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गजब! सरकारी बंगले में सपा का कार्यालय, 31 साल से यहीं पर राजनीति; अब करना पड़ेगा खाली

उत्तर प्रदेश का मुरादाबाद जिला जो समाजवादी पार्टी का गढ़ कहा जाता था. इस जिले में समाजवादी पार्टी का अधिकतर जगहों पर कब्जा रहा है. पांच विधानसभा सीटों में से तीन पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है. मुरादाबाद की लोकसभा सीट पर भी समाजवादी पार्टी से ही वर्तमान में सांसद हैं, लेकिन अब मुरादाबाद में समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय से जुड़ी हुई एक बहुत ही महत्वपूर्ण खबर सामने आई है.

समाजवादी पार्टी को 1994 में तत्कालीन डीएम के द्वारा आवंटन किए गए बंगले को खाली करने के लिए मुरादाबाद मंडल आयुक्त ने प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है. समाजवादी पार्टी के मुरादाबाद के कार्यालय को वापस लेने की तैयारी शुरू हो चुकी है. मुरादाबाद के सिविल लाइंस थाना इलाके के चक्कर की मिलक स्थित सपा का कार्यालय सरकारी बंगले में बना है.

नगर आयुक्त ने कमिश्नर को भेजी रिपोर्ट

मुरादाबाद जिले के नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल ने 27 मार्च 2025 को एक रिपोर्ट तैयार कर कमिश्नर को भेजी थी, जिसमें नगर आयुक्त मुरादाबाद दिव्यांशु पटेल ने समाजवादी पार्टी के लिए आमंत्रित किए गए भवन को निरस्त करने की सिफारिश की थी. नगर आयुक्त ने कहा गया था कि सरकारी योजना के लिए अब इस भूमि की आवश्यकता है. इसके लिए पूर्व में इस भवन के हुए आवंटन को निरस्त कर दिया जाए.

सरकारी बंगले में सपा का कार्यालय

मुरादाबाद जिले में समाजवादी पार्टी के जिला कार्यालय को वापस लेने की तैयारी को लेकर जब मुरादाबाद के समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष जयवीर यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में जानकारी नहीं है. हमें मीडिया के माध्यम से ही जानकारी प्राप्त हुई है. अभी तक हमें कोई भी लीगल नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है. उन्होंने किसी प्रकार का कोई भी नोटिस मिलने से इनकार कर दिया.

कितनी है कीमत?

हालांकि मुरादाबाद जिले में किसी दूसरे राजनीतिक दल का इस तरीके से सरकारी कोठी का आवंटन नहीं है. मुरादाबाद जिले में भारतीय जनता पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पार्टी समेत 86 दलों ने अपने पार्टी फंड या चंदा से कार्यालय का निर्माण कराए है. समाजवादी पार्टी अकेली ऐसी पार्टी है, जिससे सरकारी कोठी का आमंत्रण कार्यालय के लिए किया गया था. शहर के पॉश इलाके में समाजवादी पार्टी का कार्यालय है. उस जमीन की कीमत करोड़ों रुपए बताई जा रही है. फिलहाल प्रशासन कोठी को खाली कराने के लिए अगला कदम उठा रहा है.



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