अमेठी का संजय गांधी अस्पताल नहीं होगा बंद, हाई कोर्ट ने लगाई यूपी सरकार के आदेश पर रोक | Amethi Sanjay Gandhi Hospital will not be closed, High Court stays UP government’s order


अमेठी का संजय गांधी अस्पताल.
उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में स्थित संजय गांधी अस्पताल बंद करने के यूपी सरकार के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने अस्पताल को खोलने के आदेश दिए है. अस्पताल में एक मरीज की मौत होने के बाद अस्पताल को बंद करने का आदेश डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने दिया था. इस आदेश के खिलाफ ही हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी.
अमेठी के मुंशीगंज स्थित सिंजय गांधी अस्पताल में 14 सितंबर को रामशाहपुर निवासी विवाहिता का पथरी का ऑपरेशन हुआ था. यहां एनेस्थीसिया देने में लापरवाही की वजह से विवाहिता की हालत बिगड़ी और उसे लखनऊ ले जाया गया. यहां उसकी मौत हो गई. परिजनों की तहरीर पर स्वास्थ्य विभाग ने जांच कराई. इसमें लापरवाही मिलने पर अस्पताल के लाइसेंस निलंबित कर यहां सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. संजय गांधी फाउंडेशन से संचालित इस अस्पताल की सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने का भाजपा सांसद वरुण गांधी ने भी विरोध किया था.
निलंबित कर दिया गया था लाइसेंस
जानकारी के बाद स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक ने मामले की जांच कराई. इसमें खामी सामने आने के बाद बीती 17 सितंबर को FIR दर्ज की गई. इसमें अस्पताल के सीईओ समेत चार कर्मियों को आरोपी बनाया गया. एडीशनल चीफ मेडिकल अफसर की अगुवाई में एक तीन सदस्यीय समिति का गभी गठन हुआ और खामी मिलने पर अस्पताल प्रशासन को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. इसके 24 घंटे के भीतर ही अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड कर दिया गया था.
स्वास्थ्य टीम को मिली थी खामी
मरीज की मौत के बाद सीएमओ की ओर से गठित टीम में एसीएमओ डॉ. राम प्रसाद, डिप्टी सीएमओ डॉ. पीके उपाध्याय व जिला अस्पताल के एनेस्थेटिस्ट डॉ. अभय गोयल को शामिल किया गया था. इसमें बताया गया कि एनेस्थीसिया के बाद हालत बिगड़ने के 80 मिनट बाद मरीज को ICU में भर्ती किया गया था. यानी 80 मिनट तक उसे कोई उपचार नहीं मिला. टीम ने फिजीशियन डॉ. शुभम के बयान को इसका आधार माना था. डॉ. शुभम ने दोपहर ढाई बजे मरीज का इलाज शुरू किया था. इस बीच मरीज को हार्ट अटैक आया. इसके तकरीबन 12 घंटे बाद 16 सितंबर को उसे लखनऊ मेदांता के लिए रिफर किया गया. रिपोर्ट में बताया गया कि अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट / एमडी मेडिसिन की व्यवस्था नहीं थी.