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50 करोड़ टर्नओवर, सूरत तक फैला व्यापार… कानपुर के बड़े बिजनेसमैन का बेटा था कुशाग्र कनोडिया | kanpur kanodiya family business extended till Surat Kushagra Kanodia big businessman-stwma

50 करोड़ टर्नओवर, सूरत तक फैला व्यापार... कानपुर के बड़े बिजनेसमैन का बेटा था कुशाग्र कनोडिया

कनोडिया परिवार के घर पर जमा लोग

कानपुर के कपड़ा व्यापारी मनीष कनोडिया के बेटे कुशाग्र कनोडिया की हत्या की वजह तलाशी जा रही है. वारदात में कई एंगल निकलकर आ रहे हैं. मामले में लव ट्रायंगल के साथ पैसा हड़पने की बात भी सामने आ रही है. मनीष कनोडिया कानपुर के बड़े कपड़ा व्यापारियों में जाने जाते हैं. उनका कारोबार गुजरात तक फैला हुआ है.

सोमवार को कुशाग्र का अपहरण किया गया था. आरोपियों ने कुशाग्र की अपहरण के बाद गला दबाकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने हत्या में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. पकड़े गए आरोपियों में कुशाग्र की टीचर रचिता वत्स शामिल है. कुशाग्र की हत्या में रचिता के साथ उसके बॉयफ्रेंड प्रभात और दोस्त शिवा का हाथ था. पुलिस जानकारी में वारदात के मुख्य आरोपी प्रभात ने कुशाग्र की हत्या का कारण उसकी गर्लफ्रेंड रचित से नजदीकी बताया गया था.

आरोपियों की नजर थी करोड़ो के कारोबार पर

धीरे-धीरे इस वारदात में कई और एंगल निकलकर सामने आ रहे हैं. हत्या के पीछे कहीं न कहीं आरोपियों की नजर कुशाग्र के पिता के करोड़ों रूपये के कारोबार पर भी थी. पुलिस गिरफ्त में आई आरोपी टीचर रचिता ने कुशाग्र को घर पर ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया था. वहीं से रचिता को पता चला की कुशाग्र एक बड़े घर से आता है. जब रचिता का आना-जाना उस परिवार में हुआ तो उसके मन में पैसे का लालच भी आया था.

कनोडिया परिवार का है कपड़े का बड़ा कारोबार

कुशाग्र के पिता मनीष कनोडिया कपड़े के बड़े व्यापारी हैं. वहीं, कुशाग्र के दादा संजय कानोडिया भी कपड़े का व्यापार करते थे. मनीष ने कारोबार को काफी फैला दिया था और उनका ज्यादातर काम गुजरात के सूरत से है. सूरत और कानपुर दोनो ही कपड़े की बड़ी मंडी होने के कारण मनीष का कारोबार करोड़ों में पहुंच गया था. मनीष का ज्यादातर समय सूरत में बीतता है. परिवार के बाकी के सभी लोग कानपुर में रहते हैं. घटना के समय भी मनीष सूरत में ही थे. कनोडिया परिवार के कानपुर में शोरूम भी हैं.

फिरौती में मांगे थे 30 लाख रूपये

आरोपियों ने कुशाग्र का अपहरण कर उसके परिवार को फिरौती के लिए लेटर भेजा था. लेटर में फिरौती में 30 लाख रूपये की मांग की गई थी. मामले को भटकाने के लिए शातिर आरोपियों ने इसमें धार्मिक एंगल घुसा दिया था. आरोपियों ने लेटर में ‘अल्लाह हू अकबर’ लिखा था. साथ ही लिखा था कि हम तुम्हारा त्योहार खराब नहीं करना चाहते और कोई नुकसान भी नहीं करना चाहते. लेटर में फिरौती के लिए मांगी गई बड़ी रकम से लगता है कि उनकी नजर कनोडिया परिवार के करोड़ों रुपयों पर थी.

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