उत्तर प्रदेशभारत

अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले नगर भ्रमण प्लान पर संकट, क्या कार्यक्रम होगा रद्द? | Ayodhya ram temple ram lala pran pratishtha city visit which idol to final champat rai

अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा से पहले नगर भ्रमण प्लान पर संकट, क्या कार्यक्रम होगा रद्द?

क्या प्राण प्रतिष्ठा से पहले रामलला करेंगे नगर भ्रमण (X)

बैठक में बस एक ही एजेंडा था. अयोध्या के मंदिर में रामलला की कौन सी मूर्ति लगेगी? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भगवान राम की उसी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी. लंच ब्रेक को छोड़ दें तो बैठक करीब ढाई घंटे चली. श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के 11 सदस्य इस मीटिंग में मौजूद रहे. अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास को छोड़ कर ट्रस्ट के सभी महत्वपूर्ण सदस्यों ने मूर्ति पर मंथन किया. रामलला के नगर भ्रमण को लेकर भी संशय की स्थिति बनी हुई है. कहा जा रहा है कि नगर भ्रमण के कार्यक्रम को रद्द भी किया जा सकता है.

सभी ने बारी-बारी से लिख कर अपनी पसंद बताई. अयोध्या में ही रामलला की 3 मूर्तियां बन रही हैं. 2 मूर्ति कर्नाटक के काले पत्थर की तो तीसरी मूर्ति राजस्थान के मकराना सफेद पत्थर से बनाई गई है. ट्रस्ट की 29 दिसंबर को बैठक जिस एजेंडे पर हुई थी, उसके बारे में कुछ नहीं बताया गया. ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि रामलला की कौन सी मूर्ति लगेगी, इसकी घोषणा बाद में होगी. उसके दो दिनों बाद दिल्ली जाकर चंपत राय ने कह दिया कि प्राण प्रतिष्ठा के लिए मूर्ति फाइनल कर ली गई है. उसके अगले ही दिन यानी पहली जनवरी को केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने तो सस्पेंस से ही पर्दा हटा दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर बता दिया कि रामलला की मूर्ति ब्लैक स्टोन की होगी. इस मूर्ति को मैसूर के अरुण योगीराज ने बनाया है.

मूर्ति को लेकर कनफ्यूजन बरकरार

रामलला की मूर्ति को लेकर कनफ़्यूजन बना हुआ है. राम जन्म भूमि ट्रस्ट ने अभी तक सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं बताया है. ट्रस्ट के एक सदस्य ने कहा कि हम जल्द ही मूर्ति चयन के बारे में सबको बताएंगे. ट्रस्ट की तरफ से पहले जानकारी दी गई थी कि 5 जनवरी तक घोषणा कर दी जाएगी. ये तारीख भी बीत गई. अब चंपत राय ने कहा है कि 22 जनवरी से पहले किसी को पता नहीं चलेगा कि रामलला की कौन सी मूर्ति गर्भ गृह में विराजित होगी.

ये भी पढ़ें

रामलला की गर्भ गृह में लगने वाली प्रतिमा ही नहीं बाकी दोनों मूर्तियों को लेकर भी बड़ी ऊंहापोह है. चंपत राय ने कहा था कि बाकी दोनों मूर्तियां भी मंदिर में ही रहेंगी. एक पहली मंजिल पर और दूसरी वाली मूर्ति दूसरी मंजिल पर. अब ट्रस्ट के ही एक सदस्य कहते हैं कि एक ही फ़्लोर पर राम दरबार और रामलला की मूर्ति का क्या मतलब है.

अयोध्या में रामलला के नगर भ्रमण पर संकट

श्रीराम जन्म भूमि ट्रस्ट ने जानकारी दी थी कि 17 दिसंबर को रामलला अयोध्या में नगर भ्रमण करेंगे. इसी बहाने अयोध्यावासी गर्भ गृह में लगने वाली रामलला की मूर्ति का दर्शन कर पाएंगे. इसके पीछे तर्क ये था कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह से तो अयोध्या के लोग दूर रहेंगे. कम से कम नगर भ्रमण के बहाने वे रामलला की एक झलक देख लेंगे. पर अब चंपत राय कह रहे हैं कि 23 जनवरी से पहले लोग रामलला को नहीं देख सकते हैं.

जानकारी मिल रही है कि या तो नगर भ्रमण का कार्यक्रम रद्द किया जा सकता है या फिर रामलला की मूर्ति को ढंक कर उनका नगर भ्रमण कराया जाए. ट्रस्ट के कुछ सदस्यों का सुझाव है कि भगवान राम की चांदी की किसी मूर्ति को प्रतीक मान कर ये काम संपन्न कर लिया जाए. ट्रस्ट की तरफ से बताया गया था कि भक्ति पथ, राम पथ, धर्म पथ और राम जन्म भूमि पथ पर रामलला को ले जाया जाएगा. लेकिन सुरक्षा कारणों से अब ऐसा संभव नहीं है.

ट्रस्ट के एक सदस्य तो ये भी कहते हैं कि बिना प्राण प्रतिष्ठा के मूर्ति का नगर भ्रमण कैसे संभव है. रामलला की तीन में से एक को चल मूर्ति के रूप में स्थापित करने का फैसला हुआ था. साल में एक बार रामलला को किसी विशेष उत्सव पर मंदिर से बाहर निकाल कर नगर भ्रमण कराया जाएगा. जैसे ओड़िशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकली है. इसके पीछे तर्क ये रहा है कि ऐसे मौकों पर भगवान स्वयं भक्त को दर्शन देने के लिए बाहर निकलते हैं.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button