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Delhi Police Arrested Deepak Boxer From Mexico Foreign Ministry Helps Delhi Police Deepak Boxer Coming To India Ann

Modi Government: दिल्ली पुलिस ने सात समंदर पार से कुख्यात बदमाश दीपक बॉक्सर को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. दिल्ली पुलिस की सफलता में मोदी सरकार का भी हाथ रहा है. मोदी सरकार ने दिल्ली पुलिस के इस ऑपरेशन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई है और विदेश मंत्रालय के प्रयासों से दिल्ली पुलिस को अमेरिकी और टर्की की एजेंसियों से भी पूर्ण सहयोग मिला, जिसकी बदौलत पुलिस दीपक बॉक्सर को पकड़ने में सफल रही.

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की टीम अब दीपक बॉक्सर को भारत लेकर आ रही है. दीपक को मेक्सिको से गिरफ्तार किया गया है. आपको बता दें कि दीपक बॉक्सर इन दिनों कुख्यात गोगी गैंग की कमान संभाल रहा था. गोगी की हत्या के बाद वही गैंग को लीड कर रहा था और उसने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से भी हाथ मिला लिया था. सूत्रों का कहना है कि दीपक बॉक्सर को विदेश भगाने में लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग ने अहम भूमिका निभाई है.

मानव तस्करों की मदद से अमेरिका जाने वाला था

पुलिस के अनुसार 16 मार्च को स्पेशल सेल थाने में एक मुकदमा दर्ज किया गया. इसमें दीपक बॉक्सर और उसके गैंग के बढ़ते अपराधों का लेखा-जोखा दर्ज किया गया. इसी एफआईआर के तहत वर्तमान ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि इस मुक़दमे में संकल्प लिया गया था कि दीपक पहल उर्फ बॉक्सर को दुनिया के किसी भी हिस्से से ढूंढ निकालना है. पुलिस ने ये भी दावा किया है कि मेक्सिको पहुंचने के पीछे दीपक बॉक्सर की मंशा मानव तस्करों के सहारे अमेरिका पहुंचने की थी. जहां वो अपने अन्य साथियों से जुड़ जाता और वहीं से बैठ कर दिल्ली और आस-पास के राज्यों में आपराधिक गतिविधियां चलाता. 

दीपक के सहयोगियों को लिया था सर्विलांस पर

पुलिस के अनुसार मार्च के आखिर में जैसे ही ये पता चला कि दीपक बॉक्सर फर्जी पासपोर्ट के सहारे विदेश भाग गया है. उसने रवि अंतिल के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था और उस पर बरेली, यूपी का पता लिखवाया था. लगभग एक सप्ताह तक दीपक के सभी पुराने साथियों, उसके आपराधिक सहयोगियों और निकट संबंधियों से गहन पूछताछ की गई. उन्हें सर्विलांस पर रखा गया. इसके बाद ये सुराग हाथ लगा कि वो मेक्सिको में है.

मेक्सिको और अमेरिकी एजेंसियों से ली मदद

दिल्ली पुलिस ने विदेश मंत्रालय की मदद से मेक्सिको और अमेरिकी एजेंसियों से सहयोग लिया और दीपक को मेक्सिको के शहर कैनकुन में ढूंढ निकाला. यह शहर मानव तस्करों और नारकोटिक्स माफिया के चलते एक कुख्यात शहर माना जाता है. इसके बावजूद मेक्सिको पुलिस और एफबीआई के सहयोग से जमीनी काम होता रहा. इस पूरी प्रक्रिया में इंटरपोल, सीबीआई और दिल्ली पुलिस के अधिकारी भी परोक्ष रूप से जुड़े रहे थे.

दीपक बॉक्सर को भारत लाने के इस महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय प्रयास में दोनों देश की प्रमुख ख़ुफ़िया एजेंसियों, भारत के गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, विभिन्न देशों के दूतावास, इंटरपोल, सीबीआई, दिल्ली स्थित अधिकारियों और एफबीआई और मेक्सिको पुलिस के उच्चाधिकारियों ने हर कदम पर दिल्ली पुलिस का साथ दिया.

ह्यूमन ट्रैफ़िकर्स की मदद से मेक्सिको पहुंचा 

पुलिस के अनुसार दीपक को पकड़े जाने के बाद टर्की के इस्तांबुल से होते हुए नई दिल्ली लाया जा रहा है. पुलिस के अनुसार दीपक को लेकर पुलिस के पास पुख्ता जानकारी थी. पुलिस ने उसका पूरा रूट मैप तैयार कर लिया था. जांच के दौरान पुलिस को पता चला था कि दीपक पहले बरेली से फ्लाइट पकड़ कर कोलकाता पहुंचा. वहां से दुबई फिर अलमाती, इस्तानबुल, पेनेमिरेबो, पोर्टा स्पेन, पेनेमा सिटी, एलसेलवाडोर और आखिर में कैनकून, मेक्सिको पहुंचने में सफल रहा. दीपक ह्यूमन ट्रैफ़िकर्स की मदद से मेक्सिको पहुंचा था.

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