Badaun: बेटा है या बेटी? देखने के लिए हसिए से फाड़ दिया था पत्नी का पेट, अब मिली उम्रकैद | budaun man slit wife womb with sickle for assuring baby gender court gets life imprisonment


पति ने अपनी गर्भवति महिला का पेट फाड़ा
आपको याद होगा टीवी पर एक शो आया करता था. शो में ये दिखाया जाता था की कैसे लड़के की चाहत में लड़कियों को मार दिया जाता है. शो का नाम था ‘ना आना इस देस मेरी लाडो’. ये नया जमाना है, लोग सोचते होंगे की आज के दौर में ऐसा कहा होता है की लड़के की चाहत इतनी हो जाए की परिवार ही बेटी का दुश्मन बन बैठे. लेकिन, अफसोस की बात ये है की आज के समाज में भी ऐसा होता है.
ये दिल दहलाने वाली कहानी है बदायूं की एक महिला की. महिला पांच बच्चों को जन्म दे चुकी थी, लेकिन वह पांचों लड़कियां थीं. महिला फिर से गर्भवती हुई तो पति को इस बात का डर सताने लगा की कहीं फिर से लड़की ना हो जाए. ऐसे में प्रसव तक का इंतजार करने के बजाय पति ने पत्नी का हसिए से पेट ही फाड़ दिया. महिला के पेट में लड़का था लेकिन पति की इस हरकत से बच्चे की मौत हो गई.
पति को मिली उम्रकैद की सजा
अपनी पत्नी का हसिए से पेट फाड़ने वाले इस पति को न्यायालय ने तीन साल बाद आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. आरोपी की पत्नी पांच बेटियों को जन्म दे चुकी थी. गर्भ में पल रहा छठवां बच्चा बेटा है या बेटी यह देखने लिए नशे में धुत पति ने पत्नी से झगड़े के बाद हसिए से उसका पेट ही फाड़ दिया. पेट फटने की वजह से गर्भ में पल रहे शिशु की मौत हो गई, इत्तेफ़ाक भी ऐसा की वो बेटा ही था. कोर्ट के फैसले से पीड़ित पत्नी काफी खुश है.
चार साल पहले की है घटना
मामला यूपी के बदायूं के थाना सिविल लाइन के मोहल्ला नेकपुर का है जहां रहने वाले पन्नालाल ने अपनी पत्नी अनीता का पेट इसलिए फाड़ दिया कि वह ये देखना चाहता था कि अनीता के गर्भ में पल रहा बच्चा बेटा है या बेटी. घटना 19 सितंबर 2020 की है. घटना वाले दिन अनीता अपने घर पर थी, इसी दौरान उसका पति पन्नालाल नशे की हालत में घर पहुंचा और उससे झगड़ा करने लगा.
हसिए से फाड़ दिया था पेट
अनीता ने बताया कि पन्नालाल यह कहते हुए उससे झगड़ा करने लगा कि उसने अब तक पांच बेटियों को जन्म दिया है और गर्भ में पल रहा छटवां बच्चा बेटा है बेटी यह उसे पेट फाड़कर देखना है. इस बात को सुनकर पहले तो महिला काफी डर गई, फिर अनीता और उनकी बेटियों ने विरोध किया लेकिन पन्नालाल नहीं माना और हसिए से पेट फाड़ दिया.
बच्चे का पेट से निकल आया था पैर
पेट फटने से अनीता के गर्भ में पल रहे 8 महीने के बच्चे का पैर बाहर निकल आया. घरवाले अनीता को तत्काल अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन वहां से उसे हायर सेंटर रेफर किया गया था. यहां डॉक्टर ने अनीता की तो जान बचा ली, लेकिन गर्भ में पल रहे बच्चे की मौत हो गई और इत्तेफाक से वह बच्चा बेटा ही था. अनीता का लगभग 8 महीने तक इलाज चला और पुलिस ने पन्नालाल के खिलाफ धारा 307 और 313 के तहत मामला दर्ज करके उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
महिला और बेटियों को मिली राहत
आरोपी मार्च में जमानत पर बाहर आया तो अनीता और उसकी बेटियों से मारपीट करने लगा. लेकिन अनीता ने समझौता नहीं किया. पुलिस की पैरवी के चलते तीन साल बाद बदायूं न्यायालय ने आरोपी पन्नालाल को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 50 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई. जुर्माना अदा न करने पर उसे 6 महीने अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. कोर्ट के पन्नालाल को सजा सुनाई जाने से पत्नी अनीता संतुष्ट दिखीं. अनीता ने यह भी बताया कि पन्नालाल ने जब से घटना को अंजाम दिया तब से वह उससे अलग रह रहीं हैं और वह अपनी पांच बेटियों के साथ एक परचूनी की दुकान चलाकर जीवन यापन कर रहीं हैं.
(रिपोर्ट- खालिद रियाज/बदायूं)