सिर्फ एक महीने में निमिषा प्रिया हो सकती है फांसी, क्या कतर की तरह यमन में भी इंडियन नर्स को मृत्युदंड से बचा पाएगी भारत सरकार?

<p style="text-align: justify;">भारत ने मंगलवार (31 दिसंबर, 2024) को कहा कि वह यमन में मौत की सजा का सामना कर रही भारतीय नर्स के मामले में प्रासंगिक विकल्पों को तलाशने के लिए हरसंभव मदद मुहैया करा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;">केरल की रहने वाली निमिषा प्रिया को कथित तौर पर एक यमन नागरिक की हत्या के लिए मौत की सजा सुनाई गई है. विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमें यमन में सुश्री निमिषा प्रिया की सजा के बारे में पता है. हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है.’रणधीर जायसवाल ने मीडिया के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘सरकार इस मामले में हरसंभव मदद मुहैया करा रही है.'</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>कौन हैं निमिषा प्रिया और क्यों यमन में सुनाई गई मौत की सजा?<br /></strong>निमिषा प्रिया को एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी के मर्डर का दोष ठहराया गया है, जिसकी मौत नशीले इंजेक्शन की ओवरडोज से हुई है. केरल के पल्लकड़ जिले की रहने वाली निमिषा 16 साल पहले यमन गई थीं. उनका परिवार दिहाड़ी मजदूरी करता था इसलिए उन्होंने घरवालों की वित्तीय मदद के लिए यमन जाने का फैसला किया. यहां उन्होंने 2008 से 2014 के बीच यमन के अलग-अलग अस्पतालों में नर्स के तौर पर काम किया. इसके बाद उन्होंने अपना क्लीनिक खोलने का फैसला किया. यमन का कानून कहता है कि देश में कोई भी बिजनेस शुरू करने के लिए किसी यमनी नागरिक का पार्टनर होना जरूरी है इसलिए निमिषा क्लीनिक के लिए कोई पार्टनर ढूंढ रही थीं. </p>
<p style="text-align: justify;">तब उन्हें तलाल महदी मिले. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तलाल उन्हें 2015 में उनकी केरल यात्रा के दौरान मिले थे और उनकी मुलाकात निमिषा के पति टॉमी थॉमस से भी हुई थी. तलाल उनके घर पर भी रुके थे. फिर निमिषा यमन वापस आ गईं और उन्होंने तलाल के साथ क्लीनिक शुरू कर लिया. क्लीनिक की मालकिन निमिषा थीं, लेकिन इसमें उनका शेयर सिर्फ 33 पर्सेंट और महदी का 67 पर्सेंट था. परेशानी तब शुरू हुई जब तलाल महदी ने निमिषा प्रिया को क्लीनिक की इनकम का शेयर देना बंद कर दिया. निमिषा के पति और बेटी भी यमन आने का प्लान कर रहे थे, लेकिन सिविल वॉर की वजह से वे नहीं आ सके.</p>
<p style="text-align: justify;">बाद में निमिषा और तलाल के बीच विवाद हो गया. निमिषा का आरोप है कि तलाल महदी ने उनकी वेडिंग फोटोग्राफ को कट करके अपनी फोटो जोड़ दी, जिससे ऐसा लगे कि तलाल की शादी निमिषा से हुई है. तलाल ने अपने परिवार और क्लीनिक स्टाफ को भी यही बताया कि उन दोनों की शादी हो गई है. निमिषा ने महदी की शिकायत भी की, लेकिन उसने नकली दस्तावेज पेश किए, जिन्हें कोर्ट ने भी स्वीकार कर लिया. निमिषा का आरोप है कि तलाल महदी ने कई बार उनका शारीरिक शोषण भी किया. निमिषा की शिकायत और ड्रग एडिक्शन की वजह से पुलिस ने तलाल को अरेस्ट कर लिया.</p>
<p style="text-align: justify;">जेल से बाहर आते ही महदी फिर से निमिषा को परेशान करने लगा और निमिषा का पासपोर्ट भी उसके पास ही था, जिसकी वजह से निमिषा यमन छोड़कर नहीं जा सकती थीं. इस सबसे परेशान होकर निमिषा ने महदी से अपना पासपोर्ट वापस लेने की ठान ली और निमिषा ने महदी को नशीला इंजेक्शन दिया. निमिषा उसको सिर्फ बेहोश करना चाहती थी, लेकिन ओवरडोज की वजह से महदी की मृत्यु हो गई.</p>
<p style="text-align: justify;">निमिषा प्रिया को एक साल बाद कोर्ट ने इस मामले में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुना दी. निमिषा की मां प्रेमा कुमारी ने निचली अदालत के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती भी दी, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई. इसके बाद प्रिया के परिवार के पास आखिरी विकल्प के तौर पर ब्लड मनी और राष्ट्रपति से गुहार का विकल्प बचा था. पीड़ित परिवार के साथ ब्लड मनी पर बातचीत करने की कोशिश की गई, इस पर काफी बात भी चली, लेकिन ये सफल न हो सकी. इस सिलसिले में प्रेमा कुमारी इस साल यमन भी गई थीं. कल यमन के राष्ट्रपति रशद अल अलीमी ने निमिषा की मौत की सजा को मंजूरी दे दी और उन्हें एक महीने में फांसी दी जा सकती है.<br /><br /><strong>कतर में फांसी की सजा पाए आठ पूर्व नौसेनिकों को भारत सरकार ने कैसे करवाया था रिहा?</strong><br />पिछले साल भारत सरकार के दखल के बाद कतर में फांसी की सजा पाए आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों की मौत की सजा माफ कर दी गई थी. जासूसी के आरोप में उनकी गिरफ्तारी हुई थी. कतर के साथ भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध हैं और दोनों के मजबूत व्यापारिक रिश्ते हैं. इस मामले में भारत सरकार लगातार कतर से बातचीत करती रही और प्रधानमंत्री <a title="नरेंद्र मोदी" href="https://www.toplivenews.in/topic/narendra-modi" data-type="interlinkingkeywords">नरेंद्र मोदी</a> ने भी खुद कतर के अमीर शेख तमीम बिन हम्द अल-थानी के सामने इस मसले को रखा था. दुबई में हुए सीओपी 28 सम्मेलन के दौरान दोनों की मुलाकात हुई थी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने भी इस मीटिंग का जिक्र करते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को लेकर अच्छी बातचीत हुई.<br /><br /></p>
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