उत्तर प्रदेशभारत

डी कंपनी, पाकिस्तान कनेक्शन और ‘अरबों का साम्राज्य’…ऐसा था मुख्तार और अतीक का याराना | D Company Pakistan connection and Empire of Arabs such was the friendship of Mukhtar ansari and Atiq ahmed stwtg

डी कंपनी, पाकिस्तान कनेक्शन और 'अरबों का साम्राज्य'...ऐसा था मुख्तार और अतीक का याराना

मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद (फाइल फोटो)

यूपी के माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात तो हार्ट अटैक से मौत हो गई. ठीक एक साल पहले मुख्तार के करीबी रहे बाहुबली नेता अतीक अहमद की भी हत्या कर दी गई थी. हालांकि, दोनों अब इस दुनिया में नहीं रहे हैं. लेकिन एक जमाना था जब दोनों की दोस्ती के किस्से काफी मशहूर थे. अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी दोनों का ही क्राइम से गहरा नाता था. दोनों के काले धंधे जरूर अलग-अलग थे लेकिन हाल के कुछ सालों में मजबूरियां उन्हें न केवल करीब ले आईं, बल्कि दोनों ने मिल-बांटकर काम तक करना शुरू कर दिया था.

जानकारी के मुताबिक, रेलवे में कोयले के साथ विशेष रूप से स्क्रैप की ठेकेदारी में मुख्तार ने ही अतीक अहमद को एंट्री दे दी थी. इसके बदले में पूर्वांचल में मुख्तार को जमीन के कारोबार में पैर पसारने की छूट मिल गई थी. इसके पीछे का मकसद सिर्फ यही था कि दोनों की फूट का लाभ कोई बाहर वाला न उठा ले जाए. मुख्तार अंसारी मुख्य रूप से रेलवे का स्क्रैप और कोयले की ठेकेदारी का काम करता था. मुख्तार का काला कारोबार पूर्वांचल से लेकर पश्चिम यूपी तक फैला हुआ था. रेलवे के स्क्रैप और कोयले का कोई ठेका बिना मुख्तार की सहमति के नहीं उठता था.

हालांकि साल 1995 के बाद उन्नाव के एमएलसी अजीत सिंह ने इस धंधे में दखलअंदाजी की. जिसके बाद मुख्तार ने अपने साथियों के साथ मिलकर अजीत सिंह पर हमला करवाया. अजीत सिंह इस हमले में तो बाल-बाल बच गए. लेकिन बाद में चार सितंबर 2004 को बर्थडे पार्टी में ही उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई.

ये भी पढ़ें

वहीं, अतीक अहमद मुख्य रूप से विवादित संपत्तियों की खरीदारी का काम करता था. विशेषकर पूर्वांचल में उसने अरबों रुपये की संपत्तियां खरीदीं और बेचीं. पुलिस की मानें तो अजीत सिंह से मिली चुनौती के बाद कमजोर हुई साख और बदली राजनीतिक परिस्थितियों के बीच दोनों माफियाओं ने हाथ मिला लिया.

राजू गर्ग था दोनों माफिया के बीच की कड़ी

बताया जाता है कि कानपुर का माफिया सरगना राजू गर्ग भी इन दोनों के बीच की कड़ी था. राजू को वैसे तो मुन्ना बजरंगी गैंग का सदस्य बताया जाता है. लेकिन वह भी रेलवे में स्क्रैप और लोहे के कारोबार की ठेकेदारी करता था. कुछ समय पहले ही राजू गर्ग को सचेंडी में हुए प्लंबर हत्याकांड में जेल भेजा गया है. फिलहाल वो जेल में है. मुख्तार से राजू की पहले से ही बनती थी. बाद में उसने अतीक अहमद के लिए भी काम करना शुरू कर दिया था. अतीक के लिए उसने अरबों की कीमत वाली जमीनों का सौदा करवाया.

मुख्तार ने करवाया था अतीक का डी कंपनी से कॉन्टेक्ट

यही नहीं, अतीक को डी कंपनी के करीब लाने में भी मुख्तार ने ही बड़ी भूमिका निभाई थी. डॉन मुख्तार अंसारी की मदद से ही अतीक अहमद का दाऊद इब्राहिम गैंग से कॉन्टेक्ट हुआ था. इसके बाद अतीक गैंग ने डी कंपनी की मदद से पाकिस्तान से हथियार भी मंगवाए थे.

पप्पू गंजिया से भी मुख्तार की थी दोस्ती

माफिया मुख्तार अंसारी और प्रयागराज के नैनी में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर मोहम्मद जावेद उर्फ पप्पू गंजिया का भी गहरा याराना था. कई बार पप्पू मुख़्तार से मिलने भी गया था. अतीक का खास होने के साथ पप्पू गंजिया मुख्तार का बेहद करीबी था. मुख्तार के बल पर ही पप्पू ने प्रयागराज के नैनी में अपना साम्राज्य खड़ा कर रखा था.

पप्पू नैनी के गंजिया मोहल्ले का रहने वाला है. उसके खिलाफ कुल 42 मामले दर्ज हैं. वह जून 2022 में नैनी थाने में दर्ज रंगदारी मांगने के मामले में लंबे समय से फरार चल रहा था. पुलिस उसकी तलाश में जुटी थी. अगस्त 2023 में एसटीएफ ने उसे अजमेर से गिरफ्तार किया था. उस पर घूरपुर, कोतवाली, धूमनगंज समेत कई थानों में गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. गिरफ्तारी से दो महीने पहले ही उसके घर को कुर्क किया गया था. जबकि इससे पहले 2020 में गंजिया स्थित उसके आलीशान फार्म हाउस को बुलडोजर चलवाकर ढहा दिया गया था.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button