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‘मेरे पास दोनाली बंदूक, धमकी मत दो’, जांच के लिए पहुंचे साहब को महिला टीचर ने दिखाए तेवर | Rampur Primary School Principal of Kishanpur Ataria School Clash with CMO Task Force

'मेरे पास दोनाली बंदूक, धमकी मत दो', जांच के लिए पहुंचे साहब को महिला टीचर ने दिखाए तेवर

सीएमओ और प्रिंसिपल में तीखी बहस

उत्तर प्रदेश के रामपुर से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया. यहां एक सरकारी प्राइमरी स्कूल में इंस्पेक्शन होना था. सीएमओ साहब आए और उन्होंने अपनी जांच शुरू की. इसी बीच उन्होंने स्कूल में मौजूद लोगों से पूछा कि इस स्कूल की प्रिंसिपल कहां हैं. पास खड़ी महिला शिक्षिका ने कहा कि वह ही प्रधानाचार्या हैं. इसके बाद उन्होंने सीएमओ साहब से कुछ ऐसी बात कह दी कि सीएमओ के भी होश उड़ गए.

प्रिंसिपल ने कहा कि उनके पास एक लाइसेंसी दोनाली बंदूक है. वह डरने वाली नहीं हैं. इसपर सीएमओ साहब ने भी भौंएं चढ़ा लीं. सीएमओ ने भी शिक्षिका से कहा कि उनके पास भी गनर और बंदूक है, उन्हें भी कोई इस तरह धमका नहीं सकता. प्रिंसिपल की इस अजीबो-गरीब धमकी कि शिकायत सीएमओ ने सीधा डीएम से कर दी.

क्या है पूरा मामला?

डीएम जोगिंदर सिंह की अध्यक्षता में गठित टास्क फोर्स कमेटी जिले में बेसिक शिक्षा का स्तर जांचने के लिए स्कूलों का औचक निरीक्षण करती है. इसी के तहत कुछ दिन पहले यह कमेटी शहर के किनारे स्थित किशनपुर अटारिया विद्यालय पहुंची, जहां बच्चों का शैक्षिक स्तर जानने के दौरान सीएमओ एसपी सिंह और स्कूल की प्रधानाचार्या आसमा परवीन के बीच तीखी बहस हो गई. सीएमओ ने निरिक्षण के दौरान बच्चों की पढ़ाई और स्कूल की गुणवक्ता के बारे में पूछा लेकिन इस सवाल का प्रिंसिपल ने उल्टा ही जवाब दे दिया. प्रिंसिपल ने कहा कि सारे गधों (बच्चों) को घोड़ा नहीं बनाया जा सकता.

सीधे सवाल का उल्टा जवाब

सीधे सवाल का इस तरह का उल्टा जवाब मिलने से सीएमओ का भी पारा चढ़ गया. उन्होंने जब प्रिंसिपल से कहा कि वह ऐसे कैसे बोल सकती हैं तो इसपर प्रिंसिपल ने और टेढ़ी बात कर दी. प्रिंसिपल ने कहा कि उनके पास लाइसेंस वाली दोनाली बंदूक है उन्हें कोई डरा नहीं सकता. प्रिसिंपल की इस अटपटी बात पर सीएमओ आग बबूला हो गए और उनकी आसमा से तीखी बहस हो गई. बहस के बीच आसमा की बात का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि उनके पास भी बंदूक और गनर हैं, उनको भी इस तरह से कोई धमका नहीं सकता. इसके बाद सीएमओ वहां से वापस लौट गए.

प्रधानाध्यापिका को देना होगा जवाब

25 जुलाई को डीएम की अध्यक्षता में हुई जिला शिक्षा और अनुश्रवण समिति की बैठक में सीएमओ का दर्द छलका तो डीएम ने बीएसए को कार्रवाई के आदेश दिए. करीब एक महीने बाद छह अगस्त को मामले में महिला प्रधानाध्यापक को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया. डीएम के निर्देश के बाद बीएसए ने नोटिस जारी कर महिला प्रधानाध्यापिका को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा है. सीएमओ एसपी ने कहा कि उन्होंने पूरे जीवन में इस तरह का व्यवहार और जवाब कभी नहीं सुना या देखा. दरअसल, बेसिक शिक्षा विभाग के द्वारा संचालित विद्यालयों के समय-समय पर निरीक्षण के लिए एक टास्क फोर्स बनी हुई है. इसमें जिला स्तरीय अधिकारी नामित हैं, जिन्हें हर महीने पांच-पांच विद्यालयों का निरीक्षण करना होता है. फिलहाल मामले पर प्रधानाध्यापिका का कोई जवाब नहीं आया है.

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