बिजनौर के 100 गांवों में गुलदार की दहशत, हमले के बचने के लिए किसानों ने अपनाया ये खास तरीका


किसानों ने निकाला नया तरीका
उत्तर प्रदेश के बिजनौर में गुलदारों को चकमा देने के लिए एक नया तरीका निकाला गया है. किसान और मजदूर अपने सिर के पीछे मास्क पहन कर खेतों पर काम कर रहे हैं. वन विभाग के प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) का कहना है कि गुलदार घात लगा कर पीछे से हमला करता है. हमला करने वाले गुलदार को मास्क को देख कर भ्रम होता है कि इंसान उसे देख रहा है. इसलिए उन्होंने ये तरीका निकाला है.
अब तक बिजनौर वन विभाग की ओर से दस हजार मास्क बांटे जा चुके हैं. बिजनौर में गुलदारों की बढ़ती संख्या और ग्रामीणों पर हो रहे हमलों की वजह से वन विभाग ने मास्क कान्सेप्ट लागू किया है.गन्ना बाहुल्य बिजनौर जिले में गन्ने के खेतों में रह रहे गुलदारों के हमले से पिछले तीन साल में अब तक तीस से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं.
500-600 गुलदारों का डेरा
100 पिंजरे गांवों में लगा कर करीब 112 गुलदार को पकड़कर जंगल और चिड़ियाघरों में छोड़ा जा चुका है. वहीं 30 से ज्यादा गुलदारों के बच्चे भी खेतों से बरामद किए जा चुके हैं. वन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 500 से 600 गुलदार बिजनौर जिले में गन्ने के खेतों में डेरा डाले हुए हैं. बिजनौर के 100 गांवों को गुलदार बाहुल्य होने की वजह से सेंसिटिव कैटेगरी में रखा गया है.
100 वॉलंटियरों टीमें कर रही गश्त
वन विभाग की टीमें गांव-गांव जागरुकता अभियान चला रही है.गाड़ियों में लाउडस्पीकर लगा कर गांव वालों को गुलदारों से बचाव के लिए सुझाव दिए जा रहे हैं. साथ ही थर्मल ड्रोन से भी गुलदारों की ट्रेसिंग की जा रही है. बिजनौर के प्रभागीय वन अधिकारी (DFO) ज्ञान सिंह ने बताया बिजनौर के 100 गांवों को संवेदनशील घोषित करके तीन सेक्टर में बांटा गया है. वन कर्मियों और 100 वॉलंटियरों की बीस टीमें रात दिन गश्त कर रही हैं.
जंगलों-नेशनल पार्कों से घिरा बिजनौर
बिजनौर तीन तरफ से वनों और नेशनल पार्कों से घिरा हुआ है. एक तरफ राजा जी पार्क है तो दूसरी तरफ जिम कार्बेट पार्क और अमानगढ़ टाइगर पार्क है. इसके अलावा हस्तिनापुर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी है. इन पार्को से गुलदार गन्ने के खेतों में रहने लगते हैं. इसलिए गुलदारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. वन विभाग ने गुलदारों से बचाव के लिए एडवाइजरी भी जारी की हुई है. किसी भी घटना के घटित होने की सूचना पर क्विक रिस्पॉन्स टीम मदद के लिए पहुंच जाती है.