सुप्रीम कोर्ट से अब्बास अंसारी को राहत, पिता मुख्तार की 40वें की फातिहा में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो सकेंगे शामिल | Supreme Court allows Abbas Ansari to virtually attend last rites of his father Mukhtar Ansari

यूपी विधानसभा के सदस्य और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अब्बास अंसारी को अपने दिवंगत पिता मुख्तार अंसारी की मृत्यु के 40वें दिन के कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शामिल होने की अनुमति दे दी है. अब्बास अंसारी फिलहाल कासगंज जेल में बंद हैं. बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी का 28 मार्च को बांदा स्थित एक अस्पताल में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया था.
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले अब्बास अंसारी को पिता मुख्तार अंसारी की याद में आयोजित फातिहा में शामिल होने की अनुमति दी थी. सुप्रीम कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद अब्बास अंसारी गाजीपुर के मोहम्मदाबाद पहुंचकर फातिहा में शामिल हुए थे. आदेश के अनुसार फातिहा में शामिल होने के बाद अब्बास अंसारी वापस कासगंज जेल पहुंच गए थे.
एक दिन पहले भाई उमर को मिली बड़ी राहत
एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी को आदर्श आचार संहिता के कथित उल्लंघन के मामले में सोमवार को अग्रिम जमानत दे दी. उमर अंसारी पर 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप लगा था.सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गरिमा प्रसाद ने कहा कि अंसारी मामले में निचली अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं.
हाई कोर्ट ने खारिज कर दी थी याचिका
उमर अंसारी को अग्रिम जमानत देते हुए पीठ ने उन्हें निचली अदालत में पेश होने और जमानती मुचलके जमा करने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने 25 जनवरी को उमर को मामले में गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया था. इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को उमर अंसारी की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. हाई कोर्ट ने कहा था कि मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए उन पर अपराध का मामला बनता है.
क्या है पूरा मामला?
इस संबंध में 4 मार्च, 2022 को मऊ जिले के कोतवाली थाने में अब्बास अंसारी (मऊ सदर सीट से एसबीएसपी प्रत्याशी और उमर के बड़े भाई), उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था. एफआईआर में आरोप लगा था कि 3 मार्च, 2022 को पहाड़पुरा मैदान में एक जनसभा में उन्होंने मऊ प्रशासन से हिसाब बराबर करने का आह्वान किया था. उनके खिलाफ आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था.