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Assam Assembly Passed 36 Bills Opposition Sought Expert Opinion On Labor Related Bills

Assam News: असम विधानसभा में शनिवार को शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन छत्तीस विधेयकों को पारित किया गया, जिनमें ज्यादातर संबंधित कानूनों के तहत अपराधों को कम करने वाले लेकिन मौद्रिक दंड को कई गुना बढ़ाने वाले थे. श्रम संबंधी मामलों को सदन की चयन समिति को भेजने की विपक्ष की मांग के बीच विधेयकों को पारित किया गया.

विधेयकों को पेश किए जाने पर नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया (कांग्रेस) ने कहा कि किसी भी कानून को बनाना या संशोधित करना एक लंबी प्रक्रिया होती है लेकिन सरकार की ओर से इतने विधेयकों को एक साथ लाने से उन्हें अच्छी तरह से पढ़ने का समय नहीं मिला.

कामकाज में आसानी के लिए अधिकांश विधेयक

सैकिया ने कहा कि हालांकि सरकार का कहना है कि इनमें से अधिकांश विधेयक कामकाज में आसानी के लिए हैं लेकिन जिन बिलों को संशोधित करने का प्रयास किया गया है, वे ज्यादातर मजदूरों से जुड़े हैं. सैकिया ने कहा, “मैंने श्रम कानूनों के विशेषज्ञों और हितधारकों से चर्चा की है. उनका दावा है कि कई प्रस्तावित प्रावधान श्रम कल्याण के लिए अंतरराष्ट्रीय संधियों के अनुरूप नहीं है.”

निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने किया बायकॉट

सैकिया ने कहा, ”हम चाहते हैं कि श्रम संबंधी कानूनों को आगे की चर्चा के लिए प्रवर समिति के पास भेजा जाए. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के विधायक मनोरंजन तालुकदार ने मांग का समर्थन किया. निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने कहा कि संशोधन गंभीर हैं और विधानसभा की ओर से विधेयकों को मंजूरी देने से पहले सदन की प्रवर समिति को इन पर विचार करना चाहिए. बाद में गोगोई ने विधेयकों पर चर्चा के दौरान यह आरोप लगाते हुए बायकॉट किया कि उन्हें अपने विचार रखने का मौका नहीं दिया गया.

‘जुर्माने में बढ़ोतरी आम लोगों के लिए समस्या’

कांग्रेस विधायक कमलाख्या डे पुरकायस्थ ने तर्क दिया कि जुर्माने में बढ़ोतरी आम लोगों के लिए समस्या होगी क्योंकि उनकी आय उसके अनुसार नहीं बढ़ी है जितना जुर्माना बढ़ाया जा रहा है. विधानसभा ने 36 बिलों में से प्रत्येक को ध्वनि मत से पारित कर दिया. अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने दिन की कार्यवाही के अंत में सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया.

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