China Carries Out Combat Drills Around Taiwan Defence Ministry Detected Chinese Aircraft Crossed Median Line Ann

Taiwan China PLA: चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ने रविवार (8 जनवरी) को ताइवान के आसपास के क्षेत्रों में युद्धाभ्यास किया. ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने अनुसार, उन्होंने चीन के 57 विमानों को ताइवान की सीमा का निर्धारण करने वाले मीडियन लाइन पार करते हुए पकड़ा है. पीएलए ने इसे लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि ताइवान की खाड़ी में युद्ध की तैयारी और असल लड़ाई का साझा अभ्यास किया गया.
पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य बाहरी ताकतों और ताइवान की आजादी का समर्थन करने वाली ताकतों की भड़काने वाली कार्रवाइयों का पूरी तरह से मुकाबला करने की तैयारी था. इसके साथ ही देश की सेना की साझा क्षमताओं का परीक्षण करना भी था. ताइवान रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उसके सैन्य बल लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और इन गतिविधियों का जवाब देने के लिए कॉम्बैट पेट्रोल में विमान, नौसेना के जहाजों के अलावा मिसाइल प्रणालियों को भी सक्रिय किया गया है.
28 विमानों ने की ताइवान की सीमा में घुसपैठ
चीन की पीएलए ने एक महीने में दूसरी बार ताइवान और चीन के बीच स्थित बफर जोन में युद्धाभ्यास को अंजाम दिया है. दरअसल, चीन लोकतांत्रिक देश ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है और अपने दावों को मजबूत करने के लिए सैन्य, राजनीतिक और आर्थिक दबाव बनाता रहता है. रविवार को ताइवान के आस-पास किए गए युद्धाभ्यास में पीएलए के करीब 57 विमान और नौसेना के 4 जहाजों की मौजूदगी दर्ज की गई. बताया जा रहा है कि चीन के 28 विमानों ने ताइवान की मीडियन लाइन भी लांघी. जिनमें लड़ाकू विमानों के अलावा ड्रोन और अन्य टोही विमान भी शामिल हैं.
तीन साल में चीन ने समुद्री और हवाई इलाकों में बढ़ाए युद्धाभ्यास
चीन ने ताइवान को अपने देश में मिलाने के लिए कभी ताकत का इस्तेमाल नहीं किया, लेकिन बीते तीन सालों में पीएलए ने समुद्री और हवाई सीमा में लगातार सैन्य युद्धाभ्यासों को अंजाम दिया है. चीन ने बीते महीने भी ऐसे ही एक युद्धाभ्यास को अंजाम दिया था. जिसमें पीएलए के 43 विमानों ने ताइवान की मीडियन लाइन लांघी थी. बीते साल अगस्त में अमेरिका की राजनेता नैंसी पेलोसी के ताइवान आने के दौरान भी चीन ने इसी तरह का माहौल बनाया था.
वहीं, ताइवान चीन के तमाम दावों को पुरजोर तरीके से खारिज करते हुए खुद को एक स्वतंत्र देश बताता रहा है. ताइवान का कहना है कि इस द्वीप के 23 मिलियन लोग ही इसका भविष्य तय कर सकते हैं. बता दें कि ताइवान को मिले अमेरिकी समर्थन और हथियारों की खरीद पर चीन भड़का हुआ है. वहीं, अमेरिका के ताइवान के साथ कोई कूटनीतिक रिश्ते नहीं हैं, लेकिन वो द्वीप को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समर्थन के साथ हथियारों का सबसे बड़ा सप्लायर है.
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