बहन चिंता मत करना, भांजे को साथ लेकर आऊंगा… वचन निभाने के लिए 17 दिन टनल के पास खड़ा रहा भाई | uttarkashi tunnel rescue up mirzapur worker akhilesh kumar came out of tunnel family happy stwas


मिर्जापुर के अखिलेश कुमार भी 17 दिन से टनल में फंसे थे.
उत्तरकाशी की जिस सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों के बाहर निकलने का पूरा देश इंतजार कर रहा था, रेस्क्यू टीम ने 17 दिन की कड़ी मेहनत के बाद टनल में फंसे सभी मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया है. इसी टनल में मिर्जापुर के अदलहाट थाना क्षेत्र के घरवासपुर के रहने वाले अखिलेश कुमार भी फंसे थे. अखिलेश कुमार के परिवार से लेकर गांव वाले तक उनके बाहर निकलने का इंतजार कर रहे थे. अब जब वह टनल से सुरक्षित बाहर निकल आते हैं तो परिवार वाले बेहद खुश नजर आ रहे हैं.
परिवारवालों और गांव वालों का कहना है कि 12 नवंबर से ही इस एक पल इंतजार हम लोग कर रहे थे. टीवी पर हम सबकी नजरें बनी हुई थीं. मंदिरों में पूजा-पाठ भी किया जा रहा था. अब अखिलेश के साथ सभी मजदूरों के निकलने पर गांव में जश्न है. आज दिवाली मनाई जा रही है. अखिलेश की मां ने जो मन्नत मानी थी पूजा-पाठ की, वह घूम-घूम कर गांव में देवस्थानों पर कर रही हैं. घर में सुंदर कांड का पाठ भी चल रहा है. टनल के पास मौजूद मामा ने अखिलेश का तस्वीर भी भेजी है.
अखिलेश कुमार की पत्नी हैं प्रेग्नेंट
अखिलेश कुमार पिछले 3 साल से सुपरवाइजर के रूप में टनल पर काम कर रहे थे. रक्षाबंधन पर्व पर गांव आए थे. पत्नी प्रेग्नेंट हैं तो डिलीवरी के समय नवंबर महीने के लास्ट में आने को कहा था. हादसा हो जाने से अखिलेश पिछले 17 दिन से टनल में फंसे हुए थे. 17 दिन से उत्तराखंड सरकार फंसे हुए मजदूरों को निकलने में दिन-रात जहां एक किए हुए थी तो वहीं परिवार और गांव वाले भी टनल में फंसे मजदूरों को सुरक्षित निकालने की प्रार्थना कर रहे थे. आज वह सब्र खत्म हो गया, जिसके चलते घर पर रहे माता-पिता, पत्नी, बाबा सब लोग खुश हैं.

अखिलेश कुमार के बाहर आने की खबर मिलते ही परिवार वाले टीवी के सामने उनकी एक झलक पाने के लिए बैठ गए.
अखिलेश कुमार की मां अंजू देवी ने क्या कहा?
अखिलेश कुमार की मां अंजू देवी 17 दिन से घर पर पूजा-पाठ करने के बाद लठियां गांव में जाकर हनुमान मंदिर और शंकर भगवान के मंदिर में हर दिन पूजा-पाठ किया करती थीं, मन्नत भी मानी थी. अब जब अखिलेश बाहर आ गए तो फिर मंदिर में पहुंचकर पूजा-पाठ की. अंजू देवी ने कहा कि जब से अखिलेश टनल में फंसे थे, मेरा पूरा समय पूजा-पाठ में ही जाता था. आज बहुत खुश हूं. अपने लाल को बाहर आने पर पहले अपने कुल देवी-देवता का पूजा-पाठ की हूं. फिर शीतला मां का पूजा-पाठ कर अब जगह-जगह जो देवस्थान हैं, वहां पर पूजा करने जा रही हूं.
अखिलेश के मामा विजय ने बहन से की बात
अखिलेश कुमार के मामा विजय सिंह भी टनल साइट पर स्टोर इंचार्ज के पद पर कई वर्षों से काम कर रहे हैं. वह टनल के पास ही मौजूद हैं. अखिलेश के मामा विजय सिंह ने अपनी बहन यानी अखिलेश की मां अंजू देवी से मोबाइल पर बातचीत में कहा था कि वह किसी भी हालत में अपने भांजे को घरवासपुर गांव लेकर आएंगे. घर पर सब लोग केवल हौसला बनाए रखना और परिवार के लोगों को संभाले रहना. हम जल्द आ रहे हैं.

टनल से बाहर आते ही मजदूरों के चेहरे पर दिखाई दी खुशी.
अखिलेश के गांव आने पर मनाई जाएगी दिवाली
सभी मजदूर दिवाली के दिन ही टनल के अंदर फंसे थे. इस वजह से वह सब दिवाली नहीं मना पाए थे. साथ ही उनके घर पर भी दिवाली नहीं मनाई गई थी. अब जब सब मजदूर बाहर आ गए हैं तो उनके घर पर दिवाली मनाने की तैयारी की जा रही है. अखिलेश के गांव में भी लोग दिवाली मनाने की तैयारी कर रहे हैं. दिवाली के दिन हुए हादसे के बाद पूरे गांव में भी दिवाली का त्योहार नहीं मनाया गया था. अब गांव के लोग अखिलेश के गांव लौटने पर एक साथ दीपक जलाकर दिवाली की खुशियों का त्योहार मिलकर मनाएंगे.
3 दिन से टीवी पर नजर गड़ाए बैठे थे परिजन और ग्रामीण
अखिलेश कुमार के गांव घरवासपुर के ग्रामीण टनल से मजदूरों के सुरक्षित निकलने की सूचना पर तीन दिनों से अपनी नजरें टीवी पर गड़ाए हुए थे. दो दिन कुछ दिक्कतों के चलते काम रुक गया था. उसके बाद मंगलवार की सुबह से टकटकी लगाए बैठे थे. जैसे ही मंगलवार की रात अखिलेश टनल से बाहर निकले, पूरा गांव खुशी से झूम उठा.
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