मुस्लिम समाज में सुधार पर मंथन, कल देवबंद में जमीयत उलेमा ए हिंद की अहम बैठक | Jamiat Ulema E Hind Meeting In Deoband Saharanpur Uttar Pradesh Muslim Community


जमीयत उलेमा-ए-हिंद की अहम बैठक (सांकेतिक)
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की एक अहम बैठक सोमवार को सहारनपुर के देवबंद में होने वाली है. बैठक में मुस्लिम समाज में सुधार, मुसलमानों के लिए शिक्षा में सुधार और सांप्रदायिक संबंधित मामलों पर चर्चा होगी. जमीयत उलमा-ए-हिंद के एक प्रवक्ता मौलाना काब रशीदी ने बताया कि मीटिंग देवबंद के मदनी मेमोरियल पब्लिक स्कूल में आयोजित की जाएगी. इस अहम बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 17 जिलों में एक्टिव जमीयत की विभिन्न इकाइयां हिस्सा लेंगी. मीटिंग में कमोबेश 1700 प्रतिनिधियों के पहुंचने की उम्मीद है.
मौलाना काब रशीदी ने यह भी बताया कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी बैठक में शामिल होंगे. अलग-अलग जिलों से आने वाले प्रतिनिधियों को वह संबोधित करेंगे. मीटिंग की अध्यक्षता संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष खुद मौलाना अशद रशीदी करेंगे. बैठक का एजेंडा मुख्य रूप से मुस्लिम समाज में सुधार के लिए एक आंदोलन शुरू करने, सांप्रदायिकता से निपटने और देश के सभी वर्गों के बीच सामाजिक एकता, प्रेम और विश्वास को बढ़ावा देने पर जोर देगा.
जमीयत की मीटिंग का ये है एजेंडा
एजेंडे में मुस्लिम समाज के सुधार के लिए कार्यक्रम लागू करना, सांप्रदायिकता को संबोधित करना, सामाजिक एकता को बढ़ावा देना, मुस्लिम बच्चों को आधुनिक शिक्षा प्रदान करने के लिए बेहतर शैक्षणिक संस्थान स्थापित करना, नई इकाइयां बनाकर संगठन की पहुंच का विस्तार करना और मौजूदा इकाइयों को पुनर्जीवित करना शामिल है.
प्रधानमंत्री को राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह से करना चाहिए परहेज
जमीयत उलेमा-ए-हिंद हाल के दिनों में विभिन्न महत्वपूर्ण गतिविधियों में शामिल रही है. संगठन ने अयोध्या में राम मंदिर के प्रतिष्ठा समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संभावित भागीदारी पर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने उनसे देश के प्रधानमंत्री के रूप में ऐसे कार्यक्रमों में हिस्सा लेने से परहेज करने की अपील की.
बजरंग दल को बैन करने का अपना वादा पूरा करे कांग्रेस
संगठन ने कांग्रेस से कर्नाटक में बजरंग दल पर प्रतिबंध लगाने के अपने चुनावी वादे को पूरा करने का आग्रह किया है. प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि “ओम” और “अल्लाह” एक ही भगवान हैं जिनकी पूजा ‘मनु’ करते हैं, जिससे विवाद पैदा हो गया था. इसके अतिरिक्त, वे मदरसों की सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं और उनके समर्थन के लिए एक समिति का गठन किया है.