टेक्नोलॉजी

ऑनलाइन सर्च करते हैं कस्टमरकेयर नंबर? ये रिपोर्ट जरूर पढ़िए, ऐसे हो रहा बड़ा गेम


<p style="text-align: justify;">समय के साथ जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी बदल रही है वैसे-वैसे स्कैमर्स नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. स्कैमर्स आज ऐसे तरीके अपना रहे हैं जिन्हें पहचान पाना आम लोगों के लिए मुश्किल है कि वे वाकई में ऑफिशल्स से बात कर रहे हैं या किसी फेक व्यक्ति से. इस बीच साइबर सिक्योरिटी फर्म क्लाउडसेक ने एक नई रिपोर्ट जारी की है जिसमें ये बताया गया है कि भारत में सबसे ज्यादा फेक नंबर पश्चिम बंगाल में रजिस्टर किए गए हैं. क्लाउडसेक के AI-powered डिजिटल रिस्क प्रोटेक्शन प्लेटफार्म XVigil ने करीब 20,000 से ज्यादा फेक नंबर को एनालाइज किया था जिसमें से सबसे ज्यादा यानी 23% फेक नंबर पश्चिम बंगाल में रजिस्टर्ड किए गए.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">पश्चिम बंगाल के बाद दूसरे नंबर पर दिल्ली और उत्तर प्रदेश है जहां करीब 9.3 प्रतिशत फेक नंबर दर्ज किए गए. हम आपकी सुविधा के लिए यहां चार्ट जोड़ रहे हैं जिसमें आप देख सकते हैं कि किस राज्य में कितने प्रतिशत फेक नंबर रजिस्टर्ड किए गए हैं.</p>
<p style="text-align: justify;"><br /><img src="https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/02/25/8402416ef65182363e9a4b6b5ebf2e861677321622667601_original.png" /></p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>इस सेक्टर को बनाया जा रहा निशाना</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">क्लाउडसेक के XVigil प्लेटफार्म ने अपनी रिपोर्ट में ये भी बताया कि सबसे ज्यादा फाइनेंस और बैंकिंग सिस्टम को स्कैमर्स अपना निशाना बना रहे हैं. इसके बाद हेल्थ केयर, फिर टेलीकम्युनिकेशन और फिर एंटरटेनमेंट सेक्टर पर स्कैमर्स अपना टारगेट बनाए हुए हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>इस प्लेटफार्म से हो रहा फेक नंबर का सरकुलेशन</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">क्लाउडसेक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि करीब 88% फेक नंबर फेसबुक के जरिए सर्कुलेट किए जा रहे हैं. ट्विटर के जरिए करीब 6.2 प्रतिशत नंबर लोगों तक पहुंच रहे हैं. यानी स्कैमर्स सोशल मीडिया के जरिए लोगों को टारगेट कर रहे हैं और उनकी परेशानी का फायदा उठाकर निजी जानकारी को चुरा रहे हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>इस बात का रखें ध्यान</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">दरअसल, हम में से ज्यादातर लोग ये काम करते हैं कि जब उनके पास कोई प्रोडक्ट या सर्विस खराब पहुंचती है तो वे फौरन गूगल पर कस्टमर केयर नंबर खोजते हैं और जो नंबर सबसे ऊपर दिखाई देता है उस पर कॉल करके सामने वाले व्यक्ति के साथ अपनी जानकारी शेयर करने लगते हैं. हैकर्स गूगल पर लिखे नंबर को बदल देते हैं जहां से वे लोगों को अपना निशाना बनाते हैं. कई बार लोग सोशल मीडिया ऐप्स पर आने वाले नंबर पर भरोसा कर लेते हैं और वहां से अपनी समस्या का समाधान पाने की उम्मीद रखते हैं और यहीं से फिर उनके साथ फ्रॉड शुरू होता है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>यह भी पढ़ें: <a title="भारत में बनते हैं ये स्मार्टफोन्स, देश में इन जगहों पर हैं बड़ी कम्पनियों के प्लांट" href="https://www.toplivenews.in/photo-gallery/technology/smartphone-manufacturing-in-india-how-many-company-manufacture-mobile-in-india-and-where-2343730" target="_blank" rel="noopener">भारत में बनते हैं ये स्मार्टफोन्स, देश में इन जगहों पर हैं बड़ी कम्पनियों के प्लांट</a></strong></p>

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