टेक्नोलॉजी

DoT x post video Indian soldiers repairing telecommunication network at 15000 ft know details

देश में दूरसंचार नेटवर्क को ठीक करने के लिए मैदानी इलाकों में तो कंपनियों के कर्मचारी मौजूद हैं. लेकिन पहाड़ों पर जहां आम इंसान का जाना मुश्किल होता है, वहां पर देश के जवान दूरसंचार नेटवर्क को सुचारु रूप से चलाने के लिए प्रयास करते रहते हैं. इसी बीच DoT ने एक्स पर एक पोस्ट किया है जहां पर 15 हजार की फिट पर भारतीय जवान दूरसंचान नेटवर्क को ठीक करने और स्थापित करने का कार्य कर रहे हैं. यह वीडियो लाहौल और स्पीति का है.

भारत की विविधता और विशाल भूगोल को देखते हुए, देश के दूरसंचार नेटवर्क को सुरक्षित और सुचारू रखना एक अत्यंत महत्वपूर्ण और चुनौतीपूर्ण कार्य होता है. चाहे वह हिमालय की बर्फीली चोटियाँ हों या थार के रेगिस्तान की तपती रेत, हमारे जवान भारत के हर कोने में यह सुनिश्चित करने में लगे हैं कि देश का संचार नेटवर्क हर परिस्थिति में सक्रिय और सुरक्षित रहे.

ऊंचाईयों पर विजय

भारत का दूरसंचार नेटवर्क न केवल विश्व के सबसे बड़े नेटवर्क्स में से एक है, बल्कि यह सबसे विविध और जटिल भी है. देश के कई महत्वपूर्ण सैन्य और नागरिक संचार नेटवर्क पहाड़ी क्षेत्रों और दुर्गम स्थानों पर स्थित हैं, जहां पर नेटवर्क के उपकरणों को स्थापित करना और उन्हें बनाए रखना एक बड़ा काम है. ऐसे में भारत के जवान हर संभव प्रयास करते हैं कि दूरसंचान व्यवस्था को ठीक से स्थापित किया जा सके जिससे हर व्यक्ति देश के कोने-कोने में एक दूसरे से जुड़ सके.

सुरक्षित संचार

देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण दूरसंचार नेटवर्क की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है. सेना और अर्धसैनिक बलों के जवान देश की सीमाओं पर केवल शत्रुओं से ही नहीं लड़ते, बल्कि साइबर खतरों से भी जूझते हैं. यह सुनिश्चित करना कि देश का संचार नेटवर्क साइबर हमलों से सुरक्षित रहे, यह भी आज के समय में महत्वपूर्ण हो गया है.

देश की सीमा पर तैनात जवान न केवल वायरलेस नेटवर्क के माध्यम से हर समय मुख्यालय से जुड़े रहते हैं, बल्कि वे इन नेटवर्क्स को सुरक्षित रखने के लिए भी निरंतर सतर्क रहते हैं. वे लगातार यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई भी बाहरी तत्व इन संचार लाइनों में हस्तक्षेप न कर सके.

यह भी पढ़ें:

अब बिना पासवर्ड के ‘X’ अकाउंट में होगा लॉगिन, आया ये नया फीचर, जानें डिटेल्स



Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button