चुनाव में सबसे पहले कैंडिडेट की घोषणा करने वाली BSP क्यों नहीं खोल रही पत्ते, मायावती को किसका इंतजार | Why BSP Chief Mayawati no announcement candidate list UP BJP Congress SP elections 2024


बसपा प्रमुख मायावती
लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 51 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया तो समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी अपने कोटे की 31 सीटों पर कैंडिडेट की घोषणा कर रखी है. चुनाव में सबसे पहले प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने वाली बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने इस बार अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. बसपा प्रमुख मायावती अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है, लेकिन उम्मीदवारों के नाम का ऐलान अब तक एक भी सीट पर नहीं किया गया है. ऐसे में सभी के मन में सवाल उठ रहा है कि आखिर मायावती को किस बात का इंतजार है?
बसपा प्रमुख मायावती 2019 में सपा-आरएलडी के साथ मिलकर चुनाव लड़ी थी और पार्टी के 10 सांसद जीतने में कामयाब रहे थे, जिनमें से 2 सांसद तो दूसरे दल का दामन थामकर मैदान में उतर गए हैं. मायवाती संकेत दे चुकी हैं पार्टी के मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया जाएगा. वहीं, बसपा के सांसद मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के फैसले में अपनी जीत की संभावना नहीं देख रहे हैं. इसके लिए वे सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हैं और जिसे मौका मिल रहा है वो हाथी से उतरता जा रहा है.
दूसरे दलों के ‘बागियों’ पर नजर
मायावती की नजर लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे राजनीतिक दलों में टिकट बंटवारे को लेकर हो रहे उलटफेर पर टिकी है. इसी वजह से वह इस बार संभलकर कदम बढ़ा रही हैं. मायावती प्रत्याशियों के चयन के लिए हर रोज मंडल और सेक्टर प्रभारियों के साथ बैठक कर रही हैं. ऐसे में पार्टी उन दावेदारों को खास तवज्जो दे रही हैं, जिन्हें बीते चुनावों में 2 लाख से अधिक वोट मिले थे. इसके अलावा जिन सीटों पर ऐसे प्रत्याशी नहीं मिल रहे, वहां वह पार्टी जोनल को-ऑर्डिनेटर को ही टिकट देने की रणनीति अपना सकती हैं.
बसपा सूत्रों की मानें तो पार्टी के कोऑर्डिनेटरों ने अपने-अपने क्षेत्र की अधिकतर सीटों पर संभावित कैंडिडेट के नाम की लिस्ट मायावती को सौंप भी दी है. बसपा ने हर एक सीट पर तीन-तीन नाम चयन किए हैं, जिस पर पार्टी प्रमुख के साथ मंथन चल रहा है. बसपा ने इस बार रणनीति बनाई है कि पार्टी सपा-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी के उम्मीदवारों की लिस्ट आने के बाद ही अपने कैंडिडेटों की सूची जारी करेगी. इस तरह मायावती की रणनीति विपक्षी दलों के कैंडिडेट के समीकरण को देखकर ही अपना दांव चलने का प्लान बनाया है.
नाम ऐलान से पहले जातिगत समीकरण
बसपा के एक को-ऑर्डिनेटर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया है कि यूपी की 80 में से 60 लोकसभा सीटों पर कैंडिडेट के नाम मायावती ने अपनी स्वीकृति भी दे दी है, जिसमें सीट के समीकरण के लिहाज से प्रत्याशी का चयन किया जा रहा है. उदाहारण के तौर पर अयोध्या लोकसभा सीट पर बीजेपी ने ठाकुर समुदाय को टिकट दिया और सपा ने दलित समुदाय का प्रत्याशी उतारा है. ऐसे में बसपा इस सीट पर किसी यादव या फिर निषाद समुदाय को टिकट देगी. इसी तरह से अंबेडकर नगर सीट को लेकर भी बसपा ने अपनी रणनीति तैयार कर रखी है. सपा ने कुर्मी समुदाय से आने वाले लालजी वर्मा को टिकट दिया है तो बीजेपी ने ब्राह्मण समुदाय के रितेश पांडेय को प्रत्याशी बनाया है. ऐसे में बसपा इस सीट पर मुस्लिम प्रत्याशी उतार सकती है.
प्रतापगढ़ संसदीय सीट पर बीजेपी ने संगम लाल गुप्ता को तो सपा ने एसपी सिंह पटेल को टिकट दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि बसपा इस सीट पर मुस्लिम या फिर ब्राह्मण कैंडिडेट पर दांव चल सकती है. बदायूं लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने अभी अपना पत्ता नहीं खोला है, लेकिन सपा ने शिवपाल यादव को प्रत्याशी बनाया है. बसपा इस सीट पर किसी मुस्लिम को टिकट देने की प्लानिंग कर रखी है. मुजफ्फरनगर सीट पर सपा ने जाट समाज से आने वाले हरेंद्र मलिक को प्रत्याशी बनाया है तो बीजेपी ने भी जाट समुदाय से आने वाले संजीव बालियान को टिकट दिया है. ऐसे में बसपा इस सीट पर अब मुस्लिम कैंडिडेट उतारने का दांव चल सकती है.
वहीं. सहारनपुर, बिजनौर, और मेरठ जैसी मुस्लिम बहुल लोकसभा सीट पर भी बसपा मुस्लिम कैंडिडेट उतारने की प्लान बना रही है. गाजीपुर सीट से बसपा किसी यादव पर दांव खेलेगी तो फर्रुखाबाद सीट से यादव और मुस्लिम दोनों फॉर्मूले पर विचार कर रही है. बसपा इसीलिए भी अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा करने में देरी कर रही है, क्योंकि उसकी नजर बीजेपी और सपा के नाराज नेताओं पर दांव खेलनी की भी है. बीजेपी और सपा के जिन मजबूत नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा, उनको बसपा टिकट देकर मैदान में उतारेगी. 2019 के चुनाव में बसपा ने 22 मार्च 2019 को अपनी पहली सूची जारी की थी, जिसके चलते इस बार भी माना जा रहा है कि मायावती इसी के आसपास अपने उम्मीदवारों के नाम की ऐलान करेंगी?