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CM योगी ने 12 घंटे में तलब की झांसी अग्निकांड की जांच रिपोर्ट, नवजातों की मौत पर जताया दुख

CM योगी ने 12 घंटे में तलब की झांसी अग्निकांड की जांच रिपोर्ट, नवजातों की मौत पर जताया दुख

झांसी मेडिकल कॉलेज में अग्निकांड पर सीएम ने जताया दुख.

झांसी मेडिकल कॉलेज अग्निकांड में अब तक 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हादसे के बाद से सक्रिय हैं. सीएम योगी ने घटना का संज्ञान लेते हुए उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक को स्वास्थ्य सचिव के साथ झांसी भेज दिया है. इसके साथ ही उन्होंने झांसी के मंडलायुक्त और डीआईजी को 12 घंटे में घटना के संबंध में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं. सीएम योगी ने घटना पर दुख जताया है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि ‘झांसी जिले में स्थित मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई दुर्घटना में बच्चों की मृत्यु अत्यंत दुखद और हृदय विदारक है. जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को राहत एवं बचाव तेज करने के निर्देश दिए गए हैं.

उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने जताया दुख

वहीं, स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग का दायित्व संभाल रहे राज्य के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में आग लगने की दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में कई नवजात शिशुओं की मृत्यु अत्यंत दुखद एवं हृदयविदारक है.पाठक ने कहा, जिला प्रशासन तथा संबंधित अधिकारियों को युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों को संचालित कराने के निर्देश दिए हैं. मैं भी दुर्घटना स्थल पर पहुंच रहा हूं. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि पुण्यात्माओं को शांति एवं घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें.

सबसे बड़ा लक्ष्य घायलों को बचाना

कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि कई नवजात शिशुओं की मौत हो गई और कई अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि जो बच्चे 40 प्रतिशत तक जल गए हैं, उन्हें संक्रमण हो सकता है. सबसे बड़ा लक्ष्य उन बच्चों को बचाना है.

एसएनसीयू वार्ड में लगी भीषण आग

दरअसल शुक्रवार देर-रात झांसी के महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू वार्ड) में भीषण आग लग गई. इसमें 10 नवजात शिशुओं की झुलसने एवं दम घुटने से मौत हो गई. मुख्य चिकित्सा अधीक्षक सचिन माहौर ने बताया कि एनआईसीयू वार्ड में 54 बच्चे भर्ती थे, अचानक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अंदर आग लग गई. आग बुझाने के प्रयास किए गए लेकिन चूंकि कमरा अत्यधिक ऑक्सीजनयुक्त था, इसलिए आग तेजी से फैल गई. कई बच्चों को बचा लिया गया. 10 बच्चों की मौत हो गई. घायल बच्चों का इलाज चल रहा है.

सेना और दमकल की गाड़ियां रेस्क्यू में जुटीं

वहीं हादसे की सूचना मिलते ही दमकल की गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं हैं. साथ ही सेना को भी बुला लिया गया है. सेना और दमकल की गाड़ियां आग बुझाने में जुटी हुई हैं. वहीं 10 नवजात की मौत से अस्पताल परिसर में कोहराम मचा हुआ है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रात करीब पौने 11 बजे एसएनसीयू वार्ड से धुआं निकलता दिखा था, जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने शोर मचाया. लेकिन जब तक कोई कुछ समझ पाता, आग की लपटें उठने लगीं. कुछ ही देर में आग ने वार्ड को पूरी तरह अपनी चपेट में ले लिया.

10 नवजातों की मौत

हादसे के तत्काल बाद नवजातों को बाहर निकालने की कोशिश की गई. लेकिन, धुंए और दरवाजे पर आग की लपट होने से नवजात बाहर नहीं निकाले जा सके. हालांकि कुछ देर बाद दमकल की गाड़ियों के पहुंचने पर नवजातों को बाहर निकाला जा सका. खबर लिखे जाने तक वार्ड से 10 नवजातों के शव बाहर निकाले जा चुके हैं. फिलहाल बचाव कार्य चल रहा था.



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