश राजभर (फाइल)
उत्तर प्रदेश में लंबे समय से अपनी राजनीतिक पकड़ वापस पाने में लगे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अब माफिया बृजेश सिंह पर बड़ा दांव खेलने के मूड में हैं. टीवी9 से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि वह गाजीपुर से अपनी पार्टी सुभासपा के चुनाव चिन्ह पर माफिय बृजेश सिंह को चुनाव लड़ाना चाहते हैं. फिलहाल वह इसी प्रसास में लगे हुए हैं. वहीं उन्होंने अपने मंत्री बनने की बात एक बार फिर से दोहराई है.
जानकारी के मुताबिक ओमप्रकाश राजभर इससे पहले भी बृजेश सिंह के घर गए हैं और उन्हें पार्टी से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है. हालांकि इस पर बृजेश सिंह ने खुले तौर पर जवाब नहीं दिया है. लेकिन फिलहाल कयास लगाए जा रहे हैं कि बृजेश सिंह सुभासपा के चुनाव चिन्ह पर गाजीपुर से चुनाव लड़ सकते हैं. इस सीट पर दमदार वापसी से ओमप्रकाश राजभर प्रदेश की राजनीति में फिर से अपने छवि को मजबूर करने में सफल हो पाएंगे.
खोई हुई सियासी ज़मीन की तलाश
घोसी उपचुनाव के नतीजे ने ओमप्रकाश राजभर के सियासत पर ग्रहण लगा दिया है. ओमप्रकाश राजभर को लेकर राजनीतिक धारणा बनने लगी है कि अब ओमप्रकाश की न सिर्फ राजभर समाज पर पकड़ ढीली पड़ रही है बल्कि पूर्वांचल की राजनीति में भी अब वो अप्रासंगिक हो गए हैं. बृजेश सिंह के सहारे ओमप्रकाश इस धारणा को तोडना चाहते हैं. ओमप्रकाश राजभर जानते हैं कि पूर्वांचल में बृजेश सिंह की अहमियत क्या है. न सिर्फ उनके साथ ठाकुर समाज खड़ा रहेगा बल्कि मुख़्तार के साथ उनकी अदावत के चलते एंटी मुस्लिम वोट भी उनके साथ जुड़ेगा. ओमप्रकाश राजभर के बेटे को भी इसका लाभ मिलेगा जो फिलहाल घोसी सीट से दावदारी कर रहे हैं.
बृजेश के गाज़ीपुर से सुभासपा के सिंबल पर चुनाव लड़ने का लाभ एनडीए गठबंधन को चंदौली, घोसी, गाज़ीपुर, आजमगढ़, बलिया, मिर्ज़ापुर और जौनपुर जैसे सीटों पर मिल सकता है. इसके साथ ही सुभासपा के जनाधार बढ़ने की भी संभावना है.ओमप्रकाश राजभर इन समीकरणों को ही ध्यान में रखकर मास्टर स्ट्रोक खेलने की कोशिश में हैं.
कौन है बृजेश सिंह
बृजेश सिंह बनारस के चौबेपुर थाना क्षेत्र के धरहरा के रहने वाले हैं. जरायम की दुनियां में उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी मुख़्तार अंसारी भी गाज़ीपुर के ही रहने वाले हैं. इसी इलाके से इन दोनों की अदावत शुरू हुई और बनारस, मऊ, चंदौली सहित पूरे पूर्वांचल में शक्ति प्रदर्शन को लेकर खूनी संघर्ष का एक लम्बा दौर चला. पांच लाख के इनामी रहे बृजेश सिंह का लम्बा समय सलाखों के पीछे कटा लेकिन किसी भी मामले में उनको सज़ा नही हुई.
सिर्फ एक मामला ऐसा था जिसको लेकर पेंच फंसा था जो था सिकरौरा हत्याकांड, जिसमें चार बच्चों सहित सात लोगों की हत्या हुई थी. इस मामले में बृजेश सिंह आरोपी थे. अब इस मामले में भी इलाहाबाद हाई कोर्ट से वो बरी हो गए हैं और अंतिम रोड़ा भी दूर हो गया है. हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट में गया है बावजूद इसके बृजेश के चुनाव लड़ने में कानूनी रूप से कोई अड़चन नही है.
5 राज्यों के चुनावों के बाद बनेंगे मंत्री?
मंत्री बनने के सवाल पर ओमप्रकाश राजभर ने कहा है कि गृहमंत्री ने और पीएम मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है. उन्होंने कहा है कि पांच राज्यों के चुनावी नतीजों के बाद वह मंत्री बनने जा रहे हैं. इतना ही नहीं राजभर ने बातों ही बातों में संकेत दिए हैं कि वह INDIA गठबंठन में भी जा सकते हैं. उन्होंने कहा है कि इस बीच उनकी कांग्रेस, सपा और राष्ट्रीय लोकदल के नेताओं से बातचीत हो रही है. इस बात के संकेत भी उन्होंने दिए हैं कि दिसंबर के बाद प्रदेस की राजनीति में कोई बड़ा खेल हो सकता है.
इनपुट – अमित कुमार सिंह / वाराणसी.
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