ताजमहल या तेजोमहालय… क्या अंदर हो सकेगी पूजा? फैसला आज | taj mahal or tejomahalaya court will give decision on controversy agra news stwvs


ताजमहल याचिका पर आज आ सकता है फैसला
उत्तर प्रदेश के आगरा से ताजमहल एक बार फिर चर्चाओं में हैं. यहां योगी यूथ ब्रिगेड धर्म रक्षा ट्रस्ट की ओर से शिवरात्रि के मौके पर पूजा करने की अनुमति मांग कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. ट्रस्ट के अध्यक्ष के मुताबिक, ताजमहल 12 वीं शताब्दी में बना था, जिसे तेजोमहालय कहा जाता था. वहीं याचिका दायर करने वाले वकील ने भी कहा कि यहां हिंदू मंदिर होने के कई साक्ष्य मिले हैं. मामले पर कोर्ट में 14 मार्च को बहस चली थी लेकिन फैसला सुरक्षित रख लिया गया था. आज यह फैसला आने की संभावना है.
ताजमहल या तेजोमहालय का मामला एक बार फिर कोर्ट तक पहुंच गया है. 4 मार्च को योगी यूथ ब्रिगेड धर्म रक्षा ट्रस्ट के अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने 8 मार्च शिवरात्रि के मौके पर ताजमहल में गंगाजल और दुग्धाभिषेक करने की मांग की थी. साथ ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई से इसकी अनमुति भी मांगी थी. ट्रस्ट की ओर से यह याचिका सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में दायर की गई थी, जो कि अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर और झम्मन सिंह रघुवंशी के जरिए दायर हुई थी.
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क्या बताया ट्रस्ट के अध्यक्ष ने ?
इस याचिका में ताजमहल को तेजोमहालय शिव मंदिर बताया गया है. मामले पर 14 मार्च को अपर जिला जज रविकांत की अध्यक्षता में बहस हुई थी. यहां यूथ ब्रिगेड धर्म रक्षा ट्रस्ट के अध्यक्ष के मुताबिक, इतिहासकार पीएन ओक की ओर से ताजमहल के तेजोमहालय होने के बारे में कई सबूत मिले हैं. उनका कहना है कि ताजमहल को राजा परम देव द्रविदेव ने 12वीं शताब्दी में बनवाया था. इस दौरान इसका नाम तेजोमहालय था. इसकी देखभाल राजा जयसिंह करते थे, जिनसे शाहजहां ने इसे ले लिया था. वहीं वकील शिव आधार सिंह तोमर के मुताबिक, ताजमहल की बाहरी दीवारों पर हिंदू मंदिर के कई प्रतीक मिले हैं. 14 मार्च को चली इस बहस में कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. माना जा रहा है कि कोर्ट आज इस याचिका पर फैसला सुना सकती है.