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देवरिया: 29 साल पहले हत्या डकैती, अब आया फैसला… एक साथ 41 आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सजा | deoria court decision 29 year old murder and robbery case 41 people convicted stwas

देवरिया: 29 साल पहले हत्या-डकैती, अब आया फैसला... एक साथ 41 आरोपियों को कोर्ट ने सुनाई सजा

देवरिया कोर्ट (फाइल फोटो).

उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला अदालत में गुरुवार को एक ऐसे फैसला आया, जिसकी चर्चा चारों ओर होने लगी. बता दें कि यहां एक साथ 41 लोगों को कोर्ट से सजा मिली. यह अहम फैसला अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम की कोर्ट ने सुनाया. एक पक्ष से एक व्यक्ति को कठोर आजीवन कारावार, 10 हजार रुपए अर्थ दंड तो दूसरे पक्ष से 40 अभियुक्तों को 10-10 साल की सजा हुई. वहीं एक-एक हजार रुपए का अर्थ दंड भी लगाया गया.

दरअसल, यह घटना 29 साल पहले की है. जिले के खामपार थाना क्षेत्र के बलुवन गांव में बाइक और साइकिल में टक्कर के बाद दो पक्षों में मारपीट हुई थी. घटना के अगले दिन एक पक्ष ने दूसरे पक्ष पर हमला कर दिया. दूसरे पक्ष ने आत्मरक्षा में गोलियां चलाईं, जिससे दो लोगों की मौत हो गई. तब से यह मुकदमा जिला अदालत में चला आ रहा था, जिस पर गुरुवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया.

इस फैसले के बारे टीवी9 डिजिटल की टीम ने अपर शासकीय अधिवक्ता मनीष सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि यह घटना 18 जनवरी 1995 की है. घटना के एक दिन पहले 17 जनवरी को बलुवन गांव निवासी अजय कुमार श्रीवास्तव उर्फ मुन्ना बाजार से अपने घर बाइक से आ रहे थे. रास्ते में गांव के रहने वाले छोटेलाल की साइकिल से अजय कुमार की बाइक टकरा गई. टक्कर के बाद दोनों में कहासुनी होने लगी. हालांकि मौके पर मौजूद लोगों ने दोनों को छुड़ा दिया, लेकिन दोनों ने एक-दूसरे को देख लेने की बात की.

फायरिंग में एक महिला और बच्चे की हुई थी मौत

कहासुनी के अगले दिन 18 जनवरी की सुबह अजय कुमार अपने छह लोगों रामनाथ, अभय, दीपू, रिंकू और मोहनलाल के साथ असलहों से लैस होकर छोटेलाल के घर पहुंचे और विवाद करने लगे. इस दौरान छोटेलाल पक्ष के कुछ लोग भी आ गए. विवाद के दौरान ही अजय कुमार ने जान से मारने के नियत से छोटेलाल के ऊपर फायर कर दिया. छोटेलाल तो इस फायर में बच गए, लेकिन दुर्गावती देवी (60) और एक 18 महीने के नवजात बच्चे को गोली लग गई, जिससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई.

IPF सदस्यों पर लगा था हमले का आरोप

फायरिंग के दौरान गोली लगने से अन्य छह लोग घायल भी हो गए. चूंकि छोटे इंडियन पीपुल्स फ्रंट (IPF) का सदस्य थे तो छोटेलाल के समर्थन में IPF के करीब डेढ़ सौ सदस्य जमा हो गए और अजय कुमार श्रीवास्तव सहित अन्य हमलावरों के घरों को घेर लिया. IPF के सदस्यों ने अजय और रामनाथ के घर पर हमला बोल दिया. जमकर ईंट-पत्थर बरसाए और लूटपाट की. अजय के बगल में हरदेव और भगत के घर में भी IPF सदस्यों ने लूटपाट की.

29 साल तक चला केस, अब आया फैसला

सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह स्थिति को संभाला और दोनों पक्षों की तरफ से FIR दर्ज की. 29 साल तक दोनों मुकदमे की अपर सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में सुनवाई चली. इसी महीने 12 फरवरी को कोर्ट ने दोनों पक्षों से 41 लोगों को दोषी करार दिया और सजा पर बहस के लिए 16 फरवरी को तारिख तय की थी. गुरुवार को इस मुकदमे पर फैसले देते हुए कोर्ट ने अजय कुमार श्रीवास्तव को आजीवन कारावास, 10 हजार रुपए का अर्थ दंड लगया गया.

वहीं अजय कुमार सहित अन्य के घर पर हमला करने को लेकर 59 लोगों को मुलजिम बनाया गया था, जिसमे 58 लोगों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी. सुनवाई के दौरान 9 लोगों की मौत हो गई. वहीं 7 लोग नाबालिग घोषित हुए, जबकि 40 लोगों को 10 साल की सजा और एक हजार रुपए अर्थ दंड लगाया गया.

41 लोगों को एक साथ कोर्ट ने सुनाई सजा

फैसले के बाद छोटेलाल पक्ष के लोगों ने कहा कि अजय कुमार की फायरिंग में जो लोग मारे गए, वह लोग काफी गरीब थे, जबकि अजय कुमार दबंग किस्म के थे. उनका गांव में जमीन को लेकर विवाद चलता रहता था. ये लोग जमीनों पर कब्जा करते थे. वहीं अजय कुमार का कहना है कि यह लोग IPF के सदस्य हैं. हम लोगों का घर लूट लिए थे. फिलहाल 29 सालों बाद इस केस में फैसला आया. अपर शासकीय अधिवक्ता मनीष सिंह ने कहा कि जहां तक मुझे जानकरी है, यह देवरिया के इतिहास में और गोरखपुर के इतिहास में पहला ऐसा कांड होगा, जहां कोर्ट ने 41 लोगों को एक साथ सजा दी है.

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