महाकुंभ में CM योगी ने किया चमत्कार, कोई ऐसा कर पाएगा सोचा नहीं था…बोले उपराष्ट्रपति धनखड़


महाकुंभ में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर शनिवार को यहां कहा कि उन्होंने कभी कल्पना नहीं की थी कि भारतवर्ष में ऐसा आयोजन होगा. यहां लेटे हुए हनुमान जी का दर्शन करने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ऐतिहासिक, आज तक पृथ्वी पर इतने करोड़ों लोगों का संगम नहीं हुआ है. यहीं की गई व्यवस्था को लेकर मैं अभिभूत हूं. उन्होंने कहा कि मौनी अमावस्या पर हादसा हुआ. आप अंदाजा लगाइये कितनी तेज गति से हर मामले को संभाला गया. दुनिया यह जानकर अचंभित हो जाएगी कि अमेरिका की जितनी आबादी है, उतने लोगों का यहां आगमन हो चुका है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को साधुवाद का पात्र मानता हूं कि उन्होंने जो आयोजन किया है वह दुनिया के इतिहास में लिख गया है. मैं इसे अपने जीवन का सबसे सुखद पल मानता हूं. डुबकी लगाने पर मुझे एहसास हुआ कि भारत जैसा देश दुनिया में कोई नहीं है.
सीएम योगी का बड़ा योगदान
मुख्यमंत्री के कार्यों की प्रशंसा करते हुए धनखड़ ने कहा कि सीएम योगी का योगदान यह परिभाषित करता है कि लगन हो, योग्यता हो, संस्कृति का ज्ञान हो और मन में देश सेवा की भावना हो तो ऐसे करिश्माई कार्य होते हैं. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पत्नी और परिवार के लोगों के साथ संगम में डुबकी लगाई और सूर्य देवता को अर्घ्य दिया.
हेलिकॉप्टर से पहुंचे तीर्थराज प्रयागराज
उपराष्ट्रपति धनखड़ पत्नी और परिवार के साथ हेलिकॉप्टर से तीर्थराज प्रयागराज पहुंचे जहां हेलिपैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका अंगवस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया. यहां से वह अरैल संगम घाट की ओर बढ़े जहां क्रूज पर सवार होकर उन्होंने नौकायन का आनंद लिया और त्रिवेणी संगम में चिह्नित स्थान पर स्नान किया. स्नान के दौरान वृंदावन के मुख्य पुजारी पुंडरीक गोस्वामी ने पूजा अर्चना की.
त्रिवेणी संगम पर किया स्नान
नौकायन के दौरान साइबेरियन पक्षियों को देखकर उपराष्ट्रपति उत्साहित दिखे और उन्होंने कलरव करते पक्षियों को अपने हाथ से दाना डाला और परिजनों समेत इस क्षण का आनंद लिया. त्रिवेणी संगम पर स्नान के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पत्नी और परिवार समेत सरस्वती कूप, अक्षय वट और बड़े हनुमान मंदिर में विधि विधान से पूजा अर्चना की. यहां उन्होंने महाबली हनुमान को रोली, वस्त्र, जनेऊ, सिंदूर, लाल चंदन, माला, धूप-दीप, नैवेद्य अर्पित किया और परिक्रमा भी की.
आत्मिक आनंद की अनुभूति
उपराष्ट्रपति ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पावन त्रिवेणी संगम पर आयोजित इतिहास के सबसे महान मानव समागम महाकुंभ 2025 में स्नान कर आत्मिक आनंद की अनुभूति हो रही है. अनंत श्री विभूषित श्रीमन् माध्व गौडेश्वर वैष्णवाचार्य श्री पुंडरीक गोस्वामी महाराज जी के पावन मंत्रोच्चारों से संपन्न यह संगम स्नान सनातन संस्कृति, सामाजिक समरसता और आस्था की दिव्य अनुभूति से परिपूर्ण रहा.