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कृष्ण की नगरी मथुरा में मौजूद है ये रहस्यमयी कुंड, यहां रात के 12 बजे स्नान करने से होती है मनोकामना पूरी

कृष्ण की नगरी मथुरा में मौजूद है ये रहस्यमयी कुंड, यहां रात के 12 बजे स्नान करने से होती है मनोकामना पूरी

मथुरा का रहस्यमयी कुंड

श्री कृष्ण की नगरी मथुरा के गोवर्धन में अहोई अष्टमी की रात 12 बजे राधा कुंड में स्नान करने की परंपरा है. इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचेंगे और राधा कुंड में और आस्था की डुबकी लगाएंगे. इस जगह दो कुंड हैं एक कृष्ण कुंड और दूसरा राधा कुंड, लेकिन मान्यता के अनुसार अहोई अष्टमी के दिन जो भी दंपति राधा कुंड में साथ में स्नान करते हैं उनको संतान सुख की प्राप्ति होती है. कहा जाता है कि राधा रानी स्वयं दंपति को जल रूप में संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं, जिस वजह संतान प्राप्ति के आशीर्वाद के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु गोवर्धन आते हैं.

मान्यता के अनुसार द्वापर युग में जब भगवान कृष्ण गौ चारण लीला कर रहे थे तभी एक राक्षस सभी गायों के बीच गाय का रूप धारण कर उन्हें मारने लगा था. ऐसे में भगवान भगवान कृष्ण उस गाय राक्षस को पहचान गए थे और उसका वध कर दिया. हालांकि जैसे इस बात की जानकारी राधा रानी को लगी तो उन्होंने भगवान कृष्ण को कहा कि आपको गौ हत्या का पाप लगा है, जिस वजह से आप जाकर सभी तीर्थ का स्नान करें. ऐसे में पाप से प्रायश्चित के तौर पर श्रीकृष्ण ने अपनी बांसुरी से कुंड बनवाया और उसमें तीर्थ स्थानों के पानी को वहां इकट्ठा कर स्नान किया.

कैसे पड़ा नाम?

इस कुंड के बगल में श्री राधा जी ने अपने कंगना की मदद से एक कुंड और तीर्थ स्थान के जल एकत्रित कर उसमें स्नान किया. भगवान कृष्ण ने राधा रानी से खुश होकर कुंड को राधा कुंड का नाम दिया और वरदान दिया कि जो भी दंपति अहोई अष्टमी की मध्य रात्रि के बीच यहां स्नान करेगा उसे संतान की प्राप्ति होगी. तभी से ये मान्यता चली आ रही है.

पुलिस प्रशासन ने व्यवस्था की चाक चौबंद

शासन प्रशासन ने गुरुवार और शुक्रवार की मध्य रात्रि में होने वाले स्नान को लेकर तैयारियां पूर्ण कर ली गई है. पुलिस ने राधा कुंड में जगह-जगह बैरिकेडिंग भी लगा दी है, जिससे किसी तरह की अनहोनी ना हो.



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