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AMU में वीसी के नाम पर विवाद, कार्यवाहक VC की पत्नी के नाम पर हो सकता है हंगामा! | uttar pradesh amu vc election sparks controversy professor naima gulrez husband mohammad tariq faizan mustafa

AMU में वीसी के नाम पर विवाद, कार्यवाहक VC की पत्नी के नाम पर हो सकता है हंगामा!

नईमा गुलरेज और तारिक मंसूर

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी फिर विवादों में है. यूनिवर्सिटी के एक फैसले से इतिहास बदल सकता है. देश के इस प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय में एक बड़े बदलाव की आहट सुनाई पड़ने लगी है. वैसे तो हाल के कुछ सालों में AMU कैंपस मजहबी नारों, विरोध प्रदर्शनों और स्टूडेंट्स के आपसी झगड़ों को लेकर खबरों में रहा है. कुछ मामलों में तो आतंकवादी नेटवर्क की आंच तक यहां पहुंच गई. कुछ ही हफ्ते पहले ISIS से संबंध के आरोप में एक स्टूडेंट की गिरफ्तारी भी हुई थी. राजनैतिक विवादों में भी AMU कैंपस अपना हाथ जलाता रहा है. पर जिस फैसले की तरफ संस्थान बढ़ रहा है उससे तो AMU का मान सम्मान बढ सकता है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कोर्ट की आज मीटिंग है. इस बैठक में यूनिवर्सिटी के नए वीसी के लिए तीन नाम पर फैसला होना है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का एग्जीक्यूटिव काउंसिल पहले ही पांच लोगों का पैनल तैयार कर चुका है. इनमें से ही किसी एक को वाइस चांसलर बनने का मौका मिलेगा. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी देश का इकलौता विश्वविद्यालय है, जो अपना वाइस चांसलर खुद चुनता है. बाकी यूनिवर्सिटी की तरह कोई सर्च कमेटी वीसी के लिए पैनल नहीं तैयार करती है.

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वीसी की रेस में नईमा गुलरेज का नाम

एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक में नईमा गुलरेज का नाम भी वीसी के लिए चुना गया है. वे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कार्यवाहक वीसी मोहम्मद गुलरेज की पत्नी हैं. एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने पहली बार वाइस चांसलर के लिए किसी महिला के नाम की सिफारिश की है. पर उनके कार्यवाहक वीसी की पत्नी होने को लेकर कुछ लोग विवाद खड़ा कर रहे हैं. आज AMU कोर्ट की बैठक में भी उनके नाम पर मुहर लग सकती है. कोर्ट में 87 मेंबर है. इनमें दस सांसदों के अलावा देश के कुछ जाने माने लोगों के नाम भी शामिल हैं. बीजेपी के महेश शर्मा, राजवीर सिंह, कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी और बीएसपी के कुंवर दानिश अली के नाम सांसदों की लिस्ट में शामिल हैं. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीसी रहे तारिक मंसूर अब बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं. वो भी AMU कोर्ट के मेंबर हैं. सूत्रों का कहना है कि मंसूर भी चाहते हैं कि नईमा गुलरेज ही वीसी बनें.

एक आरोप ये है कि नईमा के नाम पर तारिक मंसूर ही अप्रत्यक्ष तौर पर वीसी के अधिकार का इस्तेमाल करेंगे.

प्रोफेसर फैजान मुस्तफा का नाम भी शामिल

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के वीसी की रेस में प्रोफेसर फैजान मुस्तफा का नाम भी आगे चल रहा है. विश्वविद्यालय के एग्जीक्यूटिव काउंसिल ने वीसी के लिए मुस्तफा के पक्ष में वोट किया है. वे हैदराबाद में NALSAR के भी वाइस चांसलर रहे हैं. कर्नाटक में मुस्लिम लड़कियों के हिजाब को लेकर मचे हंगामे का उन्होंने विरोध किया था. प्रोफेसर मुस्तफा ने कहा था, कि मुस्लिम लड़कियों के लिए हिजाब से ज्यादा जरूरी तालीम है. मुस्लिम मौलाना और उलेमाओं ने तब उनका बहुत विरोध किया था. वो अब AMU के लॉ डिपार्टमेंट के हेड हैं.

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पसमांदा समाज से आती हैं नईमा गुलरेज

प्रोफेसर नईमा गुलरेज का एक मुस्लिम महिला होना ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है. वो पसमांदा समाज से आती हैं. मुसलमानों में इस पिछड़े तबके की बेहतरी की वकालत पीएम नरेन्द्र मोदी करते रहे हैं. ये प्रधानमंत्री की इच्छा रही है कि महिलाएं नेतृत्व करें. इस कसौटी पर नईमा गुलरेज फिट बैठती हैं. लेकिन उनकी यही ताकत उनके विरोध की वजह है. पुराने तरीके से सोचने वाले लोग AMU की कमान किसी महिला को देने के पक्ष में नहीं हैं. फैसला देश की राष्ट्रपति को करना है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी कोर्ट की तरफ से भेजे गए पैनल में से एक पर राष्ट्रपति अपनी सहमति देते हैं. वही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का नया वीसी हो सकता है.

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