युद्ध हो या दंगे… आकाश से दुश्मनों पर नजर रखेगा ये ‘मराल’, सूरज से मिलेगी एनर्जी | IIT Kanpur maraal Drone eye from height 5 KM get energy from sollar


आईआईटी कानपुर ने बनाई ये डिवाइस
ड्रोन तो हम सभी ने देखें हैं. कभी शादी समारोह में या फिर पुलिस के पास ये ड्रोन देखे गए हैं, लेकिन इनके साथ दिक्कत यह होती है की यह न तो एक घंटे से ज्यादा चल पाते हैं. न ही बहुत ऊंचाई तक जा पाते हैं, लेकिन अब आईआईटी कानपुर की मदद से ड्रोन आकार की ऐसी उड़न तश्तरी बनाई गई है, जो सूरज की किरणों से उड़ान भरेगी. देखने में छोटे हवाई जहाज की तरह दिखने वाली इस डिवाइस का नाम मराल है.
मराल का मतलब हंस होता है. यह हंस की तरह ही घंटों तक काम कर सकती है. आईआईटी कानपुर की मदद से इसको बनाया गया है. यह उड़न तश्तरी की तरह काम करती है. मराल की सबसे खास बात यह है की इसमें सोलर प्लेट्स लगी हुई है. इसलिए इसको उड़ान भरने के लिए सिर्फ सूरज की किरणों की जरूरत होती है.
5 KM की ऊंचाई से 10-12 घंटे ले सकता है तस्वीरें
इसको बनाने वाले आर.के. शर्मा ने बताया कि मराल 5 किलोमीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है. लगातार 10 से 12 घंटे तक तस्वीरें ले सकता है. इसके ऊपर कैमरा, राउटर इत्यादि सब कुछ लगाया जा सकता है. इसका इस्तेमाल प्राकृतिक आपदा, सुरक्षा एजेंसी के सर्विलेंस में किया जा सकता है. अपराधियों के छिपने की जगह या जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए भी मराल का इस्तेमाल किया जा सकता है.
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मिल चुके डिफेंस के ऑर्डर
आईआईटी में स्टार्टअप विभाग के विकास ने बताया कि देश की डिफेंस को मजबूत करने के लिए इस तरह के अनोखे स्टार्टअप को प्रोत्साहित कर रहा है. यहां से शुरू किए गए कई स्टार्टअप को डिफेंस के ऑर्डर भी मिल चुके हैं. युद्ध के क्षेत्र और दंगा प्रभावित इलाकों में इस खास सौर ऊर्जा वाले ड्रोन का इस्तेमाल किया जा सकेगा.