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Interpol Withdraws Red Corner Notice Issued Against Mehul Choksi Big Relief The Fugitive Know What Happened Now

Mehul Choksi: भगौड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम रेड नोटिस के इंटरपोल डेटाबेस से वापस लिया गया है. चोकसी का नाम हटाने के बाद भारत में विपक्षी पार्टियों ने इसकी कड़ी निंदा की है और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नोटिस की बहाली की मांग की है. वहीं, इस मामले में मेहुल चौकसी को बड़ी राहत मिली है. रेड नोटिस को हटाने का मतलब है कि चोकसी कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा गिरफ्तार किए जाने के डर के बिना स्वतंत्र रूप से दुनिया भर में यात्रा कर सकता है. हालांकि, भारत में उसे कई मामलों का सामना करना पड़ता है. लेकिन, भारत में चौकसी के प्रत्यर्पण की कोशिशें भी कमजोर होती हैं.

चोकसी के वकील ने किया फैसले का स्वागत
इंटरपोल के फैसले का स्वागत करते हुए चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने बताया कि भगोड़े हीरा कारोबारी द्वारा ‘अपहरण के वास्तविक दावे’ के बाद रेड नोटिस को वापस लिया गया है. आखिरकार, सत्य की जीत हुई है क्योंकि मेरे मुवक्किल के अपहरण के प्रयास को अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा अनुमोदित नहीं किया गया है, इंटरपोल द्वारा मेरे मुवक्किल के खिलाफ जारी आरसीएन को हटा दिया गया है. बता दें कि चोकसी के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध पर दिसंबर, 2018 में रेड नोटिस जारी किया गया था और फैसले के खिलाफ उनकी अपील साल 2020 में खारिज कर दी गई थी.

क्या है मेहुल चोकसी के खिलाफ मामला?
ज्वेलरी फर्म गीतांजलि ग्रुप के मालिक मेहुल चौकसी हैं, भारत में इसके 4 हजार स्टोर हैं. चौकसी अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ 13,500 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में वांछित हैं. चोकसी और मोदी पर बैंक अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर उनके स्वामित्व वाली कंपनियों को जारी किए गए फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर्स ऑफ क्रेडिट जारी करने का आरोप है. इस मामले में पीएनबी ने एलओयू जारी करने से पहले कोई सिक्योरिटी नहीं रखी थी. यह मामला जनवरी, 2018 में सामने आया, जब पीएनबी ने भारतीय रिजर्व बैंक को धोखाधड़ी की रिपोर्ट सौंपी. सीबीआई ने एक हफ्ते बाद मामले में एफआईआर दर्ज की. उस वक्त तक चोकसी देश छोड़कर भाग चुका था. भारत में आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और वित्तीय गबन के मामले में चोकसी वांछित है. उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.

इंटरपोल रेड नोटिस क्या है?
अक्सर न्याय से बचने के लिए अपराधी या संदिग्ध दूसरे देशों में भाग जाते हैं. एक रेड कॉर्नर नोटिस या रेड नोटिस (आरएन) दुनिया भर की पुलिस को उन भगोड़ों के बारे में सचेत करता है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वांछित हैं. इंटरपोल के मुताबिक, रेड नोटिस उन भगोड़ों के लिए जारी किया जाता है जो या तो मुकदमा चलाने या सजा काटने के लिए वांछित हैं. दुनियाभर के कानून प्रवर्तन से रेड नोटिस एक अनुरोध करता है कि प्रत्यर्पण, आत्मसमर्पण या इसी तरह की कानूनी कार्रवाई के लिए लंबित शख्स का पता लगाने और अस्थायी रूप से गिरफ्तार किया जाये. रेड नोटिस में ऐसी जानकारी होती है जो वांछित शख्स की पहचान करने में मदद करती है, इनमें उनके नाम, जन्मतिथि, राष्ट्रीयता, शारीरिक विशेषताएं (बालों और आंखों का रंग), तस्वीर और बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट) उपलब्ध होते हैं. रेड नोटिस उन अपराधों का भी उल्लेख करते हैं, जिनके लिए वे वांछित हैं. एक रेड नोटिस केवल एक अंतरराष्ट्रीय वांछित शख्स  का नोटिस होता है. हालांकि, यह एक अंतरराष्ट्रीय गिरफ्तारी वारंट नहीं होता है.

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