टेक्नोलॉजी

पढ़े-लिखे भी कई बार ईमेल के CC और BCC में हो जाते हैं कन्फ्यूज, यहां समझिए इनका मतलब


<p style="text-align: justify;">टेक्नोलॉजी दिन प्रतिदिन एडवांस हो रही है और पुरानी चीजें एक तरह से गायब हो रही है. कहने का मतलब पहले लोग ई-मेल का इस्तेमाल खूब किया करते थे लेकिन वॉट्सऐप के आने के बाद ई-मेल का इस्तेमाल कुछ हद तक कम हो गया है. वजह है वॉट्सऐप का सरल और आसान होना. ईमेल में लंबे चौड़े शब्द लिखने के बजाय वॉट्सऐप पर कुछ सेकंड में काम हो जाता है. समय के हिसाब से देखा जाए तो ये सही भी है. आज हम इस लेख में आपको ई-मेल से जुड़े सीसी और बीसीसी के बारे में बताएंगे. हम ये बात जानते हैं कि कुछ लोगों को इनका मतलब पता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इनमें अक्सर कंफ्यूज होते हैं और कुछ न कुछ गड़बड़ी करते हैं.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>सरल शब्दों में ये है मतलब</strong></p>
<p style="text-align: justify;">ई-मेल के अंदर सीसी (CC) का मतलब है कार्बन कॉपी. वहीं, बीसीसी (BCC) का मतलब है ब्लाइंड कार्बन कॉपी. कुछ साल पहले तक अगर एक ही तरह का डॉक्यूमेंट दूसरे व्यक्ति को देना होता था तो लोग कार्बन पेपर को अपने कॉपी के नीचे रखकर ये काम करते थे. कार्बन पेपर से होता ये था कि जो बात पहले पन्ने या मेन पेज में लिखी गई है वो दूसरे पन्ने में भी छप जाती थी. इससे लोगों को एक ही बात दो बार अलग-अलग नहीं लिखनी पड़ती थी. इसी तरह से अब ईमेल में भी होता है. जब आप एक ही तरह का ई-मेल दूसरे व्यक्ति को भेजना चाहते हैं, बजाय उसे अलग से लिखने के, इस वजह से कार्बन कॉपी का इस्तेमाल किया जाता है. कार्बन कॉपी में जिन ई-मेल आईडी को आप रखते जाएंगे उन्हें भी मेल मिलेगा. यानि TO कॉलम वाले को तो मेल मिलेगा ही साथ ही CC वालों को भी मिलेगा.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">बीसीसी (BCC) का मतलब है ब्लाइंड कार्बन कॉपी. ये भी एक तरह से कार्बन कॉपी की तरह ही काम करता है लेकिन ब्लाइंड कार्बन कॉपी में आप जिस भी व्यक्ति का ई-मेल एड्रेस रखते हैं उसे ई-मेल मिलता है लेकिन इस स्थिति में TO कॉलम वाले लोगों को ये पता नहीं लगता कि ये मेल और किन्हें भेजा गया है जबकि CC की स्थिति में TO कॉलम को सब जानकारी होती है.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>CC का उदाहरण</strong></p>
<p style="text-align: justify;">To- abc1@gmail.com<br />Cc- xyz1@gmail.com &nbsp; &nbsp;&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">जब मेल भेज देंगे तो,</p>
<p style="text-align: justify;">इस स्थिति में एबीसी को ये भी पता लगेगा कि ये ईमेल xyz को भी भेजा गया है. जबकि नीचे लिखे गए ब्लाइंड कार्बन कॉपी में एबीसी को ये पता नहीं लगेगा कि ये xyz को भी भेजा गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>BCC उदाहरण</strong></p>
<p style="text-align: justify;">To-abc1@gmail. com<br />Cc-<br />Bcc- <a href="mailto:xyz@gmail.com">xyz1@gmail.com</a></p>
<h5 style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें:</strong></h5>
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