विश्व

अबूधाबी में मंदिर उद्घाटन से पहले भारत-यूएई की बीच हुए 10 बड़े समझौते, जानें सभी के बारे में


<p style="text-align: justify;">यूएई के दौरे पर पीएम मोदी ने अबूधाबी में भव्य मंदिर का उद्घाटन किया. उनका अबूधाबी का दो दिवसीय दौरा इसी मंदिर की वजह से चर्चा में रहा है, लेकिन मंदिर उद्घाटन से पहले उन्होंने कई अहम समझौते भी किए. इनमें यूएई में यूपीआई की स्वीकृति से लेकर आर्थिक गलियारे तक कई अहम फैसले शामिल हैं. भारत के विदेश सचिव विनय मोहन ने इस मामले में पूरी जानकारी दी.</p>
<p style="text-align: justify;">पीएम मोदी ने इस दौरे पर प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत की. इस दौरान द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा के साथ सहयोग के नए क्षेत्रो पर चर्चा की गई, जिसमें वैश्विक मुद्दे भी शामिल थे. इस दौरान व्यापार, निवेश, डिजिटल बुनादी ढांचा, फिनटेक, ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, संस्कृति और दोनों देशों के लोगों के आपसी संबंधो के बोहतर करने पर भी चर्चा हुई. इस दौरान पीएम मोदी ने जीवन कार्ड का उपयोग करके किए गए लेनदेन को भी देखा. मुलाकात में 10 एमओयू पर भी हस्ताक्षर हुए.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>10 एमओयू पर हुए हस्ताक्षर</strong><br />इस मुलाकात के दौरान 10 एमओयू पर हस्ताक्षर हुए. इसमें दोनों देशों के इलेक्ट्रिकल इंटरकनेक्शन, व्यापार के क्षेत्र में सहयोग, भारत-मध्य पूर्व आर्थिक गलियारे, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच सरकारी ढांचा समझौता, डिजिटल अवसंरचना परियोजना, द्विपक्षीय निवेश संधि, हैरिटेज और म्यूजियम, राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच सहयोग प्रोटोकॉल, त्वरित भुगतान प्लेटफार्मों को आपस में जोड़ने और घरेलू डेबिट और क्रेडिट कार्डों को आपस में जोड़ने पर समझौते हुए.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>10 समझौतों से क्या फायदे होंगे?</strong><br />इस समझौते से दोनों देशों में निवेश को बढ़ावा मिलेगा. ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा व्यापार सहित ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग की नई संभावनाएं खुलेंगी. भारत-पश्चिम एशिया आर्थिक गलियारे पर समझौता क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने में बढ़ावा देगा. डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में समझौता डिजिटल बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश सहयोग देगा और व्यापक सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा. इससे तकनीकी ज्ञान, कौशल और विशेषज्ञता को साझा करने में सुविधा मिलेगी. दोनों देशों के राष्ट्रीय अभिलेखागार के बीच सहयोग से अभिलेखीय सामग्री बहाल होगी और संरक्षण भी आसान होगा.</p>

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