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कनाडा से लेकर रूस…6 देशों तक नेटवर्क; दुर्लभ को आका मानने वाले अब जॉइन कर रहे लॉरेंस गैंग | 6 countries network from Canada to Russia durlabh kashyap followers now joining lawrence bishnoi gang online stwtg

कनाडा से लेकर रूस...6 देशों तक नेटवर्क; दुर्लभ को आका मानने वाले अब जॉइन कर रहे लॉरेंस गैंग

दुर्लभ कश्यप और लॉरेंस बिश्नोई (फाइल फोटो)

देश के 11 राज्यों समेत विदेश में लॉरेन्स गैंग की जड़ें काफी गहरी हो चुकी हैं. हाल ही में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अलग-अलग राज्यों से लॉरेंस गैंग के 9 शूटर्स को गिरफ्तार किया है. उनसे पूछताछ में जो खुलासे हुए उससे खुद जांच एजेंसियां भी हैरान हैं. पूछताछ में पकड़े गए शूटर धर्मेंद्र और संतोष ने खुलासा किया कि लॉरेन्स गैंग ने मध्यप्रदेश और वेस्ट बंगाल में बाकयदा अपना रिक्रूटमेंट सेल खोला है. यहां गैंग के लिए बेरोजगार नौजवानों को आपराधिक ग्लैमर और पैसे का लालच देकर जरायम की दुनिया में धकेला जा रहा है.

मध्य प्रदेश में खास तौर से दुर्लभ गैंग के गुर्गे और उससे प्रभावित कम उम्र के नौजवान लॉरेन्स गैंग में सबसे ज्यादा भर्ती हो रहे हैं. यहां आपके लिए ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर कौन था डॉन दुर्लभ कश्यप और क्यों लॉरेन्स से उसके गुर्गे और चाहने वाले नौजवान प्रभावित हुए.

दरअसल, 3 साल पहले तक मध्य प्रदेश के मालवा के अपराध जगत में महज 20 साल के गैंगस्टर दुर्लभ कश्यप की हुकूमत चलती थी. उसकी उम्र से कहीं ज्यादा उसके जुर्म की फेहरिस्त थी. खास बात ये है कि दुर्लभ का गेटअप साउथ मूवी के किसी डॉन की तरह ही था. आंखों में सुरमा, माथे पर तिलक और कंधे पर पटका. दुर्लभ गैंग का नारा था ‘महाकाल’.

दुर्लभ कश्यप साल 2020 में दुश्मन गैंग KKC ग्रुप के सरगना रमीज के हाथों मारे गया. लेकिन उसकी मौत के बाद भी उसका गैंग और सोशल मीडिया अकाउंट एक्टिव हैं. दुश्मन से बदला लेने के लिए ही दुर्लभ गैंग ने लॉरेन्स के साथ हाथ मिलाया और उसके लिए काम करना शुरू कर दिया. लॉरेन्स के साथ जुड़ने के पीछे वजह बताई गई कि पहला तो लॉरेन्स और दुर्लभ के आपराधिक असूल एक हैं. दूसरा उसका गेटउप और अपराध जगत में नाम ठीक दुर्लभ की तरह है. दुर्लभ गैंग की तरह ही लॉरेन्स गैंग का नारा है ‘जय बलकारी’.

लॉरेंस गैंग में ऑनलाइन भर्ती

दुर्लभ गैंग के गुर्गे सन्तोष उर्फ सुल्तान बाबा, उम्र महज 20 साल ट्रांसपोर्ट कंपनी में बतौर हेल्पर काम करता था. लेकिन दुर्लभ कश्यप से प्रभावित होकर सोशल मीडिया ग्रुप्स के जरिये लॉरेंस गैंग से जुड़ गया और हथियार थाम लिए. वहीं, धर्मेंद्रर उर्फ कार्तिक उम्र महज 21 साल, 7वी जमात पास, कोल्ड स्टोरेज में काम करने वाला मध्यप्रदेश का ये नौजवान भी दुर्लभ कश्यप से इस कदर प्रभावित था कि इसने सोशल मीडिया के जरिये जुर्म की दुनिया मे कदम रख बिश्नोई गैंग जॉइन कर लिया.

स्पेशल सेल के सूत्रों के मुताबिक, लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के सोशल मीडिया विंग को हैंडल करने वाले गुर्गे अब दुर्भल कश्यप के नाम से दर्जनों फेसबुक और इंस्टाग्राम पेज पर ऑनलाइन भर्ती के लिए ऐसे ही युवाओं को तलाश रहे हैं और फिर उन्हें बिश्नोई गैंग में भर्ती कराया जा रहा है. इतना ही नहीं, रिक्रूटमेंट के अलावा लॉरेन्स गैंग एक कॉपोरेट कंपनी की तर्ज पर ही अपने गैंग को ऑपरेट कर रहा है. गैंग के हर सदस्य का काम और ऑपरेट करने का ज़ोन सब आपस मे बंटा हुआ है.

गैंग को कौन कहां से कर रहा हैंडल

कनाडा-पंजाब-दिल्ली की कमान गोल्डी बराड़ के पास है. राजस्थान-मध्यप्रदेश-UK की कमान रोहित गोदारा के पास, जबकि पुर्तगाल-USA-महाराष्ट्र-बिहार-पश्विम बंगाल की कमान अनमोल विश्नोई के पास है. वहीं, हरियाणा-उत्तराखंड की कमान काला जठेड़ी के पास है. इस पूरे गैंग की रिपोर्ट सीधे साबरमती जेल में बंद लॉरेन्स बिश्नोई को दी जाती है.

कहां-कहां फैला गैंग का नेटवर्क

इतना ही नहीं, ये भी जान लीजिए कि गैंग को हथियार कहां-कहां से सप्लाई होते हैं. दरअसल, मध्यप्रदेश के मालवा से जिसमें धार, सेंधवा,बड़वानी,रतलाम, खंडवा,बुराहनपुर, खरगोन और यूपी में मेरठ मुज्जफरनगर,अलीगढ़ तो बिहार में मुंगेर, खगड़िया, साथ ही, पंजाब के सभी पाकिस्तान बॉर्डर से लगे इलाको से हथियारों की सप्लाई होती है. वहीं, पाकिस्तान, USA, रशिया, कनाडा, नेपाल से भी हथियार लॉरेन्स-गोल्डी गैंग तक पहुंच रहे हैं. भारत में लॉरेन्स गैंग का वर्चस्व देश के 11 राज्यों में पंजाब, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, झारखंड और गुजरात शामिल हैं. जबकि, विदेश की बात करें तो गैंग का नेटवर्क कनाडा, USA, अजरबैजान, पुर्तगाल, UAE और रशिया तक फैल चुका है.

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