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'कोर्ट से बाहर निकाल दूंगा', सुनवाई के दौरान वकील पर क्यों भड़क गए CJI डीवाई चंद्रचूड़?


<p style="text-align: justify;">सुप्रीम कोर्ट में नीट-यूजी 2024 पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और अपनी बारी आने से पहले बोलने पर आमादा एक वकील के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसपर सीजेआई ने उन्हें अदालत कक्ष से बाहर निकाल देने की चेतावनी दी.&nbsp;</p>
<p style="text-align: justify;">जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि वह किसी भी वकील को अदालत में &lsquo;&lsquo;मनमर्जी&rsquo;&rsquo; नहीं करने देंगे.&nbsp;सीजेआई ने कुछ याचिकाकर्ताओं की ओर से उपस्थित वकील मैथ्यूज जे नेदुम्परा को उस समय फटकार लगाई, जब उन्होंने बार-बार आग्रह किया कि उन्हें बहस करने की अनुमति दी जाए, जबकि याचिकाकर्ताओं के मुख्य वकील वरिष्ठ अधिवक्ता नरेन्द्र हुड्डा अपनी दलीलें पेश करने वाले थे.</p>
<p style="text-align: justify;">जस्टिस चंद्रचूड़ ने नेदुम्परा से कहा कि बेंच हुड्डा द्वारा अपनी दलीलें पेश करने के बाद उन्हें बहस करने की अनुमति देगी. बेंच में जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा भी शामिल हैं. सीजेआई ने कहा, &ldquo;आप कृपया बैठ जाइए. मुझे आपको अदालत से बाहर निकालना पड़ेगा.&rdquo; उन्होंने गुस्से में कहा, &ldquo;मैं आपको चेतावनी दे रहा हूं.&rdquo;</p>
<p style="text-align: justify;">हालांकि, नेदुम्परा लगातार शिकायत करते रहे कि उन्हें अदालत में बोलने की अनुमति नहीं दी गई. इस बात से नाराज सीजेआई ने कहा, &ldquo;कृपया सुरक्षाकर्मियों को बुलाइए. हम उनसे इन्हें अदालत से बाहर ले जाने को कहेंगे.&rdquo;</p>
<p style="text-align: justify;">वकील ने अपने सहयोगियों की ओर रुख किया, जिसपर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, &ldquo;आप गैलरी में बात नहीं करेंगे. आप मेरी बात सुनेंगे. मैं अपने न्यायालय का प्रभारी हूं.&rdquo; नाराज वकील ने बेमन से कहा कि वह अदालत कक्ष से जा रहे हैं लेकिन सीजेआई नाइंसाफी कर रहे हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, &ldquo;मिस्टर मैथ्यूज, अब मैं कुछ ऐसा कहने के लिए बाध्य हो जाऊंगा जो बहुत अप्रिय होगा. कृपया चुप रहें. यहां बैठ जाएं. यदि आप जाना चाहते हैं, तो यह आपकी मर्जी है.&rdquo; सीजेआई ने नेदुम्परा से कहा कि जब हुड्डा बहस कर रहे हैं तो वह बीच में नहीं बोल सकते.</p>
<p style="text-align: justify;">उन्होंने नेदुम्परा से कहा, &ldquo;मैं आपकी बात सुनूंगा. लेकिन मैं आपकी बात हुड्डा की दलीलें समाप्त होने के बाद सुनूंगा.&rdquo; नेदुम्परा ने कहा कि जब भी वह बोलना चाहते हैं तो बेंच उन्हें रोक देती है और इस तथ्य की अनदेखी की जाती है कि वह अदालत कक्ष में मौजूद वकीलों में सबसे वरिष्ठ हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">सीजेआई चंद्रचूड़ ने गुस्से में कहा, &ldquo;मैं इस अदालत में प्रक्रिया प्रभारी हूं और मैं पिछले 24 वर्षों से न्यायपालिका में हूं. मैं किसी भी वकील को अदालत में मनमर्जी करने नहीं दूंगा.&rsquo;&rsquo; कोर्ट से बाहर निकलने से पहले नेदुम्परा ने तेज आवाज में कहा, &ldquo;मैंने 1979 से न्यायपालिका को देखा है.&rdquo; मामले में केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने वकील के इस व्यवहार को &ldquo;अवमाननापूर्ण&rdquo; बताया. नेदुम्परा कुछ देर बाद अदालत में लौटे और बेंच से माफी मांगी.</p>

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