मां की गोद में मासूम आराध्या ने तोड़ा दम…जाम से नहीं पहुंच सकी अस्पताल; सड़क पर बिलखते रहे घरवाले | Hamirpur Kanpur Sagar National Highway one month old girl dies after getting stuck traffic jam-stwd


रोते-बिलखते परिजन
उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से गुजरने वाले कानपुर-सागर नेशनल हाईवे 34 में अक्सर लगने वाले जाम से लोग परेशान हैं. पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग स्थानों पर ट्रकों की खराबी से जाम की स्थिति और भी ज्यादा गम्भीर हो रही है. शनिवार रात को हाईवे जाम की चपेट में रहा. रविवार को भी दिनभर यातायात पुलिस जाम खुलवाने में जुटी रही. इसी जाम में फंस कर अपने बेटी को जिला अस्पताल ले जा रहे पिता की बाइक यमुना पुल पर फंसने से मासूम बच्ची की मौत मां की गोद में हो गई. मां के रोते बिलखते देख राहगीरों की आंखें नम हो गईं.
पड़ोसी जिले कानपुर देहात के रहने वाले संदेश अपनी पत्नी अनीता के साथ बीमार नवजात बच्ची आध्या को दिखाने सरकारी अस्पताल हमीरपुर आ रहा थे. यमुना पुल पर जाम लगा था. वो भी बाइक सहित दो घंटे तक जाम में फस गए. जाम में फंसकर उसकी बेटी की हालत बिगड़ने लगी उसने मोटरसाइकिल रोककर उसे देखा तब तक अबोध बेटी दम तोड़ चुकी थी.
जाम में फंसने के चलते मासूम की मौत
इसे देखकर दंपति चीख कर रोने लगे. वहां पर भीड़ इकट्ठा होना शुरू हो गई. तभी एक पुलिस कर्मी ने उन्हें जाम से निकाल कर यमुना पुल पार करवाया. जिला अस्पताल में मौजूद रिश्तेदारों ने बेटी को देखा तो अबोध बालिका ठंडी पड़ चुकी थी. आध्या महज एक महीना की ही थी. पिता संदेश की माने तो उनकी बेटी की जान जाम में फंसने के कारण हुई है.
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जाम में फंसी पेपर देने जा रही छात्रा
जाम में फंस कर लोगों को कई परेशानियां उठानी पड़ती हैं. स्कूली बच्चे अक्सर ही जाम में बच्चें फंस जाते हैं. रोजाना लगने वाले जाम ने लोगों की जिंदगी ही बदहाल कर दी है. अभी चंद रोज पहले हमीरपुर जिले के कुंडौर गांव से यूपी बोर्ड के इंटरमीडिएट का पेपर देने स्कूल जा रही छात्रा का टेंपो में बैठकर जाम में फंसे होने का वीडियो सोशल मीडिया वायरल हुया था. जाम में फंसने से उसका पेपर छूटने वाला था. वह रो रही थी. छात्रा को रोता हुआ देख यातायात पुलिस के जवान ने उसे स्कूल पहुंचाया था.
गूगल मैप देखकर निकलते हैं लोग
हमीरपुर जिला व्यापार मंडल अध्यक्ष धीरेंद्र गुप्ता की माने तो इस हाइवे में कब कहां जाम लग जाए? इसको लेकर हर कोई सकते मे रहता है. बाहर निकलने से पहले लोग गूगल मैप सर्च कर जाम की लोकेशन लेना नहीं भूलते हैं. तभी घर के बाहर वाहन से निकलते हैं. जाम की वजह से बसें अपने स्थानों तक घंटों देरी से पहुंचती हैं. अन्य वाहनों से आवागमन करने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. कानपुर-सागर हाईवे टू-लेन बनने के बाद से वाहनों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है. यहां से सागर होते हुए भोपाल जाने वाले भारी वाहनों को करीब 200 किलोमीटर बच जाता है. रोजाना जाम लगने से जिला मुख्यालय समेत कानपुर , लखनऊ जैसे शहरों में आने-जाने परेशानी होती है. इस समस्या का फिलहाल हल निकलता नहीं दिख रहा है.
(रिपोर्ट- विनीत कुमार तिवारी)