Lakshagriha Case verdict know shastrarth proof of Lakshagriha construction

Lakshagriha: 53 साल से लाक्षागृह मामले की सुनवाई अदालत में चल रही थी. अदालत ने लाक्षागृह की 100 बीघा जमीन पर हिंदू पक्ष को अधिकार दिया है. मुस्लिम पक्ष यहां मजार और कब्रिस्तान होने का दावा कर रहा था. वहीं हिंदू पक्ष के दावे के मुताबिक यह महाभारत कालीन लाक्षागृह है. सोमवार 5 फरवरी 2024 को अदालत ने लाक्षागृह टीले को लेकर हिंदुओं के पक्ष में फैसला सुनाया. आइये जानते हैं लाक्षागृह के शास्त्रीय प्रमाण के बारे में-
महाभारत आदि पर्व 143.9–15 के अनुसार, दुर्योधन ने अपने विश्वास पात्र सहायक पुरोचन को एक बार हस्तिनापुर बुलाया और वारणाव्रत में आग लगाने की योजना बनाई. दुर्योधन ने पुरोचन से कहा “तुम वारणाव्रत के निकट ही एक ऐसा भवन तैयार कराओ जिसमें चारों ओर कमरे हों तथा जो सब ओर से सुरक्षित हो. वह भवन बहुत धन खर्च करके सुन्दर-से-सुन्दर बनवाना चाहिये. रस्सी तथा राल (Chemical) आदि, जो कोई भी आग भड़काने वाले द्रव्य संसार में हैं, उन सबको उस मकान की दीवारों में लगवा दो. घी, तेल तथा बहुत-सी लाइ मिट्टी में मिलवाकर उसी से दीवारों को लिपवाना.
उस घर के चारों ओर सन, तेल, घी, लाख और लकड़ी आदि सब वस्तुएं संग्रह करके रखना. अच्छी तरह देख- भाल करने पर भी पाण्डवों तथा दूसरे लोगों को भी इस बात की शंका न हो कि यह घर आग भड़काने वाले पदार्थों से बना है, इस तरह पूरी सावधानी के साथ उस राज–भवन का निर्माण करवाना. इस प्रकार महल बन जाने पर जब पाण्डव यहां जायें, तब उन्हें तथा उनके मित्र और परिवार सहित आदर-सत्कार देना. वहां पाण्डवों के लिये दिव्य आसन, सवारी और शय्या बनवाना.
अतः तुम खच्चर जुते हुए शीघ्रगामी रथ पर बैठ कर आज ही वहां पहुंच जाओ, ऐसी चेष्टा करो. वहां जाकर नगर के निकट ही एक ऐसा भवन तैयार कराओ जिसमें चारों ओर कमरे हों तथा जो सब ओर से सुरक्षित हो. प्रबंध ऐसा कर देना, जिसे सुनकर मेरे पिताजी संतुष्ट हों. जब तक समय बदलने के साथ ही अपने अभीष्ट कार्य की सिद्धि न हो जाये, तब तक सब काम इस तरह करना चाहिये कि वारणाव्रत नगर के लोगों को इसके विषय में कुछ भी ज्ञात न हो सके.”
इस बात से स्पष्ट होता है की वहां एक भवन था जो जल गाया था। कई लोगों का मानना है की उधर जलने के बाद छोटा भवन बनाया गया था, अगर आप चित्र देखेंगे तो आप खुद समझ जायेंगे की वह वही लाक्षागृह भवन था.
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