China Pakistan CPEC Project PM Shahbaz Sharif Inaugurates Coal Fired Power Plants In Sindh Its Threat For India

CPEC China Pakistan: भारतीय राज्य जम्मू-कश्मीर के उत्तरी हिस्से से होकर गुजर रहे चाइना पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) में चीनी सरकार जमकर निवेश कर रही है. CPEC प्रोजेक्ट के तहत ही उसने पाक के थारपारकर में 2 पॉवर-प्लांट तैयार करवाए हैं. इन पॉवर-प्लांट का पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने उद्घाटन किया है.
चीन द्वारा निर्मित कोयले के दो पॉवर-प्लांट भारत से लगते सिंध प्रांत में संचालित हो रहे हैं. यह इलाका भारतीय राज्य गुजरात के कच्छ बॉर्डर से सटा हुआ है. कच्छ से पाकिस्तान के थारपारकर की दूरी सिर्फ 133 किलोमीटर है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पॉवर-प्लांट का उद्घाटन करते हुए कहा है कि ये दोनों देशों (पाक-चीन) के बीच बढ़ती दोस्ती और मजबूत साझेदारी की मिसाल है.
कंगाल पाकिस्तान को अब मिलेगी चीन की बिजली!
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, थारपारकर में शुरू हुए पॉवर-प्लांट 1320 और 330 मेगावाट की कैपिसिटी वाले हैं. जिनसे कंगाल पाकिस्तान के कई शहरों तक बिजली की किल्लत दूर होगी.
मालूम हो कि, आर्थिक तंगी के चलते पाकिस्तान के लोगों को बार-बार ब्लैक आउट का सामना करना पड़ रहा है. इस बीच, चीन के बनाए पॉवर प्लांट से पाकिस्तान के करीब 40 लाख लोगों को बिजली मिलने का दावा किया जा रहा है.
CPEC से भारत को खतरा, चीन लगा रहा पैसा
चीन पाकिस्तान में जो भी प्रोजेक्ट शुरू करा रहा है या जिनमें निवेश कर रहा है, वे ज्यादातर चाइना पाक इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) से संबंधित हैं. CPEC दरअसल, पाक के अवैध कब्जे वाले कश्मीर यानी कि पीओके से होकर निकले एक बड़े हाईवे को कहा जा रहा है, जो कि उत्तर में चीन से शुरू होकर दक्षिण में अरब सागर तक जाता है.
द प्रिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, सिंध प्रांत में चीन के प्रोजेक्ट्स से भारत के पर्यावरण और सुरक्षा को खतरा है. वहां चीन कोल माइनिंग का काम भी शुरू करने वाला है, वह इलाका भारत से महज 40 किमी दूर है. इस प्रोजेक्ट के लिए पाक में लगभग 10 लाख पेड़ काटे गए हैं, जिसका वातावरण पर बुरा असर पड़ेगा.
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