उत्तर प्रदेशभारत

सपा कांग्रेस में पैच अप, आखिर सियासत के चाणक्य लालू ने कैसे संभाला गेम? | Congress vs samajwadi party lalu prasad yadav akhileh yadav rahul gandhi mp election india alliance

सपा-कांग्रेस में पैच-अप, आखिर सियासत के चाणक्य लालू ने कैसे संभाला गेम?

लालू प्रसाद यादव के दखल से कांग्रेस सपा के बीच तल्खी हुई कम

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सीट को लेकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच हुई तनातनी कम हो गई है. जानकारी सामने आई कि खुद राहुल गांधी ने सपा मुखिया अखिलेश यादव को मैसेज भिजवाया. दूसरी ओर यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय को भी पार्टी हाईकमान ने दिल्ली तलब किया है, साथ ही अखिलेश यादव को लेकर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के सुर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं.

अब सवाल यह उठता है कि इन दिनों एग्रेसिव पॉलिटिक्स कर रही कांग्रेस अचानक से सपा को लेकर नरम कैसे हो गई. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी में मची रार को शांत करने में भूमिका किसकी है. बता दें कि सपा-कांग्रेस के बीच यह लड़ाई भले ही मध्य प्रदेश से शुरू होकर उत्तर प्रदेश तक पहुंच गई हो. लेकिन दोनों दलों के बीच मध्यस्थता करने वाले बिहार के दिग्गज नेता लालू प्रसाद यादव हैं.

कांग्रेस-सपा में विवाद

इस विवाद में सपा मुखिया अखिलेश यादव ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर कांग्रेस से राज्य स्तर पर गठबंधन नहीं है तो अब लोकसभा में भी गठबंधन नहीं होगा. साथ ही अखिलेश ने चेतावनी भरे लहजे में यह भी कहा था कि जो ट्रीटमेंट मध्य प्रदेश में कांग्रेस ने सपा को दिया है, वहीं सपा कांग्रेस को यूपी में देगी. इन सबके बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय और सपा नेताओं के बीच भी वाक युद्ध चल रहा है. आलम ये हो गया कि तू-तू मैं-मैं के बीच में लालू प्रसाद यादव को एंट्री मारनी पड़ी.

लालू यादव की एंट्री

माना जा रहा है कि अगर लालू यादव सपा-कांग्रेस के बीच मध्यस्थता नहीं करते को बात बिगड़ना तय थी. लेकिन अंदर की बात यह है कि लालू प्रसाद यादव ने आखिर कैसे इन दोनों दलों को फिर से एक साथ लाकर खड़ा कर दिया. दरअसल इस पूरे मसले पर दोनों दलों के बीच बिगड़ते रिश्ते को देखते हुए लालू प्रसाद यादव ने पहले सोनिया गांधी से और फिर अखिलेश यादव से बात की.

सूत्रों के मुताबिक लालू प्रसाद यादव ने इंडिया गठबंधन को लेकर अखिलेश को समझाया कि हमारी लड़ाई बीजेपी से है और अगर हम छोटी-छोटी बातों में उलझेंगे तो बीजेपी को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के मकसद में सफल नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन का मकसद बीजेपी को रोकने का है.

कांग्रेस की तरफ मुसलमानों का झुकाव

अंदरखाने चर्चा यह भी है कि अखिलेश यादव इसलिए भी यह बात समझ गए कि मुसलमानों का रूख कांग्रेस को लेकर बदला है. जिस तरीके से मुसलमान कांग्रेस की तरफ देख रहा है उससे यह तय है कि लोकसभा चुनाव में सीटों का बंटवारा वोट प्रतिशत के हिसाब से नहीं किया जा सकता है. इसलिए कांग्रस की जितनी हैसियत नहीं है उससे ज्यादा सीट देनी पड़ेगी.

वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कहा कि कांग्रेस की लोकल यूनिट ने सपा को सीट देने का विरोध किया था. इसलिए कांग्रेस को अपना प्रत्याशी उतारना पड़ा. उनका कहा है कि एमपी में इस बार लड़ाई सीधे बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. दोनों के बीच कांटे की टक्कर चल रही है ऐसे में कार्यकर्ताओं की नाराजगी भारी पड़ सकती है.

