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महाराष्ट्र में अखिलेश का पावर शो, इंडिया गठबंधन पर प्रेशर पॉलिटिक्स या सपा के विस्तार का प्लान | Akhilesh Yadav pressure politics maharashtra INDIA Alliance samajwadi party PDA Abu Azmi

महाराष्ट्र में अखिलेश का पावर शो, इंडिया गठबंधन पर प्रेशर पॉलिटिक्स या सपा के विस्तार का प्लान

सपा प्रमुख अखिलेश यादव

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 में से 37 सीटें जीतकर सपा ने राष्ट्रीय फलक पर अपनी पहचान बनाई है. सपा के गठन से लेकर अब तक का यह सबसे अच्छा प्रदर्शन है. लोकसभा के भीतर संख्याबल के हिसाब से देश की तीसरे नंबर की बड़ी पार्टी बनी सपा को अखिलेश यादव अब राष्ट्रीय पहचान यानी राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा दिलाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. ऐसे में अखिलेश की नजर महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव पर है, जिसके लिए शुक्रवार को मुंबई में सपा के सांसदों का स्वागत समारोह रखा गया है.

उत्तर प्रदेश में सपा से 37 सांसदों का पहला सार्वजनिक स्वागत समारोह मुंबई में होने जा रहा है. इससे पहले अखिलेश यादव अपने परिवार के साथ 12 जुलाई को मुंबई के जियो वर्ल्ड कन्वेंशन सेंटर में मुकेश अंबानी के बेटे अनंत अंबानी और राधिका मर्चेंट की शादी में शामिल हुए थे. इसके अगले ही दिन 13 जुलाई को मुंबई में उन्होंने सपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी. अब सपा सांसदों के मुंबई में स्वागत समारोह के लिए प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी ने बड़े स्तर पर तैयारी की है, जिसके जरिए माना जा रहा है कि सपा महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अभियान का आगाज करेगी. इसीलिए सिर्फ सपा सांसदों का स्वागत ही नहीं बल्कि सियासी समीकरण साधने की भी स्ट्रैटेजी है.

महाराष्ट्र में सपा का PDA फॉर्मूला

उत्तर प्रदेश में सपा सांसदों का मुंबई में स्वागत का कार्यक्रम के साथ-साथ अखिलेश यादव के पीडीए फॉर्मूले को अमलीजामा पहनाने की स्ट्रैटेजी बनाई है. लोकसभा सांसद सबसे पहले मनी भवन जाएंगे, जहां महात्मा गांधी ने समय बिताया था. इसके बाद सभी सपा सांसद चैत्यभूमि जाकर संविधान निर्माता डॉ भीमराव आंबेडकर को श्रद्धांजलि देंगे. साथ ही शिवाजी पार्क मैदान पर छत्रपति शिवाजी का अभिवादन करेंगे और उसके बाद सिद्धिविनायक मंदिर में दर्शन और माहिम दरगाह भी जाने का प्लान रखा गया है. इस तरह सपा न मुंबई से दलित, पिछड़े और मुसलमान को सियासी संदेश देने का प्लान बनाया है. सपा 2024 के लोकसभा चुनाव में पीडीए फॉर्मूले से ही जीत दर्ज करने में सफल ही है, जिसके महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उतारने की स्ट्रैटेजी बनाई है.

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लोकसभा चुनाव नतीजे आने के बाद ही सपा ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जुट गई थी. अखिलेश ने सपा के राष्ट्रीय महासचिव इंद्रजीत सरोज को महाराष्ट्र चुनाव का प्रभारी नियुक्त किया था और प्रदेश अध्यक्ष की कमान विधायक अबु आसिम आजमी संभाल रखी है. इंद्रजीत सरोज दलित समाज से आते हैं और वो बसपा से सपा में आए हैं. इस तरह सपा की नजर महाराष्ट्र में मुस्लिम-दलित समीकरण पर बनाने की है. सपा सांसदों का मुंबई में भ्रमण और स्वागत समारोह के बहाने अबु आजमी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए बड़ा सियासी दांव माना रहा है.

INDIA पर सपा की प्रेशर पॉलिटिक्स

उत्तर प्रदेश में सपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ी थी, लेकिन महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन का वो हिस्सा नहीं है. सूबे में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और शरद पवार की एनसीपी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है और तीनों ही मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का प्लान बनाया है. सपा को महाराष्ट्र में इंडिया गठबंधन में जगह मिलेगी या नहीं, यह तस्वीर साफ नहीं है. सपा के महाराष्ट्र अध्यक्ष अबु आसिम आजमी लोकसभा चुनाव के दौरान भी एक सीट मांग रहे थे, लेकिन नहीं मिली. ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले सपा ने मुंबई में अपनी सियासी ताकत दिखाकर इंडिया गठबंधन पर दबाव बनाने का प्लान बनाया है.

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने 13 जुलाई को मुंबई में सपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ संवाद किया था. इस दौरान अखिलेश यादव ने घोषणा की थी कि सपा आगामी महाराष्ट्र विधानसभा और महानगरपालिका चुनाव गठबंधन के साथ लड़ेगी, लेकिन अगर समाजवादी पार्टी को नजरअंदाज किया गया तो पार्टी अकेले ही किस्मत आजमाएगी. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दोनों ही सूरतों में पूरे संगठन को बूथ स्तर तक तैयार रहने के आदेश दिए थे. अब मुंभई में सांसदों के सत्कार समारोह में सपा अपनी सियासी ताकत दिखाकर इंडिया गठहंधन के घटक दल कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना सेना और शरद पवार खेमे पर दबाव बनाने का मन बनाया है, ताकि आगामी विधानसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल की जा सके.

सपा की मुंबई में सियासी ताकत कितनी?

महाराष्ट्र में सपा लंबे समय से चुनावी मैदान में किस्मत आजमाती रही है. 2009 में सपा यहां चार सीटों पर जीती थी, लेकिन 2014 में संख्या घटकर महज 1 रह गई. 2019 में पार्टी के 2 विधायक बने और वोट में भी मामूली बढ़ोतरी हुई थी. महाराष्ट्र में सपा का सियासी आधार मुंबई के मुस्लिम इलाके तक सीमित है, उनमें भी खासकर उत्तर प्रदेश के प्रवासी मुस्लिमों के बीच. महाराष्ट्र में पार्टी प्रमुख अबू आसिम आजमी इस बात की लगातार कोशिश कर रहे हैं कि प्रदेश में मुस्लिम बहुत विधानसभा चुनाव क्षेत्र उनकी पार्टी को मिल सके और साथ ही पार्टी मुंबई रीजन में उत्तर भारतीयों को वह अपनी ओर खींच सके.

मुंबई में सपा सांसदों के जरिए सियासी माहौल बनाने के लिए स्वागत समारोह के बहाने शक्ति प्रदर्शन की भी रूपरेखा तैयार की गई है. सपा ने करीब दो दर्जन सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है, लेकिन उसकी कोशिश है कि अगर यहां विधानसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनती है तो 8 से 10 सीटों पर भी सहमत हो सकती है. ऐसे में देखना है कि कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार क्या सपा को महाराष्ट्र में सियासी जगह देने के लिए रजामंद होंगे, क्योंकि सपा का जिस वोट बैंक पर नजर है, वो महाराष्ट्र में कांग्रेस और पवार का है. ऐसे में क्या वो सपा को जगह देकर अपने वोटबैंक में एक और साझीदार बनाने का जोखिम भरा कदम उठाएगी?

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