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Can Your Acidity Be A Sign Of Heart Attack A Doctor Answers

पेट में एसिडिटी होने से शरीर पर कुछ ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं जैसे छाती या गले में परेशानी, उल्टी आना, खट्टा या कड़वा  ढकार आना. पेट की एसिड गले में वापस आना. पेट में ब्लोटिंग, सूजन या काफी ज्यादा डकार आना. यह सभी एसिडिटी के लक्षण हो सकते हैं. जहां तक सीने में दर्द की बात है तो क्या यह हार्ट अटैक के लक्षण है? लेकिन सीने में जलन और दिल का दौरा पड़ने पर सीधे तौर पर कोई खास संबंध नहीं है. खाना पचाने के लिए एसिड की जरूरत होती है. लेकिन अगर यही ज्यादा मात्रा में पेट में बनने लगे तो यह पूरे पाचन तंत्र को मुश्किल में डाल सकती है. स्पाइसी, फैट से भरपूर खाना और ओवर इटिंग करने के तुरंत बाद सोने से पेट में एसिडिटी होने लगता है. 

स्पाइसी और ओवर इटिंग के कारण भी पेट में एसिडिटी होता है

खाना पचाने के लिए एसिड की जरूरत होती है. लेकिन अगर यही ज्यादा मात्रा में पेट में बनने लगे तो यह पूरे पाचन तंत्र को मुश्किल में डाल सकती है. स्पाइसी, फैट से भरपूर खाना और ओवर इटिंग करने के तुरंत बाद सोने से पेट में एसिडिटी होने लगता है. धूम्रपान, शराब पीना और मोटापा एसिडिटी के खतरे को बढ़ा सकता है.ऐसा तब होता है जब पेट निकलकर छाती से सट जाता है. जिससे एसिड रिफ्लक्स हो सकता है.गर्भावस्था के दौरान हार्मोनल चेंजेज पेट पर दबाव एसिड रिफ्लक्स का कारण बन सकता है.

खाना खाने के तुरंत बाद नहीं सोना चाहिए 

कुछ दवाएं, जैसे एस्पिरिन, इबुप्रोफेन, कुछ मांसपेशियों को आराम देने वाली दवाएं, और रक्तचाप की दवाएं, निचले एसोफेजियल स्फिंक्टर (एलईएस) को आराम दे सकती हैं, जिससे एसिड वापस अन्नप्रणाली में प्रवाहित हो सकता है. गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी), पेप्टिक अल्सर और गैस्ट्रोपेरेसिस जैसी स्थितियां क्रोनिक एसिडिटी में योगदान कर सकती हैं. स्ट्रेस का ज्यादा बढ़ने से भी एसिडिटी बढ़ सकती है. चॉकलेट, खट्टे फल, टमाटर, पुदीना, प्याज और कैफीन एलईएस को आराम दे सकते हैं और एसिड रिफ्लक्स में मदद कर सकते हैं.खाना खाने के तुरंत बाद बिस्तर पर जाने से एसिडिटी के लक्षणों का खतरा बढ़ सकता है, क्योंकि खाने के तुरंत बाद लेटने से एसिडिटी होने लगता है. पेट पर दबाव डालने वाले टाइट बेल्ट या कपड़े पहनने से एसिड रिफ्लक्स को बढ़ावा मिल सकता है. एसिडिटी कभी-कभी दिल के दौरे का संकेत हो सकती है. हालांकि यह एक निश्चित लक्षण नहीं है. लेकिन खासकर महिलाओं को हार्ट अटैक से पहले सीने में जलन और अपच की शिकायत हो सकती है. ऐसे में लोग हार्ट अटैक के संकेत को पहचान नहीं पाते हैं. 

 एसिडिटी सीने में परेशानी का कारण बन सकती है. दोनों स्थितियों के बीच अंतर करना आवश्यक है क्योंकि दिल का दौरा एक चिकित्सा आपात स्थिति है जिस पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता होती है.  यदि आप अपने लक्षणों के कारण के बारे में अनिश्चित हैं और दिल का दौरा पड़ने का संदेह है, तो आपातकालीन सेवाओं को कॉल करके या पास के इमरजेंसी में जा सकते हैं. 

हार्ट की बीमारी के लिए WHO ने क्या कहा

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, हृदय रोग (सीवीडी) दुनिया भर में मौत का प्रमुख कारण है. जिससे हर साल अनुमानित 1.79 करोड़ मौतें होती हैं. वैश्विक स्वास्थ्य निकाय का कहना है सीवीडी से होने वाली पांच में से चार से अधिक मौतें दिल के दौरे और स्ट्रोक के कारण होती हैं, और इनमें से एक तिहाई मौतें 70 वर्ष से कम उम्र के लोगों में समय से पहले होती हैं.

स्टैट्सपर्ल्स पब्लिशिंग में पब्लिश के मुताबिक गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (जीईआरडी) के रूप में भी जाना जाता है. सबसे आम गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल विकारों में से एक है. जो पश्चिमी संस्कृति में लगभग 20% वयस्कों में पाया जाता है.सीने में जलन और दिल का दौरा दोनों ही सीने में महत्वपूर्ण दर्द पैदा कर सकते हैं. एक महत्वपूर्ण अंतर यह है कि दिल का दौरा आम तौर पर दर्द के बजाय दबाव, जकड़न या निचोड़ने जैसा महसूस होता है. सनसनी बाएं कंधे, बांह और गर्दन तक फैल सकती है. सीने में जलन अधिक जलन जैसी महसूस होती है और गले तक फैल सकती है.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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