कांग्रेस की एग्रेसिव पॉलिटिक्स

इस विवाद में एक बड़ी वजह कांग्रेस की एग्रेसिव पॉलिटिक्स भी है. क्योंकि यूपी का अध्यक्ष बनने के साथ ही अजय राय ने अग्रेशन दिखाना शुरू कर दिया. दरअसल यूपी के घोषी उपचुनाव में कांग्रेस ने सपा को सपोर्ट किया लेकिन उत्तराखंड के बागेश्वर सीट पर उपचुनाव में सपा ने अपना उम्मीदवार कांग्रेस के खिलाफ उतार दिया. इसके साथ ही इन दिनों कांग्रेस का कॉन्फिडेंस आसमान पर है क्योंकि इमरान मसूद समेत कई मुसलमान नेता पार्टी में शामिल हुए हैं. वहीं इससे पहले कर्नाटक में मिली जीत की भी बड़ा भूमिका है.

इसके साथ ही कांग्रेस का मानना यह भी था कि अगर उनमें अग्रेशन नहीं होगा तो सपा सीट नहीं देगी. वहीं बड़ी बात यह भी है कि कई सर्वे में साफ दिख रहा है कि राहुल गांधी के स्टैंड के मुसलमान सराह रहे हैं. हालांकि इस विवाद में लालू यादव की एंट्री होने के बाद तनातनी खत्म होती नजर आ रही है.

लालू यादव की भूमिका बेहद अहम

इन सबके लिए लालू प्रसाद यादव और अखिलेश यादव की केमिस्ट्री भी महत्वपूर्ण है. दरअसल इंडिया गठबंधन की ही बात करें तो इसमें लालू प्रसाद यादव की भूमिका बेहद अहम है. इस गठबंधन में ऐसी पांच पार्टिया हैं जो लालू यादव पर भरोसा करती हैं, इसमें सपा, कांग्रेस, टीएमसी, झामुमो और एनसीपी शामिल हैं. बता दें कि जब सोनिया गांधी को लेकर विदेशी मूल का मामला गरमाया था तब लालू प्रसाद यादव ने सोनिया गांधी के समर्थन में बयान दिये थे. वहीं उद्धव ठाकरे के बेटे और तेजस्वी यादव के बीच भी काफी बढ़िया केमेस्ट्री है.

पर्दे के पीछे वह बेहद एक्टिव

दरअसल इंडिया गठबंधन में भले ही लालू सामने एक्टिव न दिखते हैं लेकिन पर्दे के पीछे वह बेहद एक्टिव होकर काम कर रहे हैं. वहीं जो बात कांग्रेस सपा के बीच बिगड़ गई है, ऐसे में लालू यादव की चाणक्य की भूमिका में हैं. बिहार में भी लालू नीतीश कुमार से तालमेल बिठाकर काम कर रहे हैं. वह लोकसभा में एक भी सांसद न होने का दर्द जानते हैं. लालू और उनके परिवार पर ईडी सीबीआई ने कई बार छापेमारी की है, लेकिन संसद के अंदर उनकी पार्टी का कोई इस मुद्दे को उठाने वाला नहीं है.

लालू यादव का स्टैंड क्लियर

ऐसे में सियासत के चाणक्य लालू प्रसाद यादव का स्टैंड तो बिल्कुल साफ है कि हर हाल में कांग्रेस के साथ रहना है. भले में उन्हें बिहार में कांग्रेस को अच्छी खासी सीटे देनी पड़ें. लेकिन वो कांग्रेस को नाराज नहीं करेंगे. इसी कड़ी में उन्होंने अखिलेश और राहुल के बीच बातचीत शुरू कराई. इतना ही नहीं, कहा यह भी जा रहा है कि लालू के दखल के बाद अजय राय को कांग्रेस आलाकमान ने दिल्ली तलब कर लिया गया. उन्हें कहा भी गया है कि वह सपा के साथ समन्वय बनाकर रखें.

कांग्रेस के साथ लालू

इंडिया गठबंधन का चाणक्य अगर लालू यादव को कहा जाए तो गलत नहीं होगा. कई मंच पर कांग्रेस को लेकर उनकी भावना सबके सामने आ चुकी है. बिहार की बैठक में लालू ने बड़ी चतुराई से कहा कि इस बारात के दुल्हे राहुल गांधी हैं. वहीं मुंबई में भी उन्होंने राहुल गांधी से कहा था कि आप आगे बढ़िए हम सब आपके साथ हैं.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button