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मंत्री का विरोध या 7 साल से एक ही कुर्सी… IAS शिशिर के तबादले की इनसाइड स्टोरी क्या है?

मंत्री का विरोध या 7 साल से एक ही कुर्सी... IAS शिशिर के तबादले की इनसाइड स्टोरी क्या है?

CM योगी आदित्यनाथ के साथ IAS शिशिर

योगी सरकार ने देर रात 33 आईएएस अधिकारियों का तबादला कर दिया है. इस ट्रांसफर लिस्ट में सबसे हैरान करने वाला नाम शिशिर का है, जिनकी गिनती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सबसे करीबी अफसर में की जाती है. शिशिर से सूचना विभाग छीनकर उन्हें MSME और निर्यात प्रोत्साहन विभाग का विशेष सचिव बना दिया गया है. आइए जानते हैं कि IAS शिशिर के लाईमलाइट से साईड लाईन किए जाने की इनसाइड स्टोरी क्या है?

सबसे पहले जान लीजिए कि IAS शिशिर कौन हैं? यूपी के ही बलिया जिले के रहने वाले शिशिर 2019 बैच के प्रमोटी आईएएस अफसर हैं. 28 मई 2017 को उन्हें भाषा विभाग का विशेष सचिव बनाने के साथ ही हिंदी संस्थान-सूचना-संस्कृति विभाग का निदेशक बनाया गया था. 2019 में उन्हें संस्कृति विभाग का विशेष सचिव और सूचना विभाग का निदेशक बनाया गया था. करीब 7 साल से वह सूचना विभाग की कमान संभाल रहे थे. शिशिर, 2027 में रिटायर होंगे.

आशीष पटेल ने शिशिर के खिलाफ खोला था मोर्चा

IAS शिशिर के खिलाफ बीते दिनों ही योगी सरकार के ताकतवर मंत्री आशीष पटेल ने मोर्चा खोल दिया था. आशीष पटेल ने अपने विभाग में हुए कथित करप्शन के मामले में IAS शिशिर पर साजिश रचने का आरोप लगाया था. इसको लेकर मंत्री आशीष पटेल ने लखनऊ से दिल्ली तक कई बड़े नेताओं से शिकायत भी की थी. आशीष पटेल, बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं.

दरअसल, आशीष पटेल के प्राविधिक शिक्षा विभाग में हुई नियुक्ति में करप्शन का आरोप सपा विधायक पल्लवी पटेल ने लगाया था. आशीष पटेल का कहना था कि पल्लवी पटेल तो मात्र चेहरा हैं, इसके पीछे पूरी साजिश सूचना विभाग के निदेशक शिशिर समेत कई बड़े अफसरों ने रची है. आशीष पटेल ने बकायदा X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट लिखकर शिशिर के खिलाफ मोर्चा खोला था और उनकी शिकायत दिल्ली में बड़े नेताओं से की थी.

7 साल से एक ही पद पर तैनात थे IAS शिशिर

आशीष पटेल के विरोध के बावजूद IAS शिशिर, सूचना विभाग में निदेशक पद पर बने रहे थे. इसकी सबसे बड़ी वजह IAS शिशिर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भरोसा बताया जाता था. बता दें कि सीएम योगी ने सूचना विभाग अपने पास ही रखा है और इस विभाग के 7 साल तक बेताज बादशाह IAS शिशिर रहे, लेकिन लगातार एक ही पद पर बने रहने के कारण ब्यूरोक्रेसी के कई अफसरों को वह रास नहीं आ रहे थे.

सूचना विभाग के बजट पर उठता रहा है सवाल

पिछले 7 सालों में सूचना विभाग, यूपी सरकार का सबसे ताकतवर विभाग बन गया है. इस विभाग के जरिए सरकार ने अपने कामकाज के प्रचार के लिए कई हजार करोड़ रुपये खर्च किए. सूचना विभाग के इसी खर्च पर कई बार सवाल उठ चुका है. पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से लेकर योगी सरकार के मंत्री आशीष पटेल भी सूचना विभाग के बजट के दुरुपयोग का मसला उठा चुके हैं. आशीष पटेल ने तो यहां तक कहा था कि सूचना विभाग के बजट के जरिए ही उनके खिलाफ झूठी खबरें चलवाई जा रही हैं.

आखिर तबादले के पीछे की कहानी क्या है?

देर रात जब IAS अफसरों के तबादले की लिस्ट आई तो सबकी निगाह 26 नंबर पर ठहर गई. 26वें नंबर पर IAS शिशिर के तबादले की जानकारी थी. जैसे ही यह खबर लखनऊ से दिल्ली तक पहुंची तो सबके मन में यही सवाल आया कि सीएम योगी ने अपने सबसे करीबी अफसर को साइडलाइन क्यों कर दिया? लखनऊ के सियासी गलियारे में भी यही चर्चा है. कोई इसे आशीष पटेल का विरोध बता रहा है तो कोई एक ही पद पर 7 साल से बने रहने का खामियाजा. खैर, दीनदयाल उपाध्याय सूचना परिसर से शिशिर की विदाई इसी सवाल के साथ हो रही है कि तबादला क्यों हुआ?



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