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सर, हमारा ‘आयुष्मान’ बंद कर दीजिए… गाजीपुर के 83 लोग क्यों नहीं चाहते ये कार्ड? विभाग को लिखा लेटर

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना आयुष्मान भारत योजना जिसमें लाभार्थी को पांच लाख का प्रति वर्ष नि:शुल्क इलाज का लाभ लिया जा सकता है. इस सुविधा को पाने वाले गाजीपुर में 7.91 लाख लोग हैं, जिसके चलते गाजीपुर में आयुष्मान कार्ड बनाने में जनपद की 14वीं रैंक है. लेकिन भारत सरकार की एक नियमावली है कि एक व्यक्ति दो जगह लाभ नहीं ले सकता. इसी कारण 2024 में जनवरी से लेकर अगस्त तक गंभीर बीमारी से पीड़ित राज्य कर्मचारी व पैरामिलिट्री कर्मियों के अधिकांश आवेदन आए हैं, जो अपना आयुष्मान कार्ड निरस्त कराना चाहते हैं. जनवरी में 33 तो फरवरी में 13 लोगों ने निरस्त कराने के लिए आवेदन किया है. अब तक कुल 83 लोगों ने कार्ड निरस्त करने का आवेदन दिया है.

गंभीर बीमारी से पीड़ित लोग जिसमें कैंसर जैसी घातक बीमारी भी है। ऐसे मरीज के परिजन को अधिक से अधिक पैसे की जरूरत होती है. यह लोग इसके लिए सांसद-विधायक या फिर मुख्यमंत्री राहत कोष से बजट के लिए जब आवेदन करते हैं तो इनके आवेदन को निरस्त कर दिया जाता है. ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि लोगों को दो लाभ नहीं दिए जा सकते. ऐसे में बहुत सारे लोग जो गंभीर बीमारी से पीड़ित होते हैं उनके परिजन भी अपना आयुष्मान कार्ड सरेंडर करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में अपना आवेदन दे चुके हैं.

क्यों निरस्त करा रहे आयुष्मान कार्ड?

गंभीर रोगों से पीड़ित मरीज के संबंध में जमानिया विधायक ओम प्रकाश सिंह के प्रतिनिधि मन्नू सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कई ऐसे लोग भी उनके पास आए हैं जो गंभीर बीमारी से पीड़ित रहे हैं. लेकिन चाह कर भी हम उन्हें मुख्यमंत्री राहत या अन्य लाभ नहीं दिला पाते हैं. वहीं सदर विधायक जय किशन साहू ने कहा कि उनके पास इस तरह के तीन मामले आए, जिनके आयुष्मान कार्ड थे. एक शख्स कैंसर से पीड़ित था जिसके लिए उसे मुख्यमंत्री राहत कोष से लाभ दिलाए जाना जरूरी था लेकिन चाह कर भी उसे योजना का लाभ नहीं दिला पाए. गंभीर बीमारियों से पीड़ित और नौकरी पाने वाले करीब 83 से अधिक लोगों ने अपना आयुष्मान कार्ड निरस्त करने का आवेदन दिया है.

क्या बोले आयुष्मान योजना से जुड़े अधिकारी?

आयुष्मान योजना के डीजीएम अरविंद कुमार यादव ने कहा कि गंभीर बीमारी से पीड़ित परिवार के लोगों ने आयुष्मान कार्ड सरेंडर करने के लिए आवेदन किया था. इन सबकी काउंसलिंग कराई गई और बताया गया कि सरेंडर करने पर पूरे परिवार का लाभ आगे से बंद हो जाएगा. जिस पर कुछ लोगों ने अपना आवेदन वापस ले लिया. उन्होंने यह भी बताया कि अभी कुछ दिन पहले जनपद के एक माननीय के रिश्तेदार जो गंभीर रोग से पीड़ित है और माननीय के द्वारा उन्हें अपनी निधि या मुख्यमंत्री राहत कोष से बजट दिलाया जाना था लेकिन आयुष्मान योजना का लाभार्थी होने की वजह से लाभ नहीं मिल सका. जिसके चलते वह परिवार भी अपना आयुष्मान कार्ड सरेंडर करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय पहुंचा था और जब उसकी काउंसलिंग कराई गई तो उन्होंने अपना आवेदन वापस ले लिया.

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