Child Care Tips Grapefruit Is Harmful For Childrens Health Know Its Disadvantages

Grapefruit For Children : फल खाने से सेहत दुरुस्त रहती है. यह हर उम्र के लोगों के लिए फायदेमंद होती है. बच्चों को भी कम उम्र से ही हेल्दी चीजें जैसे फल खाने की आदत डलवानी चाहिए. हालांकि, कुछ फल बच्चों की सेहत के लिए ठीक नहीं माने जाते हैं. इनमें चकोतरा (Grapefruit) भी शामिल है. चकोतरा सेहतमंद फल माना जाता है. हालांकि बच्चों को ये फल खिलाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. वरना उन्हें नुकसान हो सकता है. आइए जानते हैं बच्चों को कब चकोतरा खिलाना चाहिए और कब नहीं…
बच्चों को चकोतरा खिलाना चाहिए या नहीं
बच्चों को 12 महीने की उम्र से पहले कभी भी खट्टे फल न खिलाने की सलाह दी जाती है. दरअसल, ये फल एसिडिक होते हैं. जिसकी वजह से बच्चे की स्किन पर दाने निकल सकते हैं. हालांकि, पीडियाट्रिशियन की सलाह पर 6 महीने के बाद बच्चों को चकोतरा खिला सकते हैं.
किन बच्चों को नहीं खिलाना चाहिए चकोतरा
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक, अगर कोई बच्चा कैल्शियम एंटागोनिस्ट, सिसाप्राइड और सिक्लोस्पोरिन जैसी दवाईयां ले रहा है तो उन्हें चकोतरा नहीं देना चाहिए. क्योंकि चकोतरा खाने से दवा का असर और बायो अवेलिबिलिटी प्रभावित हो सकता है. अगर आपका शिशु कोई दवा ले रहा है तो बच्चों को चकोतरा या उससे बना कोई भी प्रोडक्ट्स खिलाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
चकोतरा कितना फायदेमंद
चकोतरा का गूदा विटामिन ए और सी के साथ पोटेशियम से भरपूर है. इसमें लाइकोपेनिया और नरिंगिन जैसे कई फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं. इसलिए बच्चों के आहार को संतुलित बनाने के लिए उन्हें चकोतरा दे सकते हैं. चकोतरा में पानी और पोटेशियम जैसे इलेक्ट्रोलाइट्स की हाई मात्रा छोटे बच्चों को डिहाइड्रेशन से बचा सकता है. पानी और डायटरी फाइबर की वजह से यह फल बच्चों की आंत को एक्टिव रखने और पाचन में मददगार होता है. इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला फिनोल और फ्लेवेनोन जैसे कंपाउंड्स गट माइक्रोबायोटा को बढ़ावा देने में काफई मददगार हो सकता है.
क्या बच्चों को फलों का जूस दे सकते हैं
अमेरिकन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के मुताबिक, एक साल से कम उम्र के बच्चों को फलों का रस देना ठीक नहीं होता है. उन्हें चकोतरा ही नहीं किसी भी फल का जूस नहीं देना चाहिए. जूस के मुकाबले फल ज्यादा अच्छे माने जाते हैं. जूस में शुगर की ज्यादा मात्रा होने से दांतों में कैविटी की आशंका रहती है. इसकी वजह से दस्त की समस्या भी हो सकती है. इसलिए एक साल से कम उम्र के बच्चों को फलो का जूस नहीं देना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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