बदायूं: 24 साल की उम्र में बनी जज, दो पोस्टिंग एक प्रमोशन… जानें कौन थी खुदकुशी करने वाली ज्योत्सना? | UP Badaun Civil Judge Jyotsna Rai Junior Division suicide-stwma


मृतका जज ज्योत्सना राय (फाइल फोटो)
शनिवार सुबह बदायूं में सिविल जज जूनियर डिवीजन पद पर तैनात महिला जज ज्योत्सना राय का शव उनके सरकारी आवास पर पंखे से लटका मिला. ज्योत्सना राय ने सुसाइड क्यों की पुलिस इसकी जांच कर रही है. वहीं, उनकी आत्महत्या से कोर्ट परिसर में लोग हैरान हैं. साथी वकील भी उनके सुसाइड करने की घटना को लेकर सवाल करते नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि ज्योत्सना एक काबिल जज थीं. आखिर उन्होंने आत्मघाती कदम क्यों उठाया.
साथ ही चर्चा यह भी है कि पिछले कई दिनों से वह मानसिक तौर पर परेशान नजर आ रहीं थीं. पुलिस जांच में कुछ लिखित नोट्स भी मिले हैं जिनका खुलासा पुलिस ने अभी नही किया है. आशंका जताई जा रही है कि शायद सुसाइड नोट्स मिला है. महिला जज ने आत्महत्या क्यों की यह जांच का विषय है. पुलिस के वरिष्ठ अधिकरी इस मामले की जांच में जुटे हुए हैं. फॉरेंसिक टीम द्वारा भी सुबूत जुटाए गए हैं. उनके परिजनों को भी जानकारी दे दी गई है.
नवंबर 2019 को अयोध्या में मिली थी पहली पोस्टिंग
5 जुलाई 1995 को जन्मी ज्योत्सना राय के पिता का नाम अशोक कुमार राय है. वह उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की रहने वाली थीं और अविवाहित थीं. ज्योत्सना बचपन से ही पढ़ाई में होनहार थीं. उन्होंने साल 2010 में हाईस्कूल और 2012 में इंटरमीडिएट की परीक्षा फर्स्ट डिवीजन से पास की थी. वह 2019 में न्यायिक सेवा में आईं थीं और नवंबर 2019 को पहली पोस्टिंग अयोध्या में एडिशनल सिविल जज जूनियर डिवीजन पद पर हुई थी. उसके बाद वह अप्रैल 2023 में बदायूं जिले में एडीशनल सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर ट्रांसफर होकर आयीं थीं. बदायूं में ही सेवा के दौरान उनका पहला प्रमोशन नवंबर 2023 को सिविल जज जूनियर डिवीजन के पद पर हुआ था.
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कम समय में अपनी काबिलियत से बना ली थी पहचान
ज्योत्सना राय अपने पेशे में काफी होशियार थीं. वह अपनी काबिलियत की वजह से जानी जाती थीं. उनके साथी वकील भी उनकी काबिलियत की तारीफ करते हैं. बदायूं में एक साल से कम समय में उन्होंने अपनी अलग पहचान बना ली थी. बदायूं जिला बार एसोसिएशन के महासचिव संदीप मिश्रा ने बताया कि ज्योत्सना राय काफी काबिल जज थीं. वह इंटेलिजेंट थीं और उनकी कार्यशैली काफी तेज थी. उन्होंने बताया कि वह न्यायिक कार्य मे काफी दक्ष थीं और वकीलों से उनका व्यवहार काफी सहज और सरल था. गंभीरता भरे लहजे में उन्होंने कहा कि ऐसी तेज तर्रार महिला जज ने आत्महत्या क्यों की यह जांच का विषय है.
रिपोर्ट- खालिद रियाज/बदायूं