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UP: 20 रुपये में तिरंगा बनाने वाली महिलाओं का भी ‘ कर्जदार है विभाग’, 2 साल से बकाया लाखों रुपये नहीं दिया | Ghazipur 15th August Independence Day departments have not paid lakhs of rupees due to women make tiranga flag for 20 rupees stwma

UP: 20 रुपये में तिरंगा बनाने वाली महिलाओं का भी ' कर्जदार है विभाग', 2 साल से बकाया लाखों रुपये नहीं दिया

15 अगस्त के लिए तिरंगा झंडा बनाती महिला.

15 अगस्त के दिन देश में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. इस दिन हर घर तिरंगा शान से लहराएगा. इस पावन पर्व के लिए बड़े स्तर पर तिरंगा झंडे बनाए जा रहे हैं. उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में भी राष्ट्रध्वज बनाने का काम जोरों पर चल रहा है. इन्हें स्वयं सहायता समूह के माध्यम से महिलाएं बना रहीं हैं. इसके एवज में विभाग उन्हें 20 रुपये का भुगतान कर रहा है. लागत निकालकर महिलाओं को 2 से 3 रुपये का मुनाफा होता है. लेकिन पिछला भुगतान न होने से उनका लाखों रुपये बकाया है.

देश की आजादी के 75वीं वर्षगांठ पर साल 2022 में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर घर तिरंगा अभियान शुरू किया गया था. इस अभियान में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से पूरे जिले में करीब चार लाख से ऊपर तिरंगा झंडे बनाने की जिम्मेदारी दी गई थी. जिले के विभिन्न विभागों के माध्यम से खरीदारी कर तिरंगा झंडों को आम जन में वितरित किया गया था. शासन के निर्देश पर जिला प्रशासन ने हर घर तिरंगा अभियान मनाया और एक कीर्तिमान स्थापित कर दिया. लेकिन इस अभियान ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को कर्जदार बना दिया.

441442 तिरंगा झंडे बनाए जाने का लक्ष्य

एक बार फिर 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा अभियान चलाए जाने का निर्देश शासन के द्वारा राष्ट्रीय आजीविका मिशन को मिला है. जिसके तहत इस बार कल 67 स्वयं सहायता समूह की महिलाओं के माध्यम से तिरंगा तैयार कराया जा रहा है. तिरंगे की बात करें तो इस बार 441442 तिरंगा झंडे बनाए जाने का लक्ष्य स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को दिया गया है, जो दिन-रात एक कर इसे तैयार करने में लगी हुई है. लेकिन तिरंगा तैयार करने का जो आर्डर इन्हें मिला है वह काफी लेट मिलने के चलते शासन का जो भी लक्ष्य है वह प्राप्त होता नजर नहीं आ रहा है.

32 लाख रुपये का बकाया

हालांकि, साल 2022 में करीब 32 लाख से ऊपर का बकाया होने के कारण अब स्वयं सहायता समूह की महिलाएं तिरंगा बनाने में कोई विशेष रुचि नहीं ले रही हैं. क्योंकि एक तिरंगा का मूल्य 20 रुपये मिल रहा है, जिसमें से इन्हें मात्र प्रति तिरंगा एक से दो रुपए की बचत हो रही है. उसके बाद भी लाखों रुपया बकाया लगा दिया जा रहा है. कोई इनकी सुध लेने को तैयार नहीं है.

6 महिला समूह को मिला लक्ष्य

दुर्गा स्वयं सहायता समूह धुवार्जुन की संचालिका शीला देवी ने बताया कि उनके साथ कुल 6 समूह की महिलाएं दिन-रात कर तिरंगा सिलने में लगी हुई है. प्रत्येक समूह को 20000 तिरंगा बनाए जाने का लक्ष्य दिया गया है. इस बार इन लोगों को तिरंगा सिलने का 50% राशि का चेक एडवांस में मिल गया है. जिसके चलते वह तिरंगा लगातार सिलने में लगी हुई है. लेकिन साल 2022 का उनके साथ के काम करने वाली सभी स्वयं सहायता समूह की करीब 18 लाख रुपया का बकाया अभी तक चला आ रहा है. उस बकाया को लेकर विभाग या जिला प्रशासन कुछ भी बताने को तैयार नहीं है.

जिले के इन 21 विभागों पर बकाया

विभागीय आंकड़ों की बात करें तो जिले के 21 विभागों पर 31 लाख 84 हजार रुपए का बकाया चला आ रहा है. जिसमें प्रमुख रूप से बेसिक शिक्षा विभाग, उपकृषि निदेशक, जिला पंचायत, एडीएम कार्यालय, बीडियो रेवतीपुर, बीडियो भांवरकोल, नगर पालिका परिषद गाजीपुर, जिला पूर्ति विभाग, श्रम विभाग, नगर पालिका परिषद मोहम्मदाबाद, नगर पंचायत जंगीपुर सहित कई अन्य विभाग शामिल हैं, जिनके ऊपर तिरंगा का पैसा बाकी चल आ रहा है. इस मामले में प्रभारी अधिकारी देवनंदन दुबे ने बताया कि अभी कुछ दिनों पहले उन्हें राष्ट्रीय आजीविका मिशन का प्रभार दिया गया है. वह अभी समीक्षा कर रहे हैं और समीक्षा करने के पश्चात ही वह इस बारे में कुछ भी बता पाएंगे.

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