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राम मंदिर के दर्शन को पहुंचे पाकिस्तानी, कहा काश इतनी आजादी वहां भी मिलती | Ramlala darshan Devotee from Pakistan who come and like freedom of India-stwam

राम मंदिर के दर्शन को पहुंचे पाकिस्तानी, कहा- काश इतनी आजादी वहां भी मिलती

रामलला के दर्शन के लिए भारत आए पाकिस्तानी श्रद्धालु

पाकिस्तान से रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालु अयोध्या आए हैं. उन्हें भारत की स्वत्रंता, रहन-सहन और अपने अनुसार जीने की आजादी ने इतना प्रभावित किया कि वह कह बैठे कि काश! इतनी ही आजादी हमें उन्हें पाकिस्तान में भी मिलती. रामलला के मंदिर में प्रभु राम के जयकारे और शांति-सुकून से भरे माहौल ने इतना प्रभावित किया कि वह इस देश के जैसा माहौल अपने मुल्क में भी पाना चाह रहे थे.

पाकिस्तान के 34 जिलों से आए सिंधी श्रद्धालुओं के जत्थे ने कहा कि उनके मुल्क में किसी भी खास मौके त्योहार आयोजन पर काफी पाबंदियां लगाई जाती है, जिससे हिंदुस्तान जैसा माहौल वहां देखने को नहीं मिलता. यहां रात में भी महिलाएं कितनी आजादी से बाहर घूम-फिर सकती हैं, जबकि उनके मुल्क में इतनी आजादी नहीं है.

6 बसों से भारत पहुंचे श्रद्धालु

पाकिस्तान से कुल 250 सिंधी श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए भारत पहुंचे. यह सभी श्रद्धालु ने भारत के 6 शहरों में घूमने के लिए गए. इन्हें भारत में खुलकर आजादी से जीने का माहौल बहुत अच्छा लगा.

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250 श्रद्धालु कराची, लाहौर, घोटकी, हैदराबाद के हैं, जो रामलला के दर्शन के लिए भारत आए और भारत के कुछ हिस्सों में भ्रमण भी किया.यह सभी श्रद्धालु 15 दिन के लिए भारत यात्रा पर आए हैं. अमृतसर, अमरावती, रायपुर, प्रयागराज, अयोध्या, हरिद्वार के धार्मिक स्थलों का दर्शन करने के बाद अपने मुल्क वापस लौटेंगे.

रामराज्य ऐसा ही रहा होगा

सिंध से आए युवक ने कहा कि वह पाकिस्तान पहली बार आया है, त्रेता युग में रामराज्य ऐसा ही रहा होगा, जैसा कि भारत में है. वह अपने मुल्क में त्योहार के दिनों में खुलकर त्योहार नहीं मना पाते. भारत जैसे मुल्क में खुलकर जीने की आजादी का जो आनंद है वह अद्भुत है. काश यह हमारे मुल्क में हम सभी को मिल पाती. उसने बताया कि पाकिस्तान में शिवरात्रि, जनमाष्टमी जैसे त्योहारों को सामूहिक रूप से मनाने की आजादी उनके पास नहीं है.

